Da Hike: केंद्रीय कर्मचारियों-पेंशनर्स को मोदी सरकार की सौगात, 4% बढ़ा महंगाई भत्ता...सिलेंडर पर सब्सिडी एक साल बढ़ी
7th Pay Commission: केंद्र सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। इन्हें जनवरी और फरवरी महीने का एरियर भी दिया जाएगा।
7th Pay Commission : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार (24 मार्च) को केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ा तोहफा दिया। केंद्र सरकार ने एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मियों के महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की वृद्धि की है। महंगाई भत्ते को 38 फीसदी से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया गया। बता दें, मौजूदा बढ़ोतरी 1 जनवरी 2023 से प्रभावी होगी। इससे केंद्र सरकार पर हर साल 12,815 करोड़ रुपए का वित्तीय भार पड़ेगा।
बता दें, हर साल मार्च महीने में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में केंद्र सरकार बढ़ोतरी करती है। ताकि केंद्रीय कर्मियों को महंगाई से राहत मिल सके। वहीं दूसरी तरफ, सरकार ने उज्जवला सिलेंडर पर सब्सिडी (Ujjwala LPG subsidy) एक साल के लिए और बढ़ा दी। वर्तमान में देश के 9.60 करोड़ लाभार्थी को एक साल के लिए 200 रुपए प्रति सिलेंडर का लाभ मिलेगा।
साल में दो बार होता है बदलाव
आपको बता दें, केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के डीए तथा डीआर में साल में दो बार जनवरी और जुलाई में बदलाव होता है। महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों को मिलता है। जबकि 'महंगाई राहत' पेंशनर्स के लिए है। मौजूदा बढ़ोतरी 1 जनवरी, 2023 से प्रभावी होगी। इससे पहले केंद्र सरकार ने जुलाई 2021 में डीए में इजाफा किया था। ये भी बता दें कि, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते की गणना श्रम ब्यूरो (Labour Bureau) द्वारा जारी किए जाने वाले औद्योगिकी श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) के आधार पर करती है।
18 महीने तक लगी थी रोल, क्या मिलेगा DA बकाया
हाल ही में, केंद्र ने 18 महीने के DA बकाया को लेकर एक स्पष्टीकरण दिया था। जिसमें कहा था कि कर्मचारियों के 18 महीने के महंगाई भत्ते (DA) के बकाया को जारी नहीं किया जाएगा। इसे कोरोना महामारी के दौरान रोक दिया गया था। केंद्र ने 2020 में कोरोना महामारी (corona pandemic) के मद्देनजर महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) की तीन किस्तों को रोक दिया था। इस समय से, केंद्र सरकार के कर्मियों और पेंशनभोगी लंबित बकाया पर अपडेट का इंतजार कर रहे थे। इस रोक से केंद्रीय कर्मचारियों को 34 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई थी।