Currency Circulation: करेंसी सर्कुलेशन में डेढ़ लाख करोड़ रुपये की भारी गिरावट

Currency Circulation: 2022 में 20 मई और 29 जुलाई के बीच प्रचलन में कुल मुद्रा में लगभग 41,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई थी। इसी तरह, 2021 में 21 मई और 30 जुलाई, के बीच यह कमी सिर्फ 17,000 करोड़ रुपये की थी।

Update: 2023-08-08 03:59 GMT
2000 Note (photo: social media )

Currency Circulation: 2,000 रुपये के नोट वापस लेने की प्रक्रिया अभी खत्म नहीं हुई है। लेकिन सर्कुलेशन में जितनी करेंसी है उसमें 1.54 लाख करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण गिरावट आ चुकी है। यानी यह कमी पूरी तरह से 2,000 रुपये के नोट वापस लेने के कारण नहीं है। क

रिज़र्व बैंक के मनी स्टॉक डेटा के अनुसार पिछले वर्षों में भी गिरावट का रुझान देखा गया है।

इससे पहले, 2022 में 20 मई और 29 जुलाई के बीच प्रचलन में कुल मुद्रा में लगभग 41,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई थी। इसी तरह, 2021 में 21 मई और 30 जुलाई, के बीच यह कमी सिर्फ 17,000 करोड़ रुपये की थी। इसे देखते हुए चालू वर्ष में मई-जुलाई के दौरान 4.4 फीसदी की गिरावट 2022 के 1.2 फीसदी और 2021 के 0.6 फीसदी से अधिक है।

पूर्ण संख्या में देखा जाए तो प्रचलन में मुद्रा 19 मई, 19 को 34.78 लाख करोड़ रुपये थी, जब देश के सबसे बड़े मूल्यवर्ग की वापसी की घोषणा की गई थी, जो 28 जुलाई, 2019 को 33.24 लाख करोड़ रुपये हो गई। परिणामस्वरूप, जनता के पास मुद्रा या बैंकों द्वारा रखी गई नकदी को छोड़कर जो नकदी प्रचलन में थी वह भी 1.29 लाख करोड़ रुपये कम हो गई। 5 मई को यह नकदी 33.66 लाख करोड़ रुपये थी जो घटकर 14 जुलाई को 32.36 लाख करोड़ रुपये हो गई।

88 फीसदी नोट वापस

लेटेस्ट अपडेट में रिज़र्व बैंक ने पुष्टि की है कि 2000 रुपये के 88 फीसदी नोट जिनकी वैल्यू लगभग 3.14 लाख करोड़ रुपये है, वह सर्कुलेशन से वापस आ गए हैं और अब सिर्फ 0.42 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट प्रचलन में बचे हैं। 2,000 रुपये के नोट जमा करने या बदलने की अंतिम तिथि 30 सितंबर है।

लौटाए गए 3.14 लाख करोड़ रुपये में से 87 फीसदी नोट बैंकों में जमा हुए हैं और सिर्फ 13 फीसदी को अन्य मूल्यवर्ग में एक्सचेंज किया गया है।

एफडी भी बढ़ा

आरबीआई के आंकड़ों से ये भी पता चला है कि बैंकों के पास सावधि जमा 5 मई को 171 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 14 जुलाई को 175 लाख करोड़ रुपये हो गई।

इस बीच, आरबीआई ने अपने मासिक बुलेटिन में कहा है कि प्रचलन में मुद्रा की वृद्धि, साल दर साल 8 फीसदी से घटकर 4.4 फीसदी हो गई। इसकी वजह 2,000 रुपये के नोटों को सर्कुलेशन से वापस या जाना है।

धन आपूर्ति में वृद्धि जिसमें बैंक जमा भी शामिल है पिछले वर्ष की इसी अवधि के 8.9 फीसदी की तुलना में इस साल 30 जून को 11.3 फीसदी अधिक थी। बैंकों की जमा राशि के साथ कुल जमा में 12.4 फीसदी की वृद्धि हुई। प्रचलन में मुद्रा में स्पष्ट गिरावट के अलावा, बैंकिंग क्षेत्र के विश्लेषकों को जमा में वृद्धि के बाद बैंक जमा दरों पर दबाव कम होने की भी उम्मीद है।

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