Cryptocurrency News: अमेरिकी संविधान को खरीदेगा क्रिप्टो ग्रुप

Cryptocurrency News: दुनिया में अमेरिकी संविधान की मूल प्रति सिर्फ एक ही व्यक्ति के पास है। और इसकी नीलामी ब्रिटिश नीलामी घर सोथेबी करने वाला है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Monika
Update:2021-11-18 17:08 IST

अमेरिकी संविधान नीलामी (फोटो : सोशल मीडिया ) 

Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी की ताकत और फैलाव इस कदर हो गया है कि अब क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) के दीवानों का एक ग्रुप अमेरिकी संविधान (US Constitution) की दुर्लभ मूल कॉपी को खरीदने की बोली लगाएगा। ये बोली आज लगनी है।

दुनिया में अमेरिकी संविधान की मूल प्रति सिर्फ एक ही व्यक्ति के पास है और इसकी नीलामी (US Samvidhan ki nilami)  ब्रिटिश नीलामी घर सोथेबी करने वाला है। अमेरिका के संविधान के पहले संस्करण की सिर्फ 13 प्रतियां मौजूद ( sanskaran ki13 copies maujood)  हैं। ये आधिकारिक संस्करण 1787 में प्रकाशित किया गया था। इनमें से एक प्रति 1988 में रियल एस्टेट डेवलपर हॉवर्ड गोल्डमैन ने 1 लाख 65 हजार डॉलर में सोथेबी से खरीदी थी। गोल्डमैन की मृत्यु (Howard Goldman death ) हो चुकी है और अब उनकी पत्नी डोरोथी टेपार गोल्डमैन के पास ये प्रति है।अब इसकी नीलामी होने जा रही है। नीलामीकर्ता सोथेबी को उम्मीद है कि इसकी बोली 15 से 20 मिलियन डॉलर के बीच लगेगी।

इंटरनेट पर जुड़े कुछ दोस्तों ने इस प्रति के लिए बोली (internet bid) लगाने का फैसला किया है। इसके लिए क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) जमा की गईं हैं। इस ग्रुप ने अपना नाम रखा है - कॉन्स्टिट्यूशन डीएओ (डिसेंट्रलाइज़्ड ऑटोनोमस ऑर्गनाइजेशन)। क्रिप्टोकरेंसी की तरह इस ग्रुप की कोई केंद्रीय अथॉरिटी नहीं (no central authority) है। बोली के लिए फंड्स जुटाने की मुहिम एथेरेम नेटवर्क पर छेड़ी गई और जुइसबॉक्स नामक प्लेटफार्म पर धन एकत्र किया गया। ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल करते हुए इन दोस्तों ने चंद दिनों में 25 मिलियन डॉलर से ज्यादा एकत्र कर लिए हैं।

इस ग्रुप के सदस्य 19 - 20 के युवक हैं 

अभी तक तो सब ठीक है लेकिन दिक्कत ये है कि संविधान कोई डिजिटल एसेट तो है नहीं। ये भौतिक चीज है। कॉन्स्टिट्यूशन डीएओ के सदस्य इसे रखेंगे कहां, कौन इसे सोथेबी से ले जाएगा, कौन पेमेंट करेगा? इस ग्रुप के सदस्य 19 - 20 के युवक हैं और उनको शायद ही ऐसी नीलामियों का तजुर्बा है। लेकिन इनको इन सबसे कोई मतलब नहीं है। इनका उद्देश्य सिर्फ व्यवस्था में बदलाव लाना है, जनता के हाथ में ताकत लानी है।

कॉन्स्टिट्यूशन डीएओ के एक संयोजक 19 वर्षीय मिगुएल का कहना है कि संविधान की प्रति के भौतिक पहलुओं के बारे में सोचा जा रहा है। इसके बारे में कानूनी, इतिहासकारों और नीलामी विशेषग्यों से मशविरा किया जा रहा है।

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