Adani Group–Axis Bank: अडानी ग्रुप को दिए कर्ज को लेकर चिंतित नहीं है एक्सिस बैंक, RBI को दी लोन की जानकारी
Adani Group–Axis Bank: देश की सुप्रीम बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अडानी समूह की कंपनियों को कर्ज देने वाले देश के सार्वजनिक एवं निजी बैंकों से जानकारी मांगी।
Adani Group–Axis Bank: अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद विवादों में घिरे अडानी समूह को मिले कर्जों की जांच पड़ताल शुरू हो गई है। देश की सुप्रीम बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अडानी समूह की कंपनियों को कर्ज देने वाले देश के सार्वजनिक एवं निजी बैंकों से जानकारी मांगी। इसी क्रम में निजी क्षेत्र की बड़ी बैंक एक्सिस बैंक ने अडानी ग्रुप को दिए गए कर्ज के बारे में जानकारी दी है। बैंक ने बताया कि अडानी ग्रुप को दिया गया कर्ज, उसके कुल ऋण का मात्र 0.94 प्रतिशत है।
एक्सिस बैंक ने शेयर बाजार से कहा कि हम किसी भी कंपनी को सिक्योरिटी, देनदारी और लोन चुकाने की क्षमता पर ही लोन देते हैं। इसलिए अडानी को दिए गए लोन पर हम सहज हैं। बैंक ने बताया कि अडानी समूह को दिया गया कर्ज मुख्य तौर पर बंदरगाहों, ट्रांसमिशन, गैस वितरण, हवाई अड्डों, सड़क और बिजली जैसे क्षेत्रों में काम कर रही कंपनियों के लिए है।
बैंक ने आगे बताया कि फंड आधारित लोन 0.29 प्रतिशत है, जबकि नॉन फंड आधारित लोन 0.58 प्रतिशत है। 31 दिसंबर 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, बैंक ने 0.07 प्रतिशत का निवेश किया है। निजी क्षेत्र की बैंक ने बताया कि उसके पास 31 दिसंबर 2022 तक 1.53 प्रतिशत के स्टैंडर्ड एसेट कवरेज के साथ एक मजबूत बैलेंस शीट है।
अन्य बैंकों द्वारा दिया गया लोन
एक्सिस बैंक के अलावा देश की अन्य बैंकों ने भी अडानी समूह को हजारों करोड़ रूपये का लोन दिया है। देश की सबसे बड़ी बैंक एसबीआई ने समूह को 27 हजार करोड़ का लोन दिया है। इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा ने 7-7 हजार करोड़ रूपये के लोन दिए हैं। एक्सिस बैंक की तरह इन बैंकों को भी लोन के डूबने की चिंता नहीं है।
बता दें कि हिंडेनबर्ग ने 24 जनवरी को जारी अपनी रिपोर्ट में बताया था कि अडानी समूह की सभी प्रमुख लिस्टेड कंपनियों पर काफी ज्यादा कर्ज है। इन कंपनियों के शेयर 85 प्रतिशत अधिक ओवरवैल्यूड हैं। इतना ही नहीं फाइनेंशियल रिसर्च फर्म ने समूह पर अकाउंटिंग फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोप भी लगाए हैं। रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर लगातार नीचे गिर रहे हैं। उनके खिलाफ जांच की मांग को लेकर संसद से सड़क तक संग्राम छिड़ा हुआ है।