EPFO ने बंद की ये विशेष सुविधा, ग्राहक अब नहीं निकाल पाएंगे PF खाते से पैसे, जानिए क्या है मामला?
EPFO News: ईपीएफओ ने अपने सदस्यों को पैसा की समस्या न हो, इससे राहत देते हुए ईपीएफ खाते से दो अग्रिमों का विकल्प चुनने की अनुमति दी थी।
EPFO News: अगर आप कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) सब्सक्राइबर हैं तो आपके के लिए एक बड़ी खबर आई है। खबर यह है कि कोरोना महामारी के समय शुरू की गई रिटायरमेंट फंड संस्था ने कोविड एडवांस फैसलिटी को अब बंद कर दिया है। ईपीएफओ ने कोविड-19 के समय अपने ग्राहकों को अपनी सेवानिवृत्ति बचत का एक हिस्सा कोविड अग्रिम के रूप में निकालने की अनुमति देती थी। जिसको अब उनसे बंद कर दिया है। हालांकि इसको लेकर अभी संस्था की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन आर्थिक जगत की खबरों को कवर करने वाली मीडिया में ऐसी सूचना सामने आई है।
कोरोना एडवांस स्कीम बंद
बता दें कि साल 2020 में आई महामारी ने भारत सहित पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। पूरी दुनिया बंद हो गई थी। इस बीच, ईपीएफओ ने अपने सदस्यों को पैसा की समस्या न हो, इससे राहत देते हुए ईपीएफ खाते से दो अग्रिमों का विकल्प चुनने की अनुमति दी। महामारी के दौरान सदस्यों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष निकासी का प्रावधान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत मार्च 2020 में पेश किया गया था। इस आशय का एक संशोधन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 में आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना के माध्यम से पैराग्राफ 68 एल के तहत उप-पैरा (3) डालकर किया गया था।
निवेश पर मिलता हाई इंटरेस्ट
इस प्रावधान के तहत तीन महीने के लिए मूल वेतन और महंगाई भत्ते की सीमा तक या ईपीएफ खाते में सदस्य के जमा राशि का 75% तक जो भी कम हो, गैर-वापसी योग्य निकासी प्रदान की गई थी। संस्था कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12 प्रतिशत योगदान करने का आदेश देता है। यह न केवल कर-बचत साधन के रूप में कार्य करता है, बल्कि निवेश पर उच्च ब्याज दर भी प्रदान करता है।
अक्टूबर में जोड़े 15 लाख से अधिक नए सदस्य
20 दिसंबर को जारी पेरोल डेटा के अनुसार, सेवानिवृत्ति निधि निकाय ने अक्टूबर में शुद्ध आधार पर 15.29 लाख सदस्य जोड़े, जो पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 18.22 प्रतिशत अधिक है। लगभग 7.72 लाख नए सदस्य सामाजिक सुरक्षा कवरेज के तहत आए हैं। श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि अक्टूबर 2023 में ईपीएफओ, एक साल पहले महीने की तुलना में 6.07 प्रतिशत की वृद्धि है।