RBI के पूर्व गवर्नर ने नकारा, आत्मनिर्भर भारत का नारा, कहा- हो जाएं सावधान

एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि देश के निर्यातकों को अपने निर्यात का सस्ता रखने के लिये आयात करने की जरूरत होती है। ताकि उस आयातित माल का इस्तेमाल निर्यात में किया जा सके।

Update:2020-10-22 11:03 IST
आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने नकारा, आत्मनिर्भर भारत का नारा, कहा- हो जाएं सावधान

मुंबई आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत आयात प्रतिस्थापन को बढ़ावा देने को लेकर सतर्क किया है। उन्होंने कहा कि देश में पहले भी इस तरह के प्रयास हुए हैं लेकिन ये सफल नहीं रहा।रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने कहा कि वास्तविक समस्या की पहचान कर सुधारों को आगे बढ़ाना सही है। लेकिन इस प्रक्रिया में सभी पक्षों की सहमति की जरूरत है।

 

 

समस्या की पहचान जरूरी

 

‘लोगों, आलोचकों, विपक्षी दलों के पास कुछ बेहतर सुझाव हो सकते हैं आप यदि उनमें अधिक सहमति बनायेंगे तो आपके सुधार अधिक प्रभावी ढंग से लागू हो सकेंगे। मैं यह नहीं कर रहा हूं कि मुद्दों पर लंबे समय तक चर्चा होते रहनी चाहिये।

ढांचागत सुविधाओं के विकास में एक सबसे बड़ी रुकावट भूमि अधिग्रहण की है, इसमें कुछ तकनीकी बदलावों की आवश्यकता है। भूमि का बेहतर रिकार्ड और स्पष्ट स्वामित्व होना चाहिये। ‘कुछ राज्यों ने इस दिशा में पहल की लेकिन हमें पूरे देश में यह करने की जरूरत है।

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आयात का प्रतिस्थापन

 

पूर्व गवर्नर ने कहा, ‘‘यदि इसमें (आत्मनिर्भर भारत पहल) इस बात पर जोर है कि शुल्कों को लगाकर आयात का प्रतिस्थापन तैयार किया जायेगा, जो पहले भी अपना चुके हैं और यह असफल रहा है। उन्होंने कहा कि इस रास्ते पर आगे बढ़ने को लेकर सावधान करना चाहेंगे।

एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि देश के निर्यातकों को अपने निर्यात का सस्ता रखने के लिये आयात करने की जरूरत होती है। ताकि उस आयातित माल का इस्तेमाल निर्यात में किया जा सके।

निर्यात के लिए आयात जरूरी

चीन एक निर्यात ताकत के तौर पर ऐसे ही उभरा है। वह बाहर से विभिन्न सामानों को आयात करता है उनकी असेम्बल करता है और फिर आगे निर्यात करता है। निर्यात के लिये आयात करना होगा। ऊंचा शुल्क मत लगाइये बल्कि भारत में उत्पादन के लिये बेहतर परिवेश तैयार कीजिये।

 

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राजन ने कहा कि सरकार द्वारा लक्षित खर्च दीर्घकाल में फलदायी हो सकता है। ‘मेरा मानना है कि समूचे खर्च पर नजर रखनी चाहिये और सावधान रहना चाहिये यह खुली चेक बुक जारी करने का समय नहीं है। लेकिन ऐसे में किसी लक्ष्य को लेकर किया जाने वाला खर्च यदि बुद्धिमानी और सावधानी के साथ किया जाता है। तो यह आपको बेहतर नतीजे दे सकता है।

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