Farmers Protest 2024: दिल्ली की सीमाएं सील…प्रदर्शन से व्यापारी चिंतत, इस मांग के लिए कैट ने लिखा उपराज्यपाल को पत्र
Farmers Protest 2024: दिल्ली में माल की आवाजाही निर्बाध से जारी रहने को लेकर कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) दिल्ली के उपराज्यपाल को एक पत्र लिखा है।
Farmers Protest 2024: कई सूत्रीय मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसानों ने अपने संगठन के ‘दिल्ली चलो मार्च’ के आह्वान पर देश की राजधानी के लिए कूच करना शुरू कर दिया गया है। 12 फरवरी, को चंडीगढ़ में हुई किसान संगठन के नेताओं और केंद्रीय मंत्री के बीच बैठक में मांगों को लेकर बात नहीं बनने पर 13 फरवरी की सुबह से पजांब और हरियाणा के आंदोलनरत किसान धरना देने के लिए दिल्ली के लिए निकल चुके हैं। किसानों को आंदोलन को विफल बनाने के लिए दिल्ली आने वाले हरियाणा राज्य की कई सीमाओं को सील कर दिया गया है। इन बार्डरों पर पुलिस बल के साथ हजारों की संख्या में पैरामिलिट्री फोर्स के लैस कर दिया गया है। सील सीमाओं पर लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है, जिससे आम लोगों को तो परेशान होना पड़ ही रहा, साथ दिल्ली के व्यापारी भी चिंतत हो गए हैं।
माल की आवाजाही जारी के लिए कैट ने उपराज्पाल को लिखा पत्र
प्रदर्शन को देखते हुए मंगलवार सुबह से दिल्ली में प्रवेश करने वाली सभी सीमाओं को सील कर दिया है। इसमें सिंघू, टिकरी और गाज़ीपुर की सीमाएं शामिल हैं। यहां पर भारी संख्या में सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं और सीमाओं पर बहुस्तरीय बैरिकेडिंग की हुई है। एक-एक वाहन की चेकिंग के बाद दिल्ली में प्रवेश दिया जा रहा है। इस वजह से भारी जमा लगा हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली में माल की आवाजाही निर्बाध से जारी रहने को लेकर कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) दिल्ली के उपराज्यपाल को एक पत्र लिखा है। मंगलवार को उपराज्यपाल वी के सक्सेना को लिखे पत्र में कैट ने कहा, किसानों के प्रदर्शन से दिल्ली के व्यापारी चिंतत हैं। उनका आग्रह है कि दिल्ली में माल की आवाजाही निर्बाध रूप से चलती रहे, इसको सुनिश्चित किया जाए। इस कार्य में दिल्ली के व्यापारी सरकार का सहयोग करने के लिए तत्पर हैं।
चैन सप्लाई में प्रवाधान से कारोबार में पड़ेगा बुरा असर
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि किसान आंदोलन के कारण दिल्ली में आने वाले अथवा दिल्ली से बाहर जाने वाले माल की आवाजाही में कोई व्यवधान न आए, इसके लिए सरकार आवश्यक व्यवस्था करें तथा किसान की भी ज़िम्मेदारी है कि वो भी इस बात को सुनिश्चित करें। खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली न तो कृषि राज्य है एवं न ही औद्योगिक राज्य बल्कि दिल्ली देश का सबसे बड़ा व्यापारिक वितरण केंद्र है, जहां देश के विभिन्न राज्यों से दिल्ली में माल आता है और दिल्ली से देश के समस्त राज्यों में माल जाता है। यदि सप्लाई चेन में किसी भी प्रकार का व्यवधान आता है तो उसका विपरीत असर दिल्ली और पडोसी राज्यों के व्यापार पर पड़ेगा।
किसान से जुड़े अनेक वर्ग
उन्होंने कहा कि हर किसानी मुद्दे से अनेक वर्ग जुड़े होते हैं जिनमें न केवल उपभोक्ता बल्कि कृषि खाद्यान्नों का व्यापार करने वाले व्यापारी, खाद्य प्रसंस्करण में लगे उद्योग एवं व्यापार, बीज एवं कीटनाशक बनाने वाली उद्योग, खाद एवं अन्य उपजाऊ उत्पाद बनाने वाले लोग, थोक एवं खुदरा विक्रेता, आढ़ती एवं कृषि से सम्बंधित बड़े उद्योग सहित अनेक वर्गों के लोग प्रभावित होते हैं। इसलिए इस आंदोलन से सभी लोग व्यापार को लेकर चिंतित हैं।