India Famous Businessmen Died in 2022: भारत के इन बड़े उद्योगपतियों ने 2022 में दुनिया को कहा अलविदा
India Famous Businessmen Died in 2022 : यह साल भारत के कारोबार के लिहाज से काफी उतार चढ़ाव वाला रहा। इसी बीच, देश ने अपने कई प्रमुख उद्योगपतियों को खो दिया, जो अपने क्षेत्र के दिग्गज व्यक्ति थे और देश का मान पूरे विश्व में बढ़ा रहे थे। आईये जानते हैं उनके बारे में...
Year Ender 2022: वर्ष 2022 अपने समाप्ति की ओर है। यह साल कारोबार के लिए लिहाज से काफी उतार चढ़ाव वाला रहा। इस साल कारोबार के क्षेत्र में देश को कुछ खुशियां मिली तो कुछ गम भी काफी उठाना पड़ा। भारत ने वर्ष 2022 में उन उद्योगपतियों को खोया, जिन्होंने कारोबार के क्षेत्र में दिग्गज थे। उन्होंने न सिर्फ देश विदेश में अपना मान बढ़ाया बल्कि भारत का भी नाम रोशन किया। इसी साल देश ने अपना शेयर बाजार का सबसे दिग्गज निवेश खोया तो कुछ महीने के अंतराल में शापूरजी पालोनजी समूह के दो बड़े व्यक्तियों की निधन हो गया और यह निधन पिता और पुत्र का था। कुल मिलाकर देश ने इस साल अपने छह उद्योगपतियों को खोया। आईये डालते हैं साल 2022 में दुनिया से अलविदा कहने वाले भारत के उद्योपतियों पर नजर।
1) पालोनजी मिस्त्री (Pallonji Mistry)
देश के अरबपति कारोबारी और शापूरजी पालोनजी समूह के मुखिया पालोनजी मिस्त्री ने इस साल दुनिया को अलविदा कह दिया। पालोनजी का निधन 28 जून, 2022 को हुआ था। वह भारत के सबसे बड़े कारोबारी समूह में से एक टाटा ग्रुप के सबसे बड़े शेयरधारक थे। साथ ही, शापूरजी पालोनजी समूह की उनके पास 18.4 फीसदी हिस्सेदारी थी। पालोनजी मिस्त्री को साल 2016 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। निधन से पहले मिस्त्री का कुल नेटवर्थ 29 अरब डॉलर का था। पालोनजी मिस्त्री के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई प्रमुख लोगों ने शोक व्यक्त किया था। प्रधानमंत्री कहा था कि पालोनजी मिस्त्री ने वाणिज्य और उद्योग की दुनिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने साल 2003 में भारत की नागरिकता को छोड़ दी थी। उसके बाद वे आयरलैंड के नागरिक बन गए थे। शापूरजी पालोनजी ग्रुप का कारोबार देश विदेश में फैला हुआ है। यह ग्रुप इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन इन्फ्रास्ट्रक्चर, रियल इस्टेट, पानी, ऊर्जा और फाइनेंशियल सर्विसेज में काम करता है। इस ग्रुप की स्थापना साल 1865 में हुई थी और इसी ग्रुप के पास देश के सबसे प्रमुख की बिल्डिंग का निर्माण किया था,जोकि मुंबई का होटल द ताज पैलेस और आरबीआई की बिल्डिंग है।
2) राहुल बजाज (Rahul Bajaj)
बजाज समूह के चेयरमैन राहुल बजाज ने इस साल दुनिया को अलविदा कह दिया। वह 83 वर्ष के थे और निमोनिया और हृदय संबंधी बीमारी से पीड़ित थे। राहुल बजाज का तालुक देश के बड़े उद्योग घराने बजाज समूह से था। राहुल बजाज के दादा जमनालाल बजाज ने साल 1962 में बजाज कंपनी की शुरुआत की थी। वर्ष 1942 को राहुल बजाज ने बजाज समहू की कमान अपने हाथ में ली। उसके बाद बजाज कंपनी ने जो कामयाबी हासिल की वह अपने आप में एक बड़ी सफलता थी। अमेरिका से पढ़ाई पूरी करने के बाद राहुल बजाज ने बजाज ऑटो में काम करना शुरू किया। साल 1968 में वह कंपनी के सीईओ बने। यह राहुल बजाज के नेतृत्व का करिश्मा ही था कि बजाज ग्रुप का चेतक स्कूटर एक समय लोगों के घर घर में दिखाई देखने लगा था। स्कूटर ब्रांड के स्लोगन तो मानो उस समय लोगों की जुंबा जुंबा पर छाया था। कंपनी ने हमारा बजाज के नाम का स्लोगन तैयार किया था। एक इंटरव्यू में राहुल बजाज में अपने नाम का राज खोलते हुए बताया कि उनका राहुल नाम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने रखा था। उनका जन्म 1938 में हुआ था। उनके दो बेटे हैं राजीव बजाज और संजीव बजाज। साल 2005 में राहुल बजाज से बजाज समूह का कारोबार अपने दोनों बेटों के बीच बंट दिया था। राहुल बजाज का निधन 12 फरवरी, 2022 को हुआ था।
3) साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry)
देश के जाने माने उद्योगपति साइरस मिस्त्री ने इस साल दुनिया को अलविदा कहा दिया था। वह टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन थे और देश के युवा उद्योगपति थे। मिस्त्री का निधन मुंबई के पालघर में सड़क हादसे हुआ था। वह अपने कुछ साथियों के साथ अहमदाबाद से मुंबई लौट रहे थे,तभी उनकी मर्सिडीज कार दुर्घटना का शिकार हो गई थी। उनके साथ इस सड़क हादसे में जहांगीर दिनशा पंडोल की मौत हो गई थी। इसके अलावा दो अन्य साथी अनायता पंडोले और दरीयस पांडोले घायल हो गए थे। सायरस मिस्त्री के पिता देश के उद्योगपति पालोनजी शापूरजी थे,जिनका निधन भी इस साल हो गया था। सायरस मिस्त्री आयरिश नागरिक थे। साल 2012 में वह टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने थे। लेकिन कुछ विवादों के चलते साल 2016 में उन्हें इस पद से हटा दिया था। पालोनजी शापूरजी के निधन के बाद साइरस मिस्त्री अपने कारोबारी समूह शापूरजी पालोनजी ग्रुप की कमान अपने हाथ ले ली थी,लेकिन पिता के निधन के कुछ महीने बाद 4 सितंबर, 2022 को उनका भी निधन हो गया था। उनके निधन पर देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई उद्योगपति ने शोक प्रकट किया था।
4) राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala)
भारत के दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने 62 वर्ष की अल्प आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया था। झुनझुनवाला का निधन मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पातल में हार्टअटैक आने की वजह से हुआ था। राकेश झुनझुनवाला को भारत के शेयर बाजार का वॉरेन बफेट कहा जाता था। शेयर बाजार ने उन्हें इस प्रकार का महारथ हासिल की कि मात्र 5000 रुपये से निवेश की शुरुआत कर 40 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति खड़ा कर दिया था। झुनझुनवाला के शेयरों की पोर्टफोलियों में देश की कई बड़ी कंपनियां शामिल थीं। निधन से पहले राकेश झुनझुनवाला ने देश की सबसे किफायती एयरलाइन आकासा एयर की शुरुआत की थी और उन्होंने एयर लाइन फील्ड में तब कदम रखा था, जब यह उद्योग विकट परिस्थितियों के जूझ रहा था और देश की अधिकांश एयरलाइन कंपनियां घाटे में चल रही था। उनके इस कदम की कारोबार क्षेत्र में कड़ी आलोचना हुई थी। झुनझुनवाला कॉलेज के समय ही शेयर बाजार में कदम कर दिया था, जिसके बाद उन्हें भारत का बिगबुल कहा जाने लगा। उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट से उन्होंने सीए की डिग्री हासिल की थी। झुनझुनवाला RARE एंटरप्राइजेज नाम की निजी ट्रेडिंग फर्म चलाते थे। इस फर्म की नींव 2003 में रखी थी। उनका निधन 14 अगस्त, 2022 को हुआ था।
5) जमशेद जे ईरानी (Jamshed J Irani)
इस साल जमशेद जे ईरानी ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया था। वह टाटा स्टील के पूर्व एमडी थे। जमशेद जे ईरानी को भारत का स्टील मैन कहा जाता था। उन्होंने 1990 में टाटा स्टील का नेतृत्व किया था और 2011 तक इसका नेतृत्व करते रहे थे। ईरानी टाटा स्टील को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई ख्याति प्रदान कराई थीं। उनका जन्म 2 जून 1936 में नागपुर में जीजी ईरानी और खोरशेद ईरानी के घर पर हुआ था। उन्होंने नागपुर साइंस से बीएससी और नागपुर विश्वविद्यालय से जूलॉजी से मास्टर किया था। बाद में वह यूके शेफील्ड यूनिवर्सिटी भी पढ़े गए और उन्होंने वहां से 1960 में मटेलर्जी से मास्टर किया। जमशेद ईरानी के काम के चलते उन्हें कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका। उद्योग के योगदान के लिए उन्हें 2007 में भारत सरकार से पद्म भूषण पद से सम्मानित किया गया। साल 2008 में मेटलर्जी के क्षेत्र में काम करने के लिए भारत सरकार ने उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। जमशेद जे ईरानी का निधन 31 अक्टूबर 2022 को हुआ था।
6) आरिज पिरोजशॉ खंबाटा (Ariz Pirojshaw Khambata)
रसना समूह संस्थापक और इसके अध्यक्ष आरिज पिरोजशॉ खंबाटा ने इसी साल निधन हो गया। खंबाटा 85 वर्ष के थे और खंबाटा बेनेवलेंट ट्रस्ट और रसना फाउंडेशन के अध्यक्ष थे। इसके अलावा वह WAPIZ (पारसी ईरानी जरथोस्टिस के विश्व गठबंधन) के पूर्व अध्यक्ष और अहमदाबाद पारसी पंचायत के पूर्व अध्यक्ष, भारत के पारसी जोरास्ट्रियन अंजुमन्स फेडरेशन के उपाध्यक्ष भी थे। खंबाटा प्रतिष्ठित घरेलू पेय ब्रांड रसना बनाने के लिए जाने जाते थे, जो देश में 1.8 मिलियन खुदरा दुकानों पर बेचा जाता है। रसना दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्ट ड्रिंक कंसंट्रेट निर्माता है। उनके निधन पर कंपनी ने एक बयान जारी किया था। उस बयान में कहा था कि खंबाटा ने भारतीय उद्योग, व्यापार और सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक विकास में सामाजिक सेवा के माध्यम से बहुत योगदान दिया है। रसना को अभी भी बहुत याद किया जाता है और ब्रांड का "आई लव यू रसना" अभियान अभी भी 80 और 90 के दशक में पले-बढ़े लोगों के दिमाग में ताजा है। आरिज पिरोजशॉ खंबाटा का निधन 19 नवंबर, 2022 को हुआ था।
7) विक्रम किर्लोस्कर (Vikram Kirloskar)
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर प्रा. लिमिटेड और भारत के मोटर वाहन उद्योग के दिग्गजों में से विक्रम किर्लोस्कर ने भी इस साल दुनिया को अलविदा कहा दिया। वह भारत में टोयोटा का मुख्य चेहरा थे। उनका निधन 64 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने पर हुआ था। विक्रम किर्लोस्कर के परिवार में उनकी पत्नी गीतांजलि किर्लोस्कर और बेटी मानसी किर्लोस्कर हैं। विक्रम किर्लोस्कर मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक थे। उन्होंने वर्षों तक CII, SIAM और ARAI में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया था। वह किर्लोस्कर समूह की चौथी पीढ़ी के प्रमुख थे। वह किर्लोस्कर सिस्टम्स लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर प्राइवेट लिमिटेड के उपाध्यक्ष भी थे। विक्रम ने भारतीय ऑटो उद्योग के विकास में अत्यधिक योगदान दिया था और भारत को एक मजबूत ऑटो विनिर्माण केंद्र बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया था। उनका निधन 29 नवंबर 2022 को हुआ था।