'पहले भी वापस हो चुके हैं FPO, अडानी मामले से भारत की छवि प्रभावित नहीं हुई'..बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Nirmala Sitharaman on Adani FPO: अडानी ग्रुप ने अपनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपए के FPO वापस लिए थे। इसी पर आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया।

Written By :  aman
Update:2023-02-04 16:19 IST

Nirmala Sitharaman (Social Media)

Nirmala Sitharaman on Adani FPO: हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की नेगेटिव रिपोर्ट के बाद अडानी समूह (Adani Group) की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। अडानी ग्रुप को बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा है। इस मुद्दे पर संसद का बजट सत्र भी लगातार हंगामेदार रह रहा है। विपक्ष जमकर हंगामा मचा रहा है। अडानी मामले पर जारी बवाल के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने शनिवार (04 फरवरी) को बड़ा बयान दिया। वित्त मंत्री बोलीं, कि 'भारत की स्थिति किसी भी तरह से प्रभावित नहीं हुई है।'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'हमारा विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) पिछले दो दिनों में बढ़कर 8 मिलियन डॉलर हो गया है। FII और एफपीओ (FPO) का आना-जाना लगा रहता है। मगर, अडानी मामले से भारत की छवि और स्थिति प्रभावित नहीं हुई है। सीतारमण ने कहा, नियामक अपना काम करेंगे। वहीं, रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) अपना बयान जारी। उन्होंने कहा कि, ये पहली बार नहीं हो रहा, पहले भी FPO वापस लिए गए हैं।'  

विपक्ष कर रही JPC से जांच की मांग

इन दिनों अडानी समूह के गिरते शेयर की ख़बरें मीडिया की हेडलाइन बन रही हैं। शुक्रवार को संसद में विपक्ष ने इस मामले पर जमकर हंगामा मचाया था। संसद में विपक्षी सदस्य अडानी ग्रुप के मुद्दे पर चर्चा और संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) यानी JPC से जांच कराए जाने की मांग पर जोर दे रही है। इसी पर आज वित्त मंत्री ने जवाब दिया।

अडानी समूह ने वापस लिया था 20,000 Cr. का FPO

दरअसल, बीते दिनों अडानी समूह ने अपनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के 20,000 करोड़ रुपए के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर यानी FPO को बुधवार को वापस ले लिया था।    20 हजार करोड़ के लिए ये एफपीओ 27 जनवरी 2023 को सब्सक्रिप्शन के लिए खोला था। हालांकि, 31 जनवरी को फुल सब्सक्राइब होकर यह क्लोज हुआ था। बता दें, FPO को सेकेंडरी ऑफरिंग के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी मौजूदा शेयरधारकों के साथ-साथ नए निवेशकों को नए शेयर जारी करती है। 

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में क्या? 

अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट समाप्त हुए महीने की 24 तारीख को आई थी। इसके बाद से ही अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में गिरावट का दौर जारी है। अपनी रिपोर्ट में हिंडनबर्ग का दावा है कि अडानी समूह की लिस्टेड 7 कंपनियां 85 प्रतिशत ओवरवैल्यूड हैं। इस रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप दशकों से स्टॉक में हेरा-फेरी और मनी लॉन्ड्रिंग करती रही है। इस वजह से पिछले सात कारोबारी सत्रों में अडानी समूह को 9 लाख करोड़ रुपए का मार्केट कैप गंवाना पड़ा।

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