Agra Leather Business: आकार लेने लगे कारखाने, चमड़ा उद्योग को मिला बढ़ावा, ओडीओपी से बदली आगरा की सूरत 

Agra Leather Industry Business: आगरा की आधी आबादी चमड़े के कारोबार से जुड़ी हुई है। सिकंदरा इंडस्ट्रियल एरिया में लेदर की कई बड़ी फैक्ट्रियां हैं। आगरा में लेदर पार्क भी प्रस्तावित है। एक जनपद एक उत्पाद यानी ओडीओपी योजना से आगरा के लेदर उत्पाद को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलने लगी है। 

Report :  Rahul Singh
Update:2023-09-14 16:05 IST

Agra Leather Industry Business (Photo - Social Media)

Agra Leather Business: एक जनपद, एक उत्पाद (ODOP) योजना से आगरा के चमड़ा उद्योग को वैश्विक पहचान मिल रही है। यहां कुटीर उद्योग कारखाने का रूप लेने लगे हैं। जिससे  कारोबार से जुड़े उद्यमियों और कारीगरों के चेहरे पर खुशी दिखने लगी है। 

ओडीओपी में आगरा का चमड़ा उद्योग शामिल किया गया

उत्तर प्रदेश के शहर आगरा को पूरे विश्व में ताजमहल के लिए जाना जाता है। सफेद संगमरमर से बनी नायाब इमारत ताजमहल को देखने के लिए पर्यटक सात समंदर पार से आगरा आता है। आगरा में ताजमहल तो खास है ही लेकिन आगरा का चमड़ा उद्योग भी पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है। यही वजह है कि प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एक जिला एक उत्पाद ओडीओपी (ODOP) में आगरा के चमड़ा उद्योग को शामिल किया गया है। योजना के तहत प्रदेश सरकार जूता उद्योग से जुड़े उद्यमियों और कारीगरों को हर संभव सहायता, सब्सिडी प्रदान कर रही है। यमुना नदी के किनारे बसे आगरा शहर में करीब 40 लाख की आबादी निवास करती है। आगरा जनपद एमपी राजस्थान के बॉर्डर से सटा हुआ हैं। जिले में नौ विधानसभा है। दो लोकसभा क्षेत्र भी आगरा में हैं। 


आगरा में लेदर पार्क भी प्रस्तावित 

आगरा में बड़े पैमाने पर चमड़े का जूता बनाने का काम किया जाता है। आगरा के अलग-अलग इलाकों में कई छोटी, बड़ी जूता फैक्ट्रियां हैं। इन फैक्ट्री में चमड़े के जूते बनाए जाते हैं। अच्छी क्वालिटी के लेदर से पर्स और बेल्ट भी तैयार किए जाते हैं। कहना गलत नहीं होगा कि आगरा की आधी आबादी चमड़े के कारोबार से जुड़ी हुई है। सिकंदरा इंडस्ट्रियल एरिया में लेदर की कई बड़ी फैक्ट्रियां हैं। आगरा में लेदर पार्क भी प्रस्तावित है। एक जनपद एक उत्पाद यानी ओडीओपी योजना से आगरा के लेदर उत्पाद को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलने लगी है। छोटे कुटीर उद्योग आगरा में कारखाने का रूप लेने लगे हैं। 


कारीगर और निर्माताओं को योजनाओं से जोड़ा गया 

वित्तीय वर्ष 2022-23 में 96 लोगों को योजना से लाभान्वित किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में ‘एक जिला, एक उत्पाद योजना’ की शुरुआत की थी। आगरा में चमड़ा उत्पाद और मार्बल उत्पाद को ‘एक जिला, एक उत्पाद योजना’ में शामिल किया गया था। यह योजना मार्बल और चमड़ा उत्पाद से जुड़े सभी कारीगरों और निर्माताओं के लिए खुली है। जिला उद्यम कार्यालयों के माध्यम से संबंधित ओडीओपी उत्पाद कारीगर और निर्माताओं को योजनाओं से जोड़ा जाता है। 


2 करोड़ रुपए तक बैंक लोन की सुविधा 

आगरा का चमड़ा उद्योग यहां के सबसे पारंपरिक और मूल उद्योगों में से एक है। योजना के माध्यम से नए और पुराने उद्योगों को 2 करोड़ रुपए तक का लोन बैंक के माध्यम से प्रदान किया जाता है। वर्ष 2018 से अब तक सैकड़ों की संख्या में कारीगरों और निर्माता को योजना का लाभ प्रदान किया गया है। ओडीओपी इकाइयों और कारीगरों को योजना के तहत मार्जिन मनी सब्सिडी प्रदान की जा रही है। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कारीगरों को नई तकनीकी की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। ताकि कारीगर अपने काम को और बेहतर बना सकें। आगरा जिले में काफी संख्या में लोग ओडीओपी योजना का लाभ ले चुके हैं।


इस कारोबारी की बदली तकदीर 

योजना का लाभ लेने वालों में एक गजेंद्र पिप्पल भी हैं। जगदीशपुर थाना क्षेत्र के नगला जीत के रहने वाले गजेंद्र पिप्पल ने बताया कि वह जूता उद्योग को बढ़ावा देना चाहते थे, लेकिन पर्याप्त धन न होने की वजह से काम को आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे। वर्ष 2019 में जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से उन्हें ओडीओपी योजना के बारे में जानकारी मिली। आवेदन करने पर उन्हें बैंक से 25 लाख रुपए का ऋण प्रदान किया गया। लोन मिलने के बाद उन्होंने अपना जूता उद्योग लगाया। अब जूता उद्योग से उन्हें अच्छी खासी आमदनी हो रही है। उनकी घर गृहस्थी बहुत अच्छे से चल रही है। कारोबार का सालाना टर्नओवर भी काफी बढ़ गया है। पहले उनके कारखाने में करीब 15 लोग काम करते थे। अब यह संख्या 40 तक पहुंच गई है। अशोक पीपल ने बताया कि उनके कारखाने में बने जूते की विदेश में भी डिमांड है, काफी संख्या में लोग उनकी कंपनी का जूता ऑनलाइन भी खरीदने हैं, बुक करते हैं। कारोबारी अशोक पिप्पल ने सरकार की इस योजना का की सराहना की। कहा कि सरकार ने उद्योग से जुड़े लोगों को बहुत बड़ी मदद दी है। व्यवसाय में लोगों को नौकरी देने की संभावना बढ़ी है। आमदनी में भी इजाफा हो रहा है। वह खुद भी लोगों को ओडीओपी योजना के बारे में जानकारी दे रहे हैं। लोगों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। 



छोटे हस्तशिल्प व्यवसायियों की मिलने लगे ऑर्डर

ओडीओपी योजना ने आगरा के चमड़े के जूते और संगमरमर हस्तशिल्प उद्योगों के विकास में उत्प्रेरक के रूप में काम किया है। जहां फुटवियर इकाइयों को मशीनरी के उन्नयन के लिए ऋण मिल रहा है, वहीं कारीगरों को अपनी कला बेचने के लिए रेलवे स्टेशनों पर स्टॉल मिल रहे हैं। कई हस्तशिल्प एम्पोरियमों ने आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके हस्तशिल्प के उत्पादन को फिर से शुरू करने के लिए ऋण लिया है। कोविड के कारण हस्तशिल्प उद्योग को लगे भारी झटके के बाद हजारों शिल्पकार गरीबी में जीवन गुजार रहे थे। लेकिन सरकार के प्रोत्साहन से कारीगरों को फिर से काम मिलने लगा है। क्योंकि छोटे हस्तशिल्प व्यवसायियों ने उन्हें ऑर्डर देना शुरू कर दिया है।

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