India Q3 GDP: तीसरी तिमाही में भारत अर्थव्यवस्था को लगा जोर का झटका, 5 फीसदी से नीचे गई विकास दर
India Q3 GDP: 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था पर एशियाई विकास बैंक (ADB) ने विकास दर 7 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने विकास दर 6.8 प्रतिशत आंकी है।
India Q3 GDP: यूक्रेन और रूस के बीच बीते एक साल से जारी युद्ध से दुनिया के देशों में फैली मंदी और महंगाई के असर से भारत भी प्रभावित हुआ है। इसका ताजा उदाहरण भारत के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों से मिला है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के देश की अर्थव्यवस्था के एनएसओ ने आंकड़े जारी कर दिये हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक, देश की अर्थव्यवस्था को झटका लगा है। NSO का कहना है कि 2022-23 की तीसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था के 4.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 11.2 प्रतिशत थी। इससे पहले सितंबर2022 की तिमाही में यह 6.3 फीसदी रिकॉर्ड की गई थी। हालांकि इस दौरान देश की विकास दर 7 फीसदी रहेगी।
वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद घटा
मंदी मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के चलते NSO ने 8.7 प्रतिशत के पहले के अनुमान के मुकाबले 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को संशोधित कर 9.1 प्रतिशत कर दिया। वर्ष 2022-23 में स्थिर (2011-12) कीमतों पर वास्तविक जीडीपी या जीडीपी 159.71 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी का पहला संशोधित अनुमान 149.26 लाख करोड़ रुपये था। 2022-23 के दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद 2021-22 में 9.1 प्रतिशत की तुलना में 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
2022-23 की तीसरी तिमाही में लगातार (2011-12) कीमतों पर जीडीपी 40.19 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि 2021-22 की तीसरी तिमाही में यह 38.51 लाख करोड़ रुपये था, जो 4.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। 2022 की तीसरी तिमाही में मौजूदा कीमतों पर जीडीपी 2021-22 की तीसरी तिमाही में 62.39 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 23 को 69.38 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो 11.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
तीन वर्षों में 18 फीसदी बढ़ी एनएनआई
NSO ने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिए नॉमिनल नेट इनकम (एनएनआई) मौजूदा कीमतों पर 2020-21 में 172.23 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 203.27 लाख करोड़ रुपये है, जो 2021-22 के दौरान पिछले तीन वर्षों में 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। प्रति व्यक्ति आय या मौजूदा कीमतों पर प्रति व्यक्ति शुद्ध राष्ट्रीय आय वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए क्रमशः 1,27,065 रुपये और 1,48,524 रुपये अनुमानित है।
जीसीएफ 73 लाख करोड़ से अधिक पहुंचने का अनुमान
मौजूदा कीमतों पर सकल पूंजी निर्माण (जीसीएफ) वर्ष 2020-21 के दौरान 55.27 लाख करोड़ रुपये की तुलना में वर्ष 2021-22 के लिए 73.62 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। 2020-21 में 27.9 प्रतिशत की तुलना में 2021-22 के दौरान जीसीएफ से जीडीपी की दर 31.4 प्रतिशत है। वर्ष 2011-12 से 2019-20 और 2021-22 में पूंजी निर्माण की दर आरओडब्ल्यू (बाकी दुनिया) से सकारात्मक शुद्ध पूंजी प्रवाह के कारण बचत की दर से अधिक रही है।
स्थिर (2011-12) कीमतों पर जीसीएफ से जीडीपी की दर 2020-21 में 31.7 प्रतिशत और 2021-22 में 35.5 प्रतिशत थी। 2020-21 के दौरान 57.17 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 2021-22 के दौरान सकल बचत 70.77 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
प्रमुख एजेंसियों का विकास दर का अनुमान
उधर, 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था पर एशियाई विकास बैंक (ADB) ने विकास दर 7 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने विकास दर 6.8 प्रतिशत आंकी है।