Bank Strike: फटाफट निपटा लीजिए बैंकिंग काम, होने वाली हड़ताल; कई दिन बंद रहेंगे बैंक

Bank Strike: दिसंबर के महीने में छह दिनों के लिए बैंक कर्मचारी देशव्यापी हड़ताल पर जाएगें। विभिन्न बैंक और सरकारी और निजी दोनों बैंक हड़ताल का हिस्सा होंगे।

Report :  Viren Singh
Update:2023-11-17 12:09 IST

Bank Strike (सोशल मीडिया) 

Bank Strike: अगर आप बैंकिंग काम के लिए प्रति दिन बैंक शाखा जाते हैं या फिर अगले महीने कई बैंकिंग कार्य के लिए दिन निर्धारित किया है तो आपके के लिए बुरी खबर है। दरअसल, अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बैंक कर्मी अगले महीने से देशव्यापी हड़ताल पर जाने वाले हैं। बैंक कर्मचारी दिसंबर महीने में छह दिनों के लिए देशव्यापी हड़ताल करने का ऐलान किया है। इस हड़ताल में सरकारी बैंक से लेकर निजी बैंक शामिल हैं। ऐसे में अगर आप दिसंबर माह में कोई बैंकिंग कामकाज का दिन निर्धारित किया है तो उसको नवबंर महीने में पूरा कर लें, ताकि आपको समस्या का सामना न करना पड़े।

हड़ताल को लेकर एआईबीईए ने जारी की अधिसूचना

राष्ट्रीव्यापी हड़ताल को लेकर ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉई एसोसिएशन (एआईबीईए) ने एक अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना में कहा कि दिसंबर के महीने में छह दिनों के लिए बैंक कर्मचारी देशव्यापी हड़ताल पर जाएगें। विभिन्न बैंक और सरकारी और निजी दोनों बैंक हड़ताल का हिस्सा होंगे। AIBEA 4 से 11 दिसंबर तक बैंकवार हड़ताल करेगा।

इस इस दिन बंद रहेंगे बैंक

नोटिफिकेशन के मुताबिक अगले महीने इन दिनों बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और पंजाब एंड सिंध बैंक के कर्मचारी 4 दिसंबर को हड़ताल पर रहेंगे। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी 5 दिसंबर को हड़ताल पर रहेंगे। केनरा बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी 7 दिसंबर को हड़ताल पर रहेंगे, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कर्मचारी 8 दिसंबर को हड़ताल पर रहेंगे. 11 दिसंबर को प्राइवेट बैंक हड़ताल पर रहेंगे।

जानिए क्या है कि AIBEA की मांगें

AIBEA ने अपनी मांगों की सूची में कहा है कि सरकार को बैंकों में स्थायी नौकरियों की आउटसोर्सिंग बंद करनी चाहिए और बैंकों में अवार्ड स्टाफ की पर्याप्त भर्ती भी करनी चाहिए। एआईबीईए के महासचिव सी.एच वेंकटचलम ने पहले बताया था कि कुछ बैंकों द्वारा नौकरियों की आउटसोर्सिंग निचले स्तर पर भर्ती में कमी के अलावा ग्राहकों की गोपनीयता और उनके पैसे को खतरे में डाल रही है।

वेंकटचलम ने आगे कहा था कि कुछ बैंक औद्योगिक विवाद (संशोधन) अधिनियम का भी उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि जहां श्रम अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया है, वहां भी प्रबंधन ने उनकी सलाह को नजरअंदाज कर दिया है, औद्योगिक विवाद अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है और कर्मचारियों को जबरन स्थानांतरित कर दिया है।

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