नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से प्रत्यक्ष कर संग्रह पर भी असर पड़ा है क्योंकि अनुपालन बढ़ा है और पहचान की तकनीक में भी वृद्धि हुई है।
जेटली ने यहां बुधवार को वोल्टर्स क्लूवेर द्वारा प्रकाशित किताब 'कंसाइज कमेंट्री ऑन इनकम टैक्स' का लोकार्पण करते हुए कहा, "जीएसटी के अंतर्गत इनपुट टैक्स का दावा करने के लिए लोगों को अपने लेनदेन के आंकड़ों की जानकारी देनी होती है। इससे प्रत्यक्ष कर संग्रह पर भी प्रासंगिक प्रभाव पड़ता है।"
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उन्होंने कहा, "इसलिए जीएसटी का असर न सिर्फ अप्रत्यक्ष करों की वसूली पर हुआ है, बल्कि प्रभावी प्रणाली के कारण इसका असर प्रत्यक्ष कर संग्रह पर भी पड़ा है। इसके अंतर्गतत प्रौद्योगिकी की वजह से कर पहचान की संभावना बहुत अधिक है।"
वित्तमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू करने से पहले भी नोटबंदी के कारण निजी आयकर के तहत प्रत्यक्ष कर चुकाने वालों की संख्या बढ़ी थी।
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जीएसटी के तहत सख्त कर अनुपालन कदम उठाने का संकेत देते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में यह 'स्वैच्छिक अनुपालन' है, लेकिन जिन लोगों द्वारा दाखिला वाउचर वास्तविक लेनदेन से मेल नहीं खाता है, उनपर कार्रवाई की जाएगी।
जेटली ने कहा, "अभी एक दो महीनों के लिए प्रयोग चल रहा है। यह प्रणाली कर चोरी पकड़ने में सक्षम है, पहले उन्हें चेतावनी जारी की जाएगी।"
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उन्होंने कहा कि हालांकि ईमानदार करदाताओं को चिंतित होने की जरूरत नहीं है।
-आईएएनएस