Budget 2025: पहले शाम को पेश किया जाता था बजट, किस PM के कार्यकाल में बदला समय, किस वित्त मंत्री ने सबसे पहले सुबह 11बजे किया पेश

Budget 2025: अटल की सरकार में वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने 27 फरवरी 1999 को सुबह 11 बजे बजट पेश किया। यह उस परंपरा से हटकर था, जिसमें बजट शाम पांच बजे के बाद पेश किया जाता था।;

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2025-02-01 10:59 IST

Nirmala Sitharaman   (फोटो: सोशल मीडिया ) 

Budget 2025: देश में पहले बजट शाम को पांच बजे पेश किया जाता था। लंबे समय तक यह सिलसिला चला मगर बाद में इसमें बदलाव कर दिया गया। दरअसल ब्रिटिश सरकार के समय से ही यह सिलसिला चल रहा था क्योंकि ब्रिटेन के लोगों के लिए यह समय ज्यादा सुविधाजनक था मगर बाद में बजट पेश किए जाने के समय में बदलाव किया गया और इसका समय बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया गया। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि किस प्रधानमंत्री के कार्यकाल में यह फैसला किया गया और किस वित्त मंत्री ने सबसे पहले सुबह 11 बजे बजट पेश किया।

अंग्रेजों की सुविधा के लिए शाम को बजट

अंग्रेजों के समय से ही देश में बजट शाम पांच बजे पेश किए जाने की परंपरा चल रही थी। शाम को बजट पेश किए जाने के पीछे दो महत्वपूर्ण तर्क दिए जाते थे। दरअसल भारतीय मानक समय ग्रीनविच मीन टाइम से करीब साढ़े 5 घंटे आगे है। ऐसे में जब भारत में शाम को पांच बजते थे तो उस समय ब्रिटेन में दोपहर की शुरुआत होती थी।

अंग्रेजों और ब्रिटिश संसद के लिए यह समय ज्यादा सुविधाजनक था। इसके पीछे यह तर्क भी दिया जाता था कि बजट तैयार करने में नौकरशहर थक जाते थे और बजट पेश किए जाने के बाद उन्हें आराम करने का मौका मिल जाता था। इसके साथ ही मीडिया कवरेज में भी मदद मिलती थी।

1999 में अटल सरकार ने बदला था समय

देश में लंबे समय तक यही परंपरा चलती रही और कांग्रेस के लंबे शासनकाल के दौरान शाम को ही बजट पेश करने का सिलसिला जारी रहा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में 1999 में समय बजट पेश करने के समय में बड़ा बदलाव किया गया। अटल सरकार ने शाम पांच बजे बजट पेश करने की परंपरा को खत्म करते हुए सुबह 11 बजे का समय निर्धारित किया।

अटल की सरकार में वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने 27 फरवरी 1999 को सुबह 11 बजे बजट पेश किया। यह उस परंपरा से हटकर था, जिसमें बजट शाम पांच बजे के बाद पेश किया जाता था। करीब 53 साल बाद बजट पेश किए जाने के समय में बदलाव किया गया था।

अटल सरकार की ओर से दिया गया यह तर्क

समय को बदलने के पीछे अटल सरकार की ओर से औपनिवेशिक दासता से मुक्ति का तर्क भी दिया गया। इसके साथ ही सरकार का यह भी मानना था कि समय बदले जाने से बजट के संबंध में मीडिया कवरेज के लिए अधिक समय मिलेगा। बजट पेश किए जाने के समय में बदलाव से अखबारों को भी फायदा हुआ और उन्हें अगले दिन बजट के कवरेज में काफी मदद मिली।

बाद में जब केंद्र में यूपीए की सरकार आई तो प्रधानमंत्री के रूप में डॉक्टर मनमोहन सिंह ने भी इसी परंपरा को आगे बढ़ाया।

मोदी सरकार ने 1 फरवरी की तारीख तय की

पहले बजट 28 फरवरी को पेश किया जाता था मगर नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2017 से बजट को 1 फरवरी को पेश किए जाने की शुरुआत की। वित्त मंत्री के रूप में अरुण जेटली ने 2017 में सबसे पहले 1 फरवरी को बजट पेश किया था। उसके बाद से मोदी सरकार इसी तारीख पर बजट को पेश करती रही है। शनिवार को आमतौर पर संसद में अवकाश रहता है मगर इस बार 1 फरवरी को शनिवार होने के बावजूद इसी दिन बजट पेश किया जा रहा है।

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