खरीदें सस्ता सोना: 15 जनवरी तक सुनहरा मौका, Gold की कीमत जान उड़ जाएंगे होश
केंद्र सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश के जरीए सस्ता सोना खरीदने का सुनहरा मौका दे रही है। जिसकी शुरुआत 11 जनवरी से हो गयी है। 15 जनवरी तक ग्राहकों के पास मौका है।
लखनऊ:अगर आप गोल्ड यानी सोना खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो ये समय भी अच्छा है और केंद्र सरकार की स्कीम भी। केंद्र सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश का एक बार फिर सुनहरा मौका मिला है। इसकी शुरुआत 11 जनवरी से हो गयी है। 15 जनवरी तक ग्राहकों के पास मौका है सस्ता सोना खरीदने का। ग्राहक इन पांच दिनों में करीब पांच हजार रुपये में एक ग्राम सोना खरीद सकते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की 10वीं सीरीज 15 जनवरी तक
सरकार ने 11 जनवरी से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना 2020-21 की 10वीं सीरीज की शुरुआत की है। 15 जनवरी तक इस योजना में निवेश कर बेहतर लाभ उठाया जा सकता है। इस योजना के तहत सरकार की तरफ से रिजर्व बैंक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। होता ये है कि इस योजना में ग्राहक फिजिकल गोल्ड की जगह डिजिटल गोल्ड हासिल करते हैं। जिसे सुरक्षित रखा जा सकता है।
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गोल्ड बॉन्ड की कीमत:
इसके पहले 9वीं सीरीज में सोने की इश्यू प्राइस 5000 रुपये प्रति ग्राम तय की गई थी। वहीं इस बार बॉन्ड की कीमत 5104 रुपये प्रति ग्राम तय की गई है। इसके साथ ही ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को बॉन्ड की तय कीमत पर प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट भी मिलेगी। यानी डिजिटल भुगतान पर एक ग्राम सोने की कीमत 5054 रुपये होगी।
क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इन्वेस्ट करने वाले ग्राहक को सोना भौतिक तौर पर नहीं मिलता बल्कि डिजिटल गोल्ड दिया जाता है। इलेक्ट्रॉनिक रूप में होने के कारण इसकी शुद्धता विश्वनीय होती है और अधिक सुरक्षित भी होता है। इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। ग्राहक इसका इस्तेमाल लोन के लिए कर सकते हैं। वहीं पांच साल के बाद कभी भी इसका रिडेंप्शन किया जा सकता है।बॉन्ड के तौर पर सोने में न्यूनतम एक ग्राम और अधिकतम चार किलो तक निवेश किया जा सकता है।
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गोल्ड बॉन्ड का क्या फायदा:
अगर आप फिजिकल गोल्ड खरीदते हैं तो आपको कुल कीमत पर जीएसटी भी चुकाना होता है लेकिन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में GST नहीं देना होता।
-इसके अलावा मैच्योरिटी के वक्त कोई भी कैपिटल गेंस बिल्कुल टैक्स फ्री होता है।
-ये छूट सिर्फ गोल्ड बॉन्ड्स में ही मिलती है। एक वित्त वर्ष में निवेशक 4 किलो तक गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं, जिसके लिए सरकार ग्राहक को सालाना 2.5 परसेंट का ब्याज भी देती है। यानी आपको सोने की बढ़ती कीमतों के अलावा ब्याज भी अलग से मिलता है।
-स्कीम के जरिए बैंक से लोन भी लिया जा सकता है।
-गोल्ड बॉन्ड में किसी तरह की धोखाधड़ी और अशुद्धता की संभावना नहीं होती है।
-इसके बॉन्ड्स 8 साल के बाद मैच्योर होंगे। यानी कि 8 साल के बाद इससे पैसा निकाला जा सकता है।
कहां से खरीदें गोल्ड बॉन्ड
गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए ग्राहक बैंक, बीएसई, एनएसई की वेबसाइट या डाकघर से संपर्क कर सकते हैं। यहां से डिजिटल तरीके से गोल्ड बॉन्ड खरीदा जा सकता है।
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