बैंक ऑफ बड़ौदा ने सरकारी विनिवेश प्राप्तियों पर जारी किया अनुमान, लगातार चौथे साल छूट सकता है निर्धारित लक्ष्य

Disinvestment Receipts: बैंक ने 2023-24 में विनिवेश प्राप्तियां 40-50,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद लगाई है।

Written By :  Viren Singh
Update: 2023-01-14 08:52 GMT

Disinvestment Receipts (सोशल मीडिया) 

Disinvestment Receipts: आगामी केंद्रीय बजट से पहले बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) ने विनिवेश प्राप्तियां (Disinvestment Receipts) को लेकर एक अनुमान जारी किया है। BOB का अनुमान है कि केंद्र सरकार को वित्त वर्ष 2023-24 में विनिवेश प्राप्तियां 40,000 से 50,000 करोड़ रुपये के बीच होने की उम्मीद है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 5.5 से 6 फीसदी का राजकोषीय घाटा अनुपात है। बैंक ने इस बात को लेकर भी आगाहा किया कि अगर बाजार की स्थिति अनुकूल रही तो ही यह लक्ष्य की प्राप्त की जा सकती है।

लगातार चार साल लक्ष्य छूटने की उम्मीद

यह 2022-23 के बजट में अनुमानित 65,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य से कम है। यह लगातार चौथे साल छूटने की उम्मीद है। आईडीबीआई बैंक के अलावा बाजार में चल रही खबरों के मुताबिक, शिपिंग कॉर्पोरेशन, कॉनकॉर, बीईएमएल, एनएमडीसी स्टील आदि की रणनीतिक बिक्री के रूप में बहुत कुछ पाइपलाइन में है। मौजूदा समय बाजार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार को उचिन मूल्य निर्धारण करने की चिंता है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने ये बातें अपनी रिपोर्ट 'हाल के वर्षों में विनिवेश पर किए गए एक अध्ययन के आधार पर कही।

तेजी से गिरा में सीपीएसई का शुद्ध लाभ

रिपोर्ट में बताया कि बाजार को स्पष्ट संकेत देने के लिए विनिवेश पर स्पष्टता बहुत महत्वपूर्ण है। भविष्य में, विनिवेश कैलेंडर सीपीएसई नाम, बिक्री की मात्रा और विनिवेश की विधि को निर्दिष्ट करने में सहायक हो सकता है। वैसे देखा जाए तो सरकार का विनिवेश हिट होने की बजाए फ्लॉप अधिक रहा है। सरकार को 32 मौकों में से केवल 8 मौकों पर ही विनिवेश प्राप्तियां अपने लक्ष्य से अधिक रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सीपीएसई के वित्तीय आंकड़ों पर करीब से नजर डालने से पता चलता है कि वित्त वर्ष 22 में सीपीएसई का शुद्ध लाभ तेजी से गिरा है, जबकि सरकारी खजाने में योगदान वित्त वर्ष 2021 के स्तर पर बना हुआ है।

सरकार ने इतना रखा था लक्ष्य

दरअसल, केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में CPSE विनिवेश से 1.75 ट्रिलियन जुटाने का बजट रखा था। बाजार की स्थिति को देखते हुए इसके संशोधित अनुमान को घटाकर 78 हजार करोड़ रुपये कर दिया था। वहीं, पिछले वित्त वर्ष में सरकार को विनिवेश से वास्तविक वसूली मात्र 13,531 करोड़ रुपये हो पाई थी।

इन वजहों से इस साल नहीं पूरा हो पाएग लक्ष्य 

वित्त वर्ष 2023 में 65 हजार करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य को सरकार अधिकारी हासिल करते हुए नहीं दिखाई दे पा रहे हैं। इसके पीछे की वजह से बाजार की परिस्थिति अनुकूल न होना, BPCL की प्रस्तावित बिक्री अमल पर नहीं आना, एलआईसी से प्राप्त विनिवेश उम्मीदों से कम और IDBI बैंक की बिक्री जून 2023 तक पूरी होना है।

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