आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21: रिकॉर्ड विकास दर के साथ GDP में आएगा उछाल

केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी माइनस 7.7 फीसदी होगी यानी इसमें 7.7 फीसदी की गिरावट आ सकती है। लेकिन आगामी वर्ष देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। यानी वित्त वर्ष 2021-22 में 11 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है।

Update: 2021-01-29 16:36 GMT
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लखनऊ: मोदी सरकार का तीसरा आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया गया है। यह रिपोर्ट देश की अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति तथा सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से मिलने वाले परिणामों को दर्शाती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी माइनस 7.7 फीसदी होगी यानी इसमें 7.7 फीसदी की गिरावट आ सकती है। लेकिन आगामी वर्ष देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। यानी वित्त वर्ष 2021-22 में 11 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है।

आर्थिक सर्वे से साफ है कि इस बार का बजट विकासोन्मुखी होगा। बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। मैनुफैक्चरिंग सेक्टर को प्रोत्साहित किया जाएगा। आर्थिक सर्वे में जिस तरह जीडीपी में बढ़ोतरी की बात कही गई है उससे संकेत मिलता है कि सरकार अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए हाथ खोल कर खर्च करेगी।

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आर्थिक सर्वेक्षण देश में पिछले एक साल की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट होती है, जिसमें अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रमुख चुनौतियों और उनसे निपटने का जिक्र होता है। आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक प्रभाग द्वारा मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में इस दस्तावेज को तैयार किया जाता है।

खास बातें

वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी प्लस में रहने की संभावना है। वित्त वर्ष 2020-21 में सेवा और विनिर्माण क्षेत्र निगेटिव रहा है। वहीं वित्त वर्ष 2022 में रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 11 फीसदी पर रखा गया है जबकि नॉमिनल जीडीपी का अनुमान 15.4 फीसदी है। वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का भी कहना है कि 2021 में भारत की अर्थव्यवस्था 11.5 फीसदी रहेगी और 2022 में यह 6.8 के आसपास रहेगी।

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निवेश बढ़ाने वाले कदमों पर जोर रहेगा। ब्याज दर कम होने से व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी।

कोरोना वैक्सीन से महामारी पर काबू पाना संभव है और आगे इकोनॉमिक रिकवरी के लिए ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है।

सर्वेक्षण में लिखा गया है कि इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को ट्रिपल बी की रेटिंग मिली हो। भारत की वित्तीय नीति का फंडामेंटल मजबूत है। भारत का फॉरेक्स रिज़र्व 2.8 स्टैंडर्ड डिविएशन को कवर करने में सक्षम है। यह महत्वपूर्ण है कि सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग मेथोडोलॉजी को पारदर्शी बनाया जाएगा।

23 दिसंबर 2020 तक भारत सरकार ने 41,061 स्टार्टअप्स को मान्यता दी है। देशभर में 39,000 से ज्यादा स्टार्टअप्स के जरिए 4,70,000 लोगों को रोजगार मिला है। 1 दिसंबर 2020 तक SIDBI ने सेबी के पास रजिस्टर्ड 60 अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स को 4,326.95 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई है।

नीलमणि लाल

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