Flower Farming Business: मेडिसिनिल प्लांट की यह खेती 12 हजार में पैदा करवाती है 2 से 3 लाख रुपये, जानिए इसके बारे में सब कुछ

Flower Farming Business Ideas: यूपी में खासकर हमीरपुर जिले में बुंदेलखंड के किसान कैमोमाइल फूल खेती के माध्यम से अपनी आय दोगुनी की है और सुख व समृद्धिशाली से जीवन जी रहे हैं।

Written By :  Viren Singh
Update:2023-10-12 07:15 IST

Chamomile Flower Cultivation (सोशल मीडिया) 

Flower Farming Business Ideas: किसान तो खेती किसानी से पैसा कमा ही रहा है, अगर कोई अन्य व्यक्ति भी कृषि बिजनेस में कदम रखता है तो वो भी यहां से बंपर कमाई कर सकता है। ऐसे कई सारे कृषि व्यापार मौजूद हैं, जिसके माध्मय से किसान या फिर कोई नया व्यक्ति कमाई का शानदार साधन खड़ा कर सकता है। लोग अब परंपरागत फसलों के अलावा व्यापारिक फसलों की खेती करने पर भी ध्यान देना लगा है। इसमें सब्जी, फूलों के फसलों के अलावा अन्य फसल शामिल हैं। ऐसा ही एक फूलों की खेती है, जिसमें जो भी उतरा है, वह मालामाल हो रहा है। इसकी खेती की खास बात यह है कि कम लागत में अधिक कमाई करवाती है, जिसके घाटे का चांस न के बराबर हो जाता है।

कैमोमाइल फूल किसानों को कर रहा मालामाल

दरअसल, हम बात कर रहे हैं कैमोमाइल फूल (Chamomile Flower) की खेती की। इसको जुदाई फूल भी कहा जाता है। यूपी में खासकर हमीरपुर जिले में बुंदेलखंड के किसान इसकी खेती के माध्यम से अपनी आय दोगुनी की है और सुख व समृद्धिशाली से अपना जीवन जी रहे हैं। इसके अलावा इस खेती का दिन पर दिन किसानों के बीच चलन बढ़ता जा रहा है। इसके पौधे का उपयोग कई तरह के उत्पादों को बनाने में होता है। जैसे कि हर्बल चाय, फार्मा उत्पादों, इत्र, पेय और बेकरी उत्पाद आदि शामिल हैं। इसके अलावा इसके फूलों का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी उपयोग किया जाता है, जिसकी वजह से बाजार में कैमोमाइल फूल की मांग अधिक होती है और किसान को अधिक पैसा मिलता है। इस फूल की सबसे अच्छी बात यह है कि यह उपजाऊ भूमि से लेकर बंजर भूमि में भी पैदा हो जाता है। इसमें किसान जुदाई फूल की खेती के लिए ज्यादा भाग रहे हैं।

फूलों का यहां होता है अधिक उपयोग

कैमोमाइल फूल की गुणवत्ता की बात करें तो यह निकोटीन रहित होता है, इसलिए पेट से संबंधित बीमारियों को यह रामबाण कहा गया है। फूल बोने के बाद चार से पांच महीने में तैयार हो जाता है। इसलिए किसानों ज्यादा दिन के लिए फसल तैयार होने के लिए रोकना नहीं पड़ता है। फूल की गुणवत्ता पर एक वैद्य का कहना है कि कैमोमाइल फूल को सुखाकर हर दिन चाय पीने से अल्सर रोग ठीक हो जाता है। इसके अलावा इसके फूल से कई प्रकार की होम्योपैथिक दवाएं तैयार की जाती हैं, जो असाध्य बीमारी का इलाज करती हैं। वहीं, इसका फूल स्किन रोगों मे भी लाभदायक होता है। जलन, अनिद्रा, घबराहट और चिड़चिड़ापन इससे दूर होता है, जबकि मोच, घाव, चोट, रैसेज और पेट की बीमारियों को इसके फूल के उपयोग से दूर किया जा सकता है।

कैसे करें इस फूल की खेती?

इसकी खेती के लिए सबसे पहले किसान को खेत को दो बार जुताई करवाए। एक बार सीधी तो दूसरी बार आडे में जुताई करवाए। इसके बाद रोटावेटर की सहायता से खेती की जुताई करें। रोटावेटर का उपयोग इसलिए किया जा सकता है, ताकि खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाए। उसके बाद किसान भाई खेत में 3 फीट चौड़ी और 1 फीट ऊंची बेड़ तैयार करें। एक एकड़ खेत के लिए करीब 300 से 400 ग्राम बीच की जरूरत होती है। बुआई करते हुए समय पौधों में 30 से 30 से.मी. की दूरी और 1 फीट की लाइन दूरी लगना चाहिए। बुवाई होन के बाद किसान 10-20 दिन में एक बार इसकी सिंचाई कर सकते हैं।

एक एकड़ में इतनी होगी कमाई

किसान भाई कैमोमाइल फूल की खेती से शानदार कमाई करता है। इसकी 1 एकड़ खेती करने के लिए 12 हजार रुपये का खर्चा आता है। इसमें ताजा फूल 2000-2500 किलोग्राम तक प्रति एकड़ और सूखे फूल से 400 से 500 किलोग्राम तक प्रति एकड़ का उत्पादन पा सकते हैं। वहीं, कमाई की बात करें तो औसतन एक एकड़ से 2.5 लाख से 3 लाख रुपए तक का शुद्ध लाभ कमा सकते हैं।

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