Hyundai India IPO: आ रहा है हुंडई मोटर का मेगा आईपीओ, सेबी की मंजूरी

Hyundai India IPO: बताया जाता है कि हुंडई मोटर इंडिया को सेबी से उसके आईपीओ को मंजूरी देने वाला ईमेल मिला है। मुमकिन है कि आईपीओ अक्टूबर में आ जाये।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2024-09-25 14:09 IST

Hyundai India IPO (Pic: Social Media)

Hyundai India IPO: दक्षिण कोरियाई वाहन निर्माता हुंडई की भारतीय शाखा हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड को आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) जारी करने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी की मंजूरी मिल गई है। यह आईपीओ भारत का अब तक का सबसे बड़ा इश्यू होगा और 2022 में आये एलआईसी की 2.7 बिलियन डॉलर की लिस्टिंग को पीछे छोड़ देगा। जून में ऑटो दिग्गज ने सेबी के साथ ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल किया, जिसमें लगभग 18 बिलियन डॉलर-20 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन का टारगेट रखा गया था। मुमकिन है कि आईपीओ अक्टूबर में आ जाये। 

भारत की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता

यह घटनाक्रम भारतीय उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि जापानी वाहन निर्माता मारुति सुजुकी की 2003 में लिस्टिंग के बाद दो दशकों में पहली बार किसी वाहन निर्माता कंपनी का आईपीओ घोषित हुआ है। बता दें कि इसलिए हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड, मारुति सुजुकी इंडिया के बाद भारत में दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता है। जून में दाखिल ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) के अनुसार हुंडई मोटर इंडिया का प्रस्तावित आईपीओ पूरी तरह से प्रमोटर हुंडई मोटर कंपनी द्वारा 142,194,700 इक्विटी शेयरों की बिक्री के लिए प्रस्ताव (ऑफर फॉर सेल) है, जिसमें कोई नया इशू कंपोनेंट नहीं है। दक्षिण कोरियाई मूल कंपनी ओएफएस मार्ग के जरिये अपनी कुछ हिस्सेदारी बेच रही है। चूंकि सार्वजनिक निर्गम पूरी तरह से ओएफएस है, को आईपीओ से कोई आय प्राप्त नहीं होगी।

सेबी से मिली मंजूरी

बताया जाता है कि हुंडई मोटर इंडिया को सेबी से उसके आईपीओ को मंजूरी देने वाला ईमेल मिला है। अपने ड्राफ्ट पेपर्स में हुंडई मोटर इंडिया ने कहा कि उसे उम्मीद है कि इक्विटी शेयरों की लिस्टिंग से इसकी विजिबिलिटी और ब्रांड इमेज बढ़ेगी और शेयरों के लिए लिक्विडिटी और सार्वजनिक बाजार उपलब्ध होगा। हुंडई के आईपीओ पर कई ग्लोबल और घरेलू वित्तीय संस्थान सलाह दे रहे हैं। इस सूची में सिटी, एचएसबीसी सिक्योरिटीज, जेपी मॉर्गन, कोटक महिंद्रा कैपिटल और मॉर्गन स्टेनली जैसी निवेश बैंकिंग दिग्गज शामिल हैं। इसके अलावा, आईपीओ की कानूनी पेचीदगियों को मैनेज करने के लिए टॉप कानूनी फर्मों को शामिल किया गया है। शार्दुल अमरचंद मंगलदास कंपनी के वकील के रूप में काम कर रहे हैं, जबकि सिरिल अमरचंद मंगलदास लेनदेन में शामिल बैंकों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय कानूनी फर्म लैथम एंड वॉटकिंस विदेशी कानूनी मामलों को संभाल रही है।

तीन अरब डालर जुटाने की योजना

इस साल फरवरी में बताया गया था कि हुंडई आईपीओ के जरिए कम से कम 3 बिलियन अमरीकी डॉलर जुटाने की सोच रहा है। यह 3.3 से 5.6 बिलियन डॉलर की रेंज में फंड जुटाने के लिए 15-20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच सकता है। हुंडई मोटर इंडिया ने 1996 में भारत में ऑपरेशन शुरू किया था और वर्तमान में विभिन्न सेग्मेंट्स में 13 मॉडल बेचती है। पिछले महीने, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी 6,145 करोड़ रुपये की शुरुआती शेयर बिक्री के सफल समापन के बाद शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुई।  

Tags:    

Similar News