Budget 2023: आखिर क्यों आयोजित होती है हलवा सेरेमनी? जानिए सब कुछ

Budget 2023: हलवा सेरेमनी में शामिल होने बाद अधिकारी और कर्मी नार्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय के नीचे बने बेसमेंट में चले जाते हैं। इस दौरान यह लोग किसी से 10 दिनों तक बात नहीं करते हैं।

Written By :  Viren Singh
Update: 2022-11-21 12:06 GMT

Budget 2023 (सोशल मीडिया) 

Budget 2023: 




वित्त वर्ष 2023-24 में पेश होने वाले देश के आम बजट की तैयारियों का दौर बीते अक्टूबर माह से भी शुरू हो गया है। इन्हीं तैयारियों को लेकर 21 नवंबर, 2022 सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडस्ट्री लीडर्स और क्लाइमेट चेंज और इंफ्रास्ट्रक्चर विशेषज्ञों के साथ प्री- बजट मीटिंग की, जिसमें विशेषज्ञों से बजट की तैयारियों को लेकर सुझाव मांगे गए। हालांकि निर्मला सीतारमण का यह प्री बजट मीटिंग का दौर आगे भी जारी है। इन बैठकों के खत्म होते ही सरकार बजट की आखिरी तैयारियों को लेकर अमलीजामा पहनाना शुरू कर देगी। उम्मीद है कि अगले साल 1 फरवरी को केंद्र सरकार अपना आखिरी पूर्ण बजट पेश कर दे।

आम बजट पेश करने से पहले केंद्र सरकार एक सेरेमनी का आयोजन करती है। इस सेरेमनी को हलवा सेरेमनी कहा जाता है। यह सेरेमनी हर साल आम बजट के पेश होने से 10 दिन पहले आयोजित होती है और इसका आयोजन देश के सबसे सुरक्षित जगहों में से एक नॉर्थ ब्लॉक में होता है। अब जैसे कि नाम से ज्ञात है कि हलवा सेरेमनी का अगर आयोजन होता है तो जाहिर है कि हलवा बनाया जाता होगा, लेकिन आखिर बजट से पहले इस सेरेमनी का क्यों आयोजन होता है और आयोजित होने के पीछे इसकी क्या वजह है? यह सवाल जरूर मन में कौंधते होंगे। तो इन्ही सवाल का जवाब आज इस लेख के माध्यम से बताएं कि हलवा सेरेमनी क्यों होती और उसकी हिस्ट्री क्या है?

क्या होती है हलवा सेरेमनी?

आम बजट पेश होने से पहले हर साल हवला सेरेमनी का आयोजन किया होता है। यह परंपरा हर साल निभाई जाती है। कर्मियों की हार्ड कोर मेहनत के बाद आम बजट तैयार होता है, जिसमें वित्त मंत्रालय के तमाम अधिकारी व अन्य कर्मी शामिल होते हैं। इन कर्मियों की मेहनत को देखते हुए सरकार हलवा सेरेमनी का आयोजन करवाती है। इस दौरान नॉर्थ ब्लॉक में एक बड़ी सी कढ़ाई पर हलवा तैयार होता है और इस हलवे को खुद मौजूदा समय का केंद्रीय वित्त मंत्री अपने हाथ से बनाता या बनती है,जिसके बाद अधिकारियों व कर्मियों को परोसा जाता है।इस विधि को हलवा सेरेमनी कहा जाता है। आपको बता दें कि मौजूदा समय देश की वित्त मंत्री एक महिला है, जिनका नाम निर्मला सीतारमण है। इस बार आयोजित होने वाली हलवा सेरेमनी में वही शामिल होंगी।

10 दिन नहीं करते बात मंत्रालय से जुड़े कर्मी व अधिकारी

हलवा सेरेमनी में शामिल होने बाद अधिकारी और कर्मी नार्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय के नीचे बने बेसमेंट में चले जाते हैं। इस सेरेमनी के बाद 10 दिन बाद संसद भवन में बजट पेश होता है। तब तक यह कर्मी किसी से कोई बात नहीं करते हैं यहां तक अपने परिवार वालों से भी नहीं। सरकार यह कदम इस लिए उठाती है, ताकि बजट से जुड़ी कोई भी जानकारी बजट पेश होने से पहले बाहर न आए। संसद में बजट पेश होते ही यह सभी अधिकारी व कर्मी नॉर्थ ब्लॉक से बाहर आ जाते हैं। 

दशकों पुरानी है परंपरा

अगर हवला सेरेमनी की इतिहास की बात करें तो इसको लेकर कोई ऐतिहासिक जानकारी सामने नहीं आई है कि इसकी शुरुआत कब से हुई है। हालांकि यह परंपरा दशकों को पुरानी है और तब से आयोजित होती आ रही है।

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