Budget 2023: मत्स्य उद्योग से जुड़े लोगों को बजट से मिली राहत, सरकार ने दिए इतने हजार करोड़ रुपये
Budget 2023: पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत एक नई उप-योजना की घोषणा की है। इसके लिए सरकार ने 6,000 करोड़ रुपये का निवेश लक्ष्य रखा है।
Budget 2023: केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पांचवां और अपनी सरकार 2.0 का आखिरी पूर्ण केंद्रीय बजट 2023-24 बुधवार को पेश कर दिया है। यह बजट वित्त वर्ष ने संसद भवन में पेश किया है। पहले देशवासियों को इस बजट से काफी उम्मीदें थी, लेकिन सरकार ने भी लोगों की उम्मीदों का ध्यान में रखते हुए अपना पिटारा खोला। सरकार के खोले इस पिटारे में सरकार ने अंत छोर पर खड़े हुए व्यक्तियों भी ध्यान रखा और देश में मछुआरों, मछली विक्रेता और इस उद्योग में शामिल हर व्यक्ति ध्यान में रखते हुए विशेष राहत की घोषणा की।
बजट में नई उप योजना की घोषणा
केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट 2023 में पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत एक नई उप-योजना की घोषणा की है। इस नई उप योजना के लिए सरकार ने 6,000 करोड़ रुपये का निवेश लक्ष्य रखा है। वित्त मंत्री ने कहा कि इन नई उप योजना मछुआरों, मछली विक्रेताओं और एसएमई विक्रेताओं के लिए गतिविधियों को सक्षम करेगी और उन्हें बाजारों का विस्तार करने में भी मदद करेगी।
जानें कब शुरू हुई योजना
आपको बता दें कि मछली और अन्य जलीय संसाधनों के उत्पादन और उत्पादक के साथ समुद्री खाद्य उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने साल 2020 में प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) योजना शुरू की गई थी। इस योजना के शुरू होने के बाद सरकार ने इसमें प्रबंधन और विपणन में सुधार करने की कोशिश की।
योजना से मत्स्य पालन में हुई 14 फीसदी की वृद्धि
पीएमएसएसवाई की सितंबर 2022 में दूसरी वर्षगांठ मनाई गई थी। इस पर केंद्र सरकार ने कहा था कि 2019-20 से 2021-22 तक मत्स्य पालन में 14.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, मछली उत्पादन 2019-20 के दौरान 141.64 लाख टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो 2021-22 के दौरान 161.87 लाख टन (अनंतिम) था।
निर्यात पहुंचा सर्वकालिक उच्च स्तर पर
सरकार ने यह भी कहा कि देश ने 57,587 करोड़ रुपये (7.76 बिलियन डॉलर) मूल्य के 13.64 लाख टन का सर्वकालिक उच्च निर्यात हासिल किया है, जिसमें झींगा निर्यात का वर्चस्व है। वर्तमान में भारत 123 देशों को निर्यात करता है।
जलीय कृषि किसानों को मिलेगा बढ़ावा
बजट में मत्स्य पालन के लिए 6 हजार करोड़ रुपये की राशि आवंटित होने से जलीय कृषि किसानों को बढ़ावा मिलेगा, जो रूस-यूक्रेन युद्ध और मुद्रास्फीति के कारण वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बीच निर्यात और बिक्री में मंदी का सामना कर रहे हैं। गुजरात में झींगा मछली का कारोबार कर रहे एक किसान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उत्पादन लागत लगभग 35 प्रतिशत बढ़ गई है, जबकि बिक्री मूल्य 25 प्रतिशत गिर गया है। पिछले एक साल में निर्यात में भी करीब 15 फीसदी की गिरावट आई है। मत्स्य पालन के लिए 6,0000 करोड़ रुपये निर्धारित होने से अवंती फीड्स और एपेक्स फ्रोजन जैसी कंपनियों को फायदा हो सकता है।