Formal Jobs: देश में नए रोजगार में आई जोरदार गिरावट, जनवरी में घटकर पहुंचा 20 महीने के निचले स्तर पर
Formal Jobs: ईपीएफ में शामिल होने वाले नए ग्राहकों की मई 2021 के बाद से सबसे कम संख्या है, जब केवल 649,618 नए सदस्यों ने फंड की सदस्यता ली थी।
Formal Jobs: भारत में नए औपचारिक रोजगार सृजन के मामले में तगड़ा झटका लगा है। वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी की मार दिखाई देने से भारतीय नौकरी बाजार पूरी तरह दबाव का संकेत दे रहा है। घरेलू बाजार में नए रोजगार सृजन लगातार दूसरे महीने गिरते हुए जनवरी माह में 20 महीने के निचले स्तर पर आ गया है। ईपीएफओ ने बताया कि जनवरी, 2023 में नए रोजगार सृजन में 7.5 फीसदी की गिरावट आई है।
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मई 2021 के बाद सबसे कम संख्या
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के नवीनतम पेरोल डेटा के मुताबिक, जनवरी, 2023 में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में नए मासिक ग्राहकों की संख्या जनवरी में महीने में घटकर 777,232 हो गई है, जो कि दिसंबर, 2022 में यह संख्या 840,372 थी। इस दौरान इसमें 7.5 फीसदी की गिरावट आई है। इस गिरावट के साथ ईपीएफ में शामिल होने वाले नए ग्राहकों की मई 2021 के बाद से सबसे कम संख्या है, जब केवल 649,618 नए सदस्यों ने फंड की सदस्यता ली थी।
जुलाई में सर्वाधिक आई नौकरियां
ईपीएफओ के मुताबिक, इससे पहले वित्त वर्ष 2023 में नए मासिक ग्राहकों की संख्या लगातार छह महीने अप्रैल से सितंबर तक 10 लाख के ऊप रही थी। जुलाई में सर्वाधिक1,159,350 की ऊंचाई को छुआ था। बता दें कि शुद्ध पेरोल वृद्धि जिसकी गणना नए ग्राहकों की संख्या, बाहर निकलने की संख्या और पुराने ग्राहकों की वापसी को ध्यान में रखते हुए की जाती है। यह जनवरी 2023 में 16 प्रतिशत बढ़कर 1.48 मिलियन हो गई,जबकि दिसंबर 2022 में यह 1.28 मिलियन थी। हालांकि शुद्ध मासिक पेरोल संख्या प्रकृति में अनंतिम हैं और अक्सर अगले महीने तेजी से संशोधित होती हैं। यही कारण है कि नए ईपीएफ सब्सक्राइबर्स का आंकड़ा शुद्ध वृद्धि की तुलना में अधिक निश्चित है।
18-28 आयु वर्ग में भी आई गिरावट
पेरोल आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जनवरी में जोड़े गए नए ईपीएफ ग्राहकों में से 515,710 लोग 18-28 आयु वर्ग में हैं, जो दिसंबर में 555,755 ग्राहकों से 7.2 प्रतिशत कम है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि 18-28 आयु वर्ग के सदस्य आमतौर पर श्रम बाजार में पहली बार आने वाले होते हैं और यह मीट्रिक इसकी मजबूती को दर्शाता है। वहीं, युवा ग्राहकों में 391,025 युवा पुरुषों की तुलना में केवल 124,680 महिलाएं हैं।
आमतौर पर जनवरी में गिरती है बेरोजगारी दर
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जो अपना स्वयं का सर्वेक्षण करता है, बेरोजगारी दर जनवरी 2023 में दिसंबर 2022 के स्तर से गिर गई। यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में है, लेकिन यह अधिक लोगों को वास्तव में नौकरी पाने में तब्दील नहीं हुआ। पिछले औसत से पता चलता है कि बेरोजगारी की दर आम तौर पर जनवरी में गिरती है, क्योंकि रोजगार बढ़ जाता है। हालांकि, जनवरी में रोजगार में 9.5 लाख की गिरावट आई है।
चक्रवर्ती ने बताई रोजगार गिरावट की वजह
टीमलीज सर्विसेज की सह-संस्थापक रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा कि अक्टूबर से रोजगार में लगातार गिरावट फर्मों द्वारा मानव संसाधनों के युक्तिकरण के कारण है। यह दबी हुई मांग और लंबे त्योहारी सीजन की परिणति का अनुसरण करता है। आगे बढ़ते हुए यह संभावना नहीं है कि कंपनियां शेष वित्तीय वर्ष के लिए एक बड़े कार्यबल को बनाए रखेंगी। यह केवल अगले वित्त वर्ष में ही है कि वे फिर से अपने कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि देख सकते हैं।
रोजगार ट्रैक करना सरकार का है हिस्सा
ईपीएफओ द्वारा जारी मासिक डेटा एक साधन के रूप में पेरोल का उपयोग करके औपचारिक क्षेत्र के रोजगार को ट्रैक करने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है। यह तीन प्रमुख योजनाओं - कर्मचारी भविष्य निधि योजना, कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ESIC), और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत ग्राहकों की संख्या पर जानकारी का उपयोग करके कर रहा है।