अडानी ग्रुप के हवाले हुए लखनऊ एयरपोर्ट समेत देश के 5 हवाई अड्डे
सोमवार को लखनऊ हवाई अड्डे के निजीकरण के लिए बोली लगायी गयी जिसकी बाजी अडानी ग्रुप के हाथ लगी। अब लखनऊ समेत देश के 5 एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) एयरपोर्ट पर अब अडानी ग्रुप का कब्जा हो गया है।
लखनऊ: सोमवार को लखनऊ हवाई अड्डे के निजीकरण के लिए बोली लगायी गयी जिसकी बाजी अडानी ग्रुप के हाथ लगी। अब लखनऊ समेत देश के 5 एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) एयरपोर्ट पर अब अडानी ग्रुप का कब्जा हो गया है। इन पांच एयरपोर्ट में लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, त्रिवेन्द्रम और मंगलौर एयरपोर्ट का नाम शामिल है।
6 कंपनियां लखनऊ एयरपोर्ट लेने की इच्छुक थीं, लेकिन बाजी अडानी ग्रुप के हक में गई। नीति आयोग की सलाह पर यह टेंडर किया गया था। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने लखनऊ एयरपोर्ट के निजीकरण के लिए टेंडर आमंत्रित किए थे। बोली लगाने वालों में अडानी, जीएमआर, एएमपी, ऑटोस्ट्रेड, पीएनसी व आई-इन्वेस्टमेंट बड़ी कंपनियों ने शिरकत की थी।
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हाल में केंद्र सरकार की ओर से चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट सहित अहमदाबाद, जयपुर, गुवाहाटी, त्रिवेंद्रम, मंगलुरु एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया गया था। एयरपोर्ट के निजीकरण के बाद काफी परिवर्तन की उम्मीद जताई जा रही है। मसलन, निर्माण कार्यो में गति आएगी जबकि पार्किग व खान-पान में महंगाई की आशंका भी जताई जा रही है।
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गौरतलब है कि अडानी समूह ने 6 हवाई अड्डों में से 5 का प्रबंधन, विकास और संचालित करने के लिए बोली प्रक्रिया में सबसे आगे रहा। बोली प्रक्रिया का आयोजन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने किया। अडानी ग्रुप के पास एयरपोर्ट संचालन के अधिकार 50 साल की अवधि के लिए रहेंगे।
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परिसर में खानपान हो जायेगा महंगा
एयरपोर्ट परिसर में हवाई यात्रियों की जेब ढीली होना तय है। यहां दो दर्जन से अधिक छोटी-बड़ी शॉप हैं। नई कंपनियां आने से यहां कुछ दुकानदार जहां आशंकित हैं, वहीं कुछ को उम्मीद है कि बिजनेस बढ़ेगा तो किराया व टैक्स देने में दिक्कत नहीं होगी। पार्किग व खान-पान में महंगाई बढ़ने की उम्मीदें जताई जा रहीं हैं।