CITI : वस्त्र निर्यात में कमी व आयात में इजाफा निराशाजनक
कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (सीआईटीआई) के चेयरमैन संजय जैन ने इस साल के शुरुआती महीने जनवरी में भारत के वस्त्र एवं परिधान निर्यात में गिरावट और आयात में इजाफा होने पर निराशा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने पर वस्त्र, परिधान व धागों का आयात सस्ता हो गया है। उन्होंने शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि पिछले साल की समान
नई दिल्ली: कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (सीआईटीआई) के चेयरमैन संजय जैन ने इस साल के शुरुआती महीने जनवरी में भारत के वस्त्र एवं परिधान निर्यात में गिरावट और आयात में इजाफा होने पर निराशा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने पर वस्त्र, परिधान व धागों का आयात सस्ता हो गया है। उन्होंने शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले देश से वस्त्र एवं परिधान के निर्यात में जनवरी 2018 में 13 फीसदी की गिरावट आई है जो निराशाजनक है।
भारत ने बीते महीने में कुल 18,588 करोड़ रुपये मूल्य का वस्त्र एवं परिधान निर्यात किया जबकि जनवरी 2017 में देश के वस्त्र एवं परिधान निर्यात का मूल्य 21,467 करोड़ रुपये था।
भारत ने जनवरी 2017 में 6,355 करोड़ रुपये का वस्त्र निर्यात किया था जो इस साल जनवरी में 16 फीसदी घटकर 5,369 करोड़ रुपये रह गया। इसी प्रकार भारत ने बीते साल जनवरी में 10,373 करोड़ रुपये मूल्य का परिधान निर्यात किया था जो जनवरी 2018 में 14 फीसदी घटकर 8,883 करोड़ रुपये रह गया।
जैन ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने पर वस्त्र आयात में बढ़ोतरी पर चिंता जाहिर की। उन्होंने बताया कि टेक्सटाइल यार्न, फैब्रिक और तैयार परिधानों का आयात बीते वित्तवर्ष 2017 के अप्रैल से जनवरी के बीच 8,592 करोड़ रुपये मूल्य का हुआ था, जो इस इस वित्तवर्ष की समान अवधि में 15 फीसदी बढ़कर 9,914 करोड़ रुपये मूल्य का हो गया। उन्होंने कहा कि इसस भारतीय उद्योग के लिए संकट पैदा हो गया है। जैन के मुताबिक, जीएसटी लागू होने के बाद आयात शुल्क में कमी होने से इन उत्पादों का आयात सस्ता हो गया है।
--आईएएनएस