Gold Hallmarking: पहली अप्रैल से बदल जाएंगे सोना खरीदने और बेचने के नियम, ये हुआ बड़ा बदलाव
Gold Hallmarking: निर्णय उपभोक्ता हित में लिया गया है कि 31 मार्च, 2023 के बाद बिना एचयूआईडी के हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों और सोने की कलाकृतियों की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाएगी।
Gold Hallmarking: देश भर में पहली अप्रैल 2023 से सिर्फ हॉलमार्क आईडी वाली गोल्ड ज्वेलरी की बिक्री की इजाजत होगी। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा कि 1 अप्रैल से देश में बिना हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (एचयूआईडी) नंबर के सोने के आभूषण और सोने की आइटम्स की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाएगी। उपभोक्ता मामलों के विभाग की अतिरिक्त सचिव, निधि खरे ने ये जानकारी देते हुए बताया कि यह निर्णय उपभोक्ता हित में लिया गया है कि 31 मार्च, 2023 के बाद बिना एचयूआईडी के हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों और सोने की कलाकृतियों की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाएगी।
क्या है हॉलमार्क आईडी
हॉलमार्क आईडी छह अंक का यूनीक अल्फ़ान्यूमेरिक कोड है जिसमें संख्याएँ और अक्षर होते हैं। मंत्रालय के अनुसार, हॉलमार्किंग के समय प्रत्येक आभूषण को एचयूआईडी दिया जाएगा और यह प्रत्येक आभूषण के लिए यूनीक होगा। हॉलमार्किंग केंद्रों पर आभूषणों पर मैन्युअल रूप से इस यूनीक संख्या की मुहर लगाई जाती है।
अब सिर्फ छह अंकों की आईडी
पहले यूनीक आईडी चार अंकों का हुआ करता था। अभी तक बाजार में दोनों एचयूआईडी (4- और 6-अंकीय) का उपयोग किया जाता है। लेकिन 31 मार्च के बाद सिर्फ छह अंकों के अल्फ़ान्यूमेरिक कोड की अनुमति होगी।
अनिवार्य हॉलमार्किंग
मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि 256 जिलों को 23 जून 2021 से अनिवार्य हॉलमार्किंग के तहत कवर किया गया था और 1 जून, 2022 से 32 और जिलों को अनिवार्य हॉलमार्किंग के तहत कवर किया गया था, जिससे कुल जिलों की संख्या बढ़कर 288 हो गई। अतिरिक्त 51 नए जिले हॉलमार्किंग सेंटर के साथ किए गए, जिससे कुल जिलों की संख्या 339 तक बढ़ जाएगी। 2022-23 के दौरान अब तक 10.56 करोड़ सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा चुकी है। ऑपरेटिव बीआईएस पंजीकृत ज्वैलर्स की संख्या 2022-23 में 1,53,718 तक बढ़ गई है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के दिशानिर्देशों के अनुसार, बीआईएस हॉलमार्क में 3 प्रतीक होते हैं - बीआईएस लोगो, शुद्धता / सुंदरता ग्रेड और छह अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड, जिसे हॉलमार्क यूनीक आईडी के रूप में जाना जाता है।