एयरटेल बनेगी विदेशी कंपनी: सरकार से मांगी इजाजत, 4900 करोड़ के निवेश...

बताते चलें कि इंडिया में इन दिनों ट्राई के नियम आ जाने के बाद सभी कंपनियों ने अपने प्लान में बड़ा बदलाव किए हैं। कंपनियों ने अपने प्लान्स रेट में बढ़ोत्तरी कर दिए हैं। इससे ग्राहकों में खासी नाराजगी भी देखने को मिल रही है।

Update: 2019-12-08 15:46 GMT

नई दिल्ली: जहां एक तरफ देश में टेलीकॉम कंपनियों में ​कम्पटीशन होने के चलते असमंजस की स्थिति बनी हुई है, वहीं भारती टेलिकॉम ने सिंगापुर की सिंगटेल और अन्य विदेशी कंपनियों से 4,900 करोड़ रुपये के निवेश के लिए सरकार से अनुमति मांगी है। इस कदम से देश की सबसे पुरानी निजी क्षेत्र की यह दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी एक विदेशी इकाई बन जाएगी।

बता दें कि भारती टेलिकॉम, भारती एयरटेल की प्रोमोटर कंपनी है। मामले से जुड़े एक अधिकारिक सूत्र ने बताया कि इस पूंजी निवेश से भारती टेलिकॉम में विदेशी हिस्सेदारी बढ़कर 50 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी, जिससे यह एक विदेशी स्वामित्व वाली इकाई बन जाएगी।

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गौरतलब है कि वर्तमान में सुनील भारती मित्तल और उनके परिवार की भारती टेलिकॉम में करीब 52 प्रतिशत हिस्सेदारी है। भारती टेलिकॉम की भारती एयरटेल में करीब 41 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

मिली जानकारी के मुताबिक दूरसंचार विभाग द्वारा इसी महीने इस निवेश को मंजूरी देने की उम्मीद है।' दूरसंचार विभाग ने इससे पहले इस साल की शुरुआत में भारती एयरटेल के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आवेदन को खारिज कर दिया था, क्योंकि कंपनी ने विदेशी निवेश के बारे में स्पष्ट नहीं किया था।

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भारती एयरटेल में कुल विदेशी हिस्सेदारी 43 प्रतिशत है

ध्यान रहे कि वर्तमान में भारती एयरटेल में कुल विदेशी हिस्सेदारी 43 प्रतिशत है। प्रवर्तक इकाई भारती टेलिकॉम के विदेशी इकाई बन जाने के साथ ही कंपनी (भारती एयरटेल) में विदेशी हिस्सेदारी बढ़कर 84 प्रतिशत के पार हो जाएगी।

बताते चलें कि इंडिया में इन दिनों ट्राई के नियम आ जाने के बाद सभी कंपनियों ने अपने प्लान में बड़ा बदलाव किए हैं। कंपनियों ने अपने प्लान्स रेट में बढ़ोत्तरी कर दिए हैं। इससे ग्राहकों में खासी नाराजगी भी देखने को मिल रही है।

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