बीते 12 महीने में सर्वाधिक चिंता का विषय, बिजनेसमैन ने जारी किया बीते एक साल की सबसे बड़ी समस्या का ग्राफ

Bussiness News: आरपीजी समूह के चेयरमैन हर्ष गोयंका ने एक ग्राफ के माध्यम से एक आंकड़ा समझ किया है।

Report :  Rajat Verma
Published By :  Ragini Sinha
Update: 2022-02-20 05:20 GMT

बीते 12 महीने में सर्वाधिक चिंता का विषय (Social Media)

Bussiness News: माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर आरपीजी समूह के चेयरमैन हर्ष गोयंका ने एक ग्राफ के माध्यम से एक आंकड़ा समझ किया है, जो बीते एक साल यानी जनवरी 2021 से जनवरी 2022 के मध्य की सबसे बड़ी चिंताओं और समस्याओं के उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। इस आंकड़े कुल 28 देशों के 16 से 64 साल के बीच के लोगों पर किया गया है। 

क्या कहता है ग्राफ?

इस प्रदर्शित ग्राफ में कोरोना महामारी, गरीबी व सामाजिक असमानता, बेरोजगारी व नौकरी, आर्थिक व राजीनीतिक भ्रष्टाचार तथा अपराध और हिंसा के आंकड़े साझा किए गए हैं तथा साथ ही इन आंकड़ों में बीते 1 साल में आए बदलावों को भी दर्शाया गया है।

कोरोना महामारी- ग्राफ के माध्यम से साल 2021 जनवरी से लेकर 2022 जनवरी तक कोरोना महामारी के मद्देनजर लोगों की चिंता में गिरावट देखी गई है, लेकिन इसी के साथ सितबंर और नवंबर 2021 माह के आसपास कोविड मामलों को लेकर चिंताओं में थोड़ी वृद्धि दर्ज हुई।

गरीबी व सामाजिक असामनता- इस मामले के मद्देनज़र लोगों की चिंताओं में सम्पूर्ण रूप से बढ़ोत्तरी हुई है।

बेरोजगारी व नौकरी- बेरोजगारी व नौकरी को लेकर हालात सम्पूर्ण रूप से सामान्य बने हुए हैं। साल के मध्य में थोड़ा उतार चढ़ाव देखा गया लेकिन अंत तक हालात समान नज़र आए। 

आर्थिक व राजनीतिक भ्रष्टाचार- बेरोजगारी व नौकरी की भांति आर्थिक व राजनीतिक भ्रष्टाचार भी ज्यों का त्यों बना हुआ है। तमाम कोशिशों के बावजूद इस दिशा में कमी दर्ज नहीं हुई है।

अपराध व हिंसा- अपराध व हिंसा को लेकर सम्पूर्ण रूप से 2021 जनवरी और 2022 जनवरी के आंकड़ों के मुताबिक थोड़ी बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। 

यह आंकड़े वाकई में चिंताजनक है। लोगों की चिंता का कारण बढ़ रही महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पूर्व के समान आज भी कायम है। यह ऐसा मुद्दा है जो आने वाले समय में जल्द ही खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। 

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