Income Tax on Salary: सैलरीड टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स से बड़ी राहत, TDS और TCS में होगी बचत
Income Tax on Salary: अगर कर्मचारी हर महीने अपने वेतन से काटे जाने वाले टीडीएस की राशि को कम करना चाहते हैं तो उन्हें अपने नियोक्ता 12 बीएए फॉर्म भरकर देना होगा।
Income Tax on Salary: आयकर विभाग ने नौकरीपेशा कर्मचारियों को TDS कटौती में राहत दिया है। आयकर विभाग ने कर्मचारियों को अपने वेतन से होने वाली स्रोत पर कर यानी टीडीएस की कटौती में कमी लाने का अवसर दिया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इसके लिए एक नया फॉर्म 12 बीएए जारी किया है। अगर कर्मचारी हर महीने अपने वेतन से काटे जाने वाले टीडीएस की राशि को कम करना चाहते हैं तो उन्हें अपने नियोक्ता यह फॉर्म भरकर देना होगा। इस फॉर्म में उनके वेतन के अलावा अन्य स्रोतों से काटे गए स्रोत पर कर कटौती और स्रोत पर कर संग्रह यानी टीडीएस और टीसीएस की जानकारी देनी होगी।
अभी तक कंपनियां नियोक्ता द्वारा घोषित किए गए निवेश के हिसाब से स्रोत पर कर काटती हैं। इसमें अन्य जगह दिए गए करों को शामिल नहीं किया जाता। अब इस प्रक्रिया में बदलाव आ जाएगा। टीसीएस और टीडीएस भुगतान की जानकारी देकर आप अपने वेतन में से होने वाली कटौती को कम कर पाएंगे। इससे कर्मचारियों के पास हर महीने ज्यादा नकदी आएगा। सीबीडीटी ने यह नया फॉर्म एक अक्टूबर से जारी कर दिया है।
एक अक्टूबर से जारी
नया फॉर्म 12बीएए 1 अक्टूबर, 2024 से लागू हो चुका है। सीबीडीटी ने इसे 15 अक्टूबर, 2024 को अधिसूचित किया। इस फॉर्म का उपयोग करते हुए कर्मचारी अपने नियोक्ताओं को आय के अन्य स्रोतों से काटे गए टीडीएस और टीसीएस की जानकारी दे सकेंगे। यह कदम कर्मचारी के टेक-होम वेतन को बढ़ाने में मदद करेगा। साथ ही कर दायित्व को कम करने और अनुपालन प्रक्रिया को आसान बनाने में भी सहायक होगा।
दे सकेंगे ये जानकारी
इसमें वह एफडी, इंश्योरेंस कमीशन, इक्विटी शेयर का डिविडेंड और कार आदि खरीदने पर दिए जाने वाले टैक्स की जानकारी दें सकेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों के वेतन से होने वाली ज्यादा कटौती की समस्या का निदान करना है। इससे कर्मचारियों के हाथ में ज्यादा वेतन उपलब्ध रहेगा। साथ ही उन्हें खर्च या बचत के लिए ज्यादा पैसा मिल सकेगा। नियोक्ता को वेतन के अलावा आप के दूसरे सोली जैसे एफडी, बीमा कमीशन या शेयर से मिलने वाले लाभांश से भी टीडीएस के रूप में टैक्स काटा गया है। कोई बड़ी खरीदारी या विदेशी मुद्रा में भुगतान किया है और उस पर टीसीएस काटा गया है तो उसे भी इस फॉर्म में दर्ज किया जा सकता है।