स्वागत 2025: सोना चांदी बने रहेंगे सदाबहार

Gold-Silver Price: आने वाले समय में सोने चांदी की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ने वाली है।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2025-01-01 15:26 IST

Gold-Silver Price

Gold-Silver Price: 2025 में हम कदम रख चुके हैं। ये साल चुनौतियों से भरपूर है क्योंकि दुनिया उथलपुथल के दौर में है। ऐसे में सोने यानी गोल्ड की डिमांड और भी बढ़नी तय मानी जा रही है। सोना सुरक्षित एसेट माना जाता है और ये इस रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए तैयार है। अनुमानों से पता चलता है कि कीमतें 85,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक बढ़ सकती हैं और युद्धों, संघर्षों और ग्लोबल आर्थिक अनिश्चितताओं के बने रहने पर संभावित रूप से 90,000 रुपये के लेवल को भी छू सकती हैं। वर्तमान में, हाजिर बाजार में सोने की कीमत लगभग 79,350 रुपये प्रति 10 ग्राम और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर वायदा कारोबार में 76,600 रुपये प्रति 10 ग्राम है।

23 फीसदी की बढ़ोतरी

2024 में सोने ने काफी लचीलापन दिखाया और घरेलू बाजारों में 23 फीसदी की वृद्धि के साथ वर्ष का समापन किया। चल रहे संकटों, विशेष रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष और मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के कारण बढ़ी हुई मांग के कारण, सोना 30 अक्टूबर को 82,400 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई।

कई हैं कारण

सोने की ऊपर की ओर रफ्तार को कई कारक बढ़ावा दे रहे हैं। भारत सहित वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच अपने भंडार में विविधता लाने के लिए सक्रिय रूप से सोना खरीद रहे हैं। 2024 में शुद्ध खरीद 500 टन से अधिक हो गई, जो कीमती धातुओं की ओर एक रणनीतिक बदलाव को दर्शाता है। इसके अलावा प्रमुख केंद्रीय बैंकों की नरम मौद्रिक नीति से सोने की कीमतों को समर्थन मिलने की उम्मीद है। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि यदि ग्लोबल परिदृश्य उथल-पुथल भरा रहता है, तो सोने की मांग बढ़ती रहेगी। लेकिन अगर तनाव कम होता है, और रुपये में गिरावट से स्थानीय कीमतों पर संभावित असर पड़ता है, तो तेजी का रुझान धीमा पड़ सकता है।


चांदी भी ऊपर

सोना ही नहीं, चांदी भी तेजी से बढ़ी है, 2025 में भी ऐसी स्थिति बनी रहेगी। चांदी ने प्रतिशत के लिहाज से सोने से बेहतर प्रदर्शन किया, जिसकी कीमतों में लगभग 42 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। वर्ष की शुरुआत में लगभग 70,000 रुपये प्रति किलोग्राम से शुरू होकर, चांदी ने 1 लाख रुपये प्रति किलोग्राम की मनोवैज्ञानिक सीमा को पार कर लिया। ऐसा मजबूत औद्योगिक मांग, विशेष रूप से सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकियों में, साथ ही इसकी सुरक्षित अपील के कारण हुआ।

भारत के त्यौहारी और शादी के मौसम के दौरान भारी खुदरा मांग के साथ-साथ ग्लोबल अस्थिरता बढ़ने से सर्राफा बाजारों में उछाल को और बढ़ावा मिला, जिसने निवेशकों को सुरक्षित पनाहगाह के रूप में कीमती धातुओं की ओर धकेल दिया।

क्या है ट्रेंड और पूर्वानुमान

अंतर्राष्ट्रीय मोर्चे पर सोने के वायदा भावों ने मजबूती से शुरुआत की है। वर्ष 2024 की शुरुआत लगभग 2,062 डॉलर प्रति औंस से हुई और अक्टूबर तक 2,790 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई, जिससे 28 फीसदी का रिटर्न मिला। हालांकि, संभावित अस्थिरता बनी हुई है।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि 2025 की पहली छमाही में दामों में नरमी आ सकती है। लेकिन वर्ष के उत्तरार्ध में मांग में फिर से उछाल देखने को मिल सकता है। जहां तक भारतीय रत्न और आभूषण उद्योग की बात है तो अनुमानों से संकेत मिलता है कि यह 2025 तक 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। बहरहाल, एक्सपर्ट्स के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में सोने के लिए एमसीएक्स भाव 73,000 से 73,500 तक पहुँचने की संभावना है।

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