Adani Group Stock: अडानी ग्रुप के शेयर ऑफर को बचाने में ये बड़े निवेशक, खुदरा निवेशकों और म्यूच्यूअल फंड्स ने रखी दूरी
Adani Group Stock: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की धमाकेदार रिपोर्ट के बाद जो जबर्दस्त हलचल मची थी उसके मद्देनजर, अडानी एंटरप्राइजेज अपने ऑफर की नैया पार लगाने में कामयाब रही।
Adani Group Stock: अडानी एंटरप्राइजेज का 20,000 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर पूरी तरह सफल रहा है। जितने शेयर थे उससे कहीं ज्यादा सब्सक्रिप्शन इसे मिला है। अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की धमाकेदार रिपोर्ट के बाद जो जबर्दस्त हलचल मची थी उसके मद्देनजर, अडानी एंटरप्राइजेज अपने ऑफर की नैया पार लगाने में कामयाब रही।
किसने बचाया
अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर ऑफर को बचाने में विदेशी निवेशक, गैर-संस्थागत निवेशक और कई टॉप भारतीय व्यापारी शामिल रहे। "हाई नेट वर्थ व्यक्तियों" की श्रेणी के लिए आरक्षित 96 लाख शेयरों के मुकाबले 3.2 करोड़ शेयरों की बोली लगी। यानी इसे 332 गुना सब्सक्राइब किया गया। अल्ट्रा हाई नेटवर्थ व्यक्तियों के लिए आरक्षित हिस्से को लगभग पांच गुना सब्सक्राइब किया गया, जिसमें भारतीय कार्पोरेट घरानों के पारिवारिक कार्यालय शामिल थे।
टॉप बिजनेसमैन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रमुख भारतीय बिजनेस के फैमिली ऑफिस काफी मददगार रहे। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, इन निवेशकों में मुकेश अंबानी, सज्जन जिंदल और सुनील मित्तल सहित टॉप व्यवसायी परिवार शामिल हैं। इस इश्यू में पार्टनरशिप फर्मों और एचयूएफ ने भी हिस्सा लिया।
विदेशी पोर्टफोलियो
बीएसई के आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अपनी श्रेणी में कुल 12.82 मिलियन शेयरों में से 12.43 मिलियन शेयरों के लिए बोली लगाई। इनमें अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, मेबैंक एशिया, गोल्डमैन सैक्स, नोमुरा, सोसाइटी जेनरेल, जुपिटर, बीएनपी परिबास, अल मेहवार, सिटीग्रुप और मॉर्गन स्टेनली जैसे विदेशी संस्थागत निवेशक शामिल थे।
घरेलू निवेशक
घरेलू निवेशकों में भारतीय जीवन बीमा निगम, एसबीआई कर्मचारी पेंशन फंड, एचडीएफसी लाइफ और एसबीआई लाइफ आदि शामिल रहे। लेकिन बोली लगाने में किसी म्युचुअल फंड ने भाग नहीं लिया।
गैर संस्थागत निवेशक
गैर संस्थागत बोलीदाता (एनआईआई) में निवासी भारतीय व्यक्ति, एनआरआई, एचयूएफ, कॉर्पोरेट निकाय, सोसायटी, ट्रस्ट तथा हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल यानी सुपर अमीर शामिल होते हैं। सो, एनआईआई ने अपनी कैटेगरी में उपलब्ध 9.6 मिलियन शेयरों के मुकाबले 31.93 मिलियन शेयरों के लिए बोली लगाते हुए 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया, जिसके परिणामस्वरूप इस श्रेणी में 3.3 गुना ओवरसब्सक्रिप्शन हुआ। 1 मिलियन रुपये से अधिक की उप-श्रेणी में, निवेशकों ने 31.85 मिलियन शेयरों के लिए बोली लगाई, कॉर्पोरेट्स ने 16.7 मिलियन शेयरों के लिए बोली लगाई, जबकि व्यक्तियों (आरआईआई के अलावा) ने 1.12 मिलियन शेयरों के लिए बोली लगाई।
खुदरा निवेशक
खुदरा निवेशकों ने सिर्फ 12 फीसदी का ही निवेश किया। खुदरा निवेशकों की तरह कर्मचारियों की भागीदारी भी मौन रही। कर्मचारियों के लिए आरक्षित हिस्से को 55 फीसदी ही सब्सक्राइब किया गया।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, इश्यू ने 45.5 मिलियन शेयरों के ऑफर साइज के मुकाबले 50.8 मिलियन शेयरों के लिए बोली प्राप्त की। बिक्री खुलने के दूसरे दिन सिर्फ 1.12 फीसदी की बोली मिली थी। बाजार में अडानी एंटरप्राइजेज ट्रेडिंग के शेयरों के 3,112 रुपये के फॉलो-ऑन ऑफर मूल्य के निचले सिरे से नीचे रहने के बावजूद ये ओवरसब्सक्रिप्शन मिला है।