IMF का अनुमान: भारतीय अर्थव्यवस्था 2022 में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली होगी

IMF: IMF के अनुमान, भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2021 में 9.5 फीसदी और 2022 में 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद जताई है।

Written By :  aman
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-10-13 14:32 IST

IMF: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानि आईएमएफ (IMF) ने जारी ताजा अनुमानों के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के वर्ष 2021 में 9.5 फीसदी और 2022 में 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद जताई है। भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2026-27 तक 6.1 प्रतिशत की दर से विकास करता रहेगा। बता दें कि भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 7.3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। आईएमएफ के ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य में भारत के वृद्धि अनुमानों को इस साल जुलाई में जारी अपने पिछले अनुमान पर स्थिर रखा गया है। हालांकि यह अप्रैल के अनुमानों के मुकाबले 1.6 फीसदी कम है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक से पहले जारी ताजा डब्ल्यूईओ के अनुसार 2021 में पूरी दुनिया की वृद्धि दर 5.9 फीसदी और 2022 में 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

चीन और अमेरिका की क्या रहेगी विकास दर 

दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र अमेरिका की अर्थव्यवस्था के इस साल 6 प्रतिशत और अगले साल 5.2 प्रतिशत दर से बढ़ने का अनुमान है। पूर्वानुमान के मुताबिक, "चीन की अर्थव्यवस्था 2021 में 8 प्रतिशत और 2022 में 5.6 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने इस संबंध में कहा कि उनके जुलाई के पूर्वानुमान की तुलना में 2021 के लिए वैश्विक वृद्धि अनुमान को मामूली रूप से संशोधित कर 5.9 प्रतिशत कर दिया गया है। जबकि साल 2022 के लिए यह 4.9 प्रतिशत पर बना हुआ है।"

आईएमएफ का महंगाई पर बड़ा बयान 

आईएमएफ ने महंगाई को लेकर भी बड़ा बयान दिया है। जिसके मुताबिक चालू वित्त वर्ष में भारत का रिटेल इन्फ्लेशन या खुदरा महंगाई 5.6 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2022-23 में 4.9 फीसदी रहेगी। रिजर्व बैंक ने मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर का अनुमान 5.3 फीसदी रखा है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर का अनुमान 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। 

भारत ने वैक्सीनेशन मोर्चे पर कमाल किया 

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था ने कोरोना की दूसरी लहर से शानदार रिकवरी की है। दूसरी लहर के कारण जुलाई में ग्रोथ रेट के अनुमान को घटा दिया गया था। लेकिन अब अनुमान को जस का तस रखा गया है।" इसके अलावा उन्होंने वैक्सीनेशन की रफ्तार को लेकर भारत की तारीफ की है।

इस साल 10 bps से घटाया

आईएमएफ ने साल 2021 के लिए ग्लोबल ग्रोथ रेट के अनुमान को 10 बेसिस प्वाइंट्स (10 bps) से घटाया है। जबकि 2022 के लिए ग्रोथ रेट के अनुमान को 4.9 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। आईएमएफ के मुताबिक इस कैलेंडर वर्ष में वैश्विक आर्थिक विकास दर 5.9 प्रतिशत रहेगा। इससे पहले जुलाई में इसने ग्लोबल ग्रोथ रेट के अनुमान को 6 फीसदी रखा था। 

...लेकिन रफ्तार घटी है

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी मीडियम टर्म में मॉडरेट रेट से ग्रोथ करेगी। यह धीरे-धीरे घटकर 3.3 प्रतिशत की दर पर पहुंच जाएगी। उसका कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में रिकवरी जरूर आई है। लेकिन इसकी रफ्तार घट गई है। 

ग्लोबल इकोनॉमी का आकार घटेगा 

आईएमएफ की रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड- 19 महामारी के कारण ग्लोबल इकोनॉमी को खासा नुकसान हुआ है। आने वाले दिनों में लंबी अवधि तक इसका असर देखने को मिलेगा। जिसके कारण अगले पांच वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्था का आकार 5.3 लाख करोड़ डॉलर यानि 5.3 ट्रिलियन डॉलर से घट जाएगा।

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