DGCA : घरेलू हवाई यात्रा करने वालों की संख्या में रिकॉर्ड 36% का इजाफा, 6.36 Cr. लोगों ने भरी उड़ान...डीजीसीए ने ये कहा
Airlines Carry Record Passengers: घरेलू विमानन सेवा ने जानकारी दी है कि देश में जनवरी से मई महीने के बीच 6.36 करोड़ लोगों ने हवाई यात्राएं की। साल 2022 तक इसी समयावधि में ये आंकड़ा 467.37 लाख था।
Airlines Carry Record Passengers : देश में हवाई यात्रा करने वालों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। आंकड़ों की मानें तो जनवरी से मई के बीच 6.36 करोड़ लोगों ने घरेलू विमानन सेवा (Domestic Airlines in India) प्रदाता एयरलाइन्स में उड़ान भरी। पिछले साल इसी समय अवधि में ये आंकड़ा करीब 467.37 लाख था। इस तरह देखें तो घरेलू हवाई यात्रियों (Domestic Airline Passengers) की संख्या में 2022 की तुलना में जनवरी से मई महीने के दौरान 36.10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
नागर विमानन निदेशालय (DGCA) की ओर से ये जानकारी शेयर की गई है। डीजीसीए ने बताया मासिक आधार पर इसमें 15.24 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। आपको बता दें कि, बीते कुछ महीनों में देश का विमानन उद्योग अलग-अलग वजहों से चर्चा में रहा है।
नागर विमानन निदेशालय (DGCA) की ओर से ये जानकारी शेयर की गई है। डीजीसीए ने बताया मासिक आधार पर इसमें 15.24 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। आपको बता दें कि, बीते कुछ महीनों में देश का विमानन उद्योग अलग-अलग वजहों से चर्चा में रहा है।
चुनौतियों के बावजूद बढ़ रही हवाई यात्राएं
हाल के कुछ महीनों में देश के हवाई अड्डों पर भीड़ या अन्य किसी तरह के परेशानियों की ख़बरें आती रही थी। फिर, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) ने स्वयं इस पर नजर रखी। वो खुद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के हवाई अड्डे का निरीक्षण करने पहुंचे। अधिकारियों से बातचीत की। व्यवस्था में आवश्यक सुधार के निर्देश दिए। जिसका नतीजा सामने है।
कई घटनाओं से सुर्ख़ियों में रहा विमानन क्षेत्र
कई ऐसे भी मौके आये जब विभिन्न एयरलाइनों में खराबी या स्टाफ अथवा सहयात्री के साथ दुर्व्यवहार की खबरें भी सुर्ख़ियों में रही। हाल के महीनों में ऐसे कई मामले देखने को मिले जब सहयात्री के साथ बदतमीजी हुई, किसी ने पेशाब कर दिया तो किसी ने हाथा-पाई की। इसके अलावा, देश की एक प्रमुख विमानन कंपनी गो फर्स्ट (go first) का परिचालन दिवालियापन प्रक्रिया शुरू होने के कारण बंद करना पड़ा।