E-Commerce Policy: व्यापारी इंतजार में! जल्द लागू हो भारत में ई-कॉमर्स नीति पीएम मोदी लिखा गया पत्र
E-Commerce Policy: कैट ने कुछ मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि यह पता चला है कि ई-कॉमर्स नीति और नियम दोनों प्रधानमंत्री की अप्रूवल के लिए लंबित है। इसका इंतजार देश भर के व्यापारी कर रहे हैं।
National E-Commerce Policy: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। पीएम मोदी को भेजे गए इस पत्र में देश के सबसे बड़े व्यापारी संगठन ने भारत में ई-कॉमर्स नीति और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत नियमों को शीघ्र लागू करने का अनुरोध किया है। कैट ने कुछ मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि यह पता चला है कि ई-कॉमर्स नीति और नियम दोनों प्रधानमंत्री की अप्रूवल के लिए लंबित है।
व्यापारी कर रहे ई-कॉमर्स नीति के अप्रूवल का इंतजार
कैट ने कहा कि देश भर के व्यापारी पीएम मोदी के अप्रूवल किए जाने का इंतजार कर रहे हैं जो व्यापार और देश के व्यापक हित में आवश्यक है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था पर ई-कॉमर्स के परिवर्तनकारी प्रभाव को पहचानते हुए हमारा मानना है कि एक व्यापक और अच्छी तरह से संरचित नीति जरूरी है जो निश्चित रूप से ई कॉमर्स की प्रमुख कंपनियों द्वारा बनाए गए असमान स्तर के खेल को खत्म कर देगी, जिससे देश का आम व्यापारी भी ई कॉमर्स का लाभ उठा सकेगा।
छोटे कारोबारियों को मिलेगा बढ़ावा
खंडेलवाल ने कहा कि ई-कॉमर्स नीति के त्वरित कार्यान्वयन से न केवल बहुत जरूरी नियामक स्पष्टता मिलेगी बल्कि एक निष्पक्ष और प्रतिस्पर्धी कारोबारी माहौल को भी बढ़ावा मिलेगा। उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना, छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देना और ई-कॉमर्स पारिस्थितिकी तंत्र में सभी हितधारकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है जिसके लिये पालिसी एवं नियमों को अब लागू करना निहायत ही जरूरी हो गया है।
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हमारा देश डिजिटल अर्थव्यवस्था को अपनाना रहा है, ऐसे में एक मजबूत ई-कॉमर्स नीति आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और तकनीकी नवाचार में महत्वपूर्ण योगदान देगी। इसके अलावा यह हमारी वैश्विक स्थिति को मजबूत करेगा और डिजिटल बाजार में निवेशकों का विश्वास बढ़ाएगा।
महत्व को देखते हुए प्रक्रिया तेजी आए
कैट ने कहा कि देश के व्यापारिक समुदाय को विश्वास है कि पीएम मोदी इस मामले की तात्कालिकता और महत्व को देखते हुए इस प्रक्रिया में तेजी लाएंगे। शीघ्र कार्यान्वयन से व्यवसायों को नियामक ढांचे के साथ जुड़ने में मदद मिलेगी।