Hair Exports Business: आपके बाल, किसी का माल! खूब हो रही एक्सपोर्ट से कमाई

Hair Exports Business: भारत से इंसानी बालों का एक्सपोर्ट हाल के वर्षों में रफ्तार पकड़ रहा है और 2018-19 और 2022-23 के बीच ये चौगुना हो गया है। इसकी वजह है भारतीय बालों की बढ़िया क्वालिटी।

Update: 2023-08-17 03:15 GMT
Hair Exports Business (Photo- Social Media)

Hair Exports Business: दुनिया भर में सिर्फ हम भारतीय ही फैले हुए नहीं हैं, बल्कि हमारे बाल भी दुनिया के कोने कोने में लोगों के सिर पर विराजमान हैं। सो, अगर आप दुनिया में कहीं भी किसी को नकली बाल या विग पहने देखें तो बहुत मुमकिन है कि उस विग में इस्तेमाल किए गए बाल भारत के हों। जी हाँ, भारत से इंसानी बालों का एक्सपोर्ट हाल के वर्षों में रफ्तार पकड़ रहा है और 2018-19 और 2022-23 के बीच ये चौगुना हो गया है। इसकी वजह है भारतीय बालों की बढ़िया क्वालिटी।

आपके बाल किसी का माल

मंदिरों आदि में बड़ी संख्या में लोग बाल मुड़ाते हैं। सैलून में बाल कटाते हैं। ये जान लीजिए कि आपके बाल झाड़ू लगा कर कूड़े में फेंक नहीं दिए जाते। आपके कटे बाल भले ही आपके लिए बेकार वेस्ट हों लेकिन यही बाल एक बड़ा बिजनेस हैं। किन्हीं के लिए "माल" हैं। बालों से खास केमिकल भी निकाला जाता है, विग बनाई जाती हैं और कई अन्य उपयोग भी होते हैं।

लगातार बढ़ रहा बाल एक्सपोर्ट

ये भी जान लीजिये कि अपशिष्ट बाल उद्योग का मूल्य लगभग 1 बिलियन डॉलर है और भारत के मानव बाल निर्यात का लगभग आधा हिस्सा पश्चिम बंगाल का है।

बीते 11 अगस्त को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि भारत दुनिया में मानव बाल का सबसे बड़ा स्रोत है। अनुप्रिया ने इन आंकड़ों के स्रोत के रूप में ह्यूमन हेयर एंड हेयर प्रोडक्ट्स एसोसिएशन और प्लेक्स कॉन्सिल (प्लास्टिक एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल) का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि 2018-19 और 2022-23 के बीच मानव बाल का निर्यात 391 प्रतिशत बढ़कर 169.23 मिलियन डॉलर से अधिक का हो गया।

भारत से निर्यात किए गए मानव बाल का मूल्य 2018-19 में 34.46 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 169.23 मिलियन डॉलर हो गया। 2020-21 में भारत के बाल निर्यात का मूल्य 11.65 मिलियन डॉलर था।

हमारे बाल यानी बढ़िया क्वालिटी

मंत्री अनुप्रिया पटेल के अनुसार, भारत से बालों के एक्सपोर्ट में वृद्धि का एक कारण मानव बाल की बढ़िया क्वालिटी हो सकती है। उन्होंने कहा कि भारतीय बालों की गुणवत्ता सभी महाद्वीपों में बहुत लोकप्रिय है। उन्होंने कहा कि प्लेक्सकॉन्सिल दुनिया भर में विभिन्न व्यापार शो में भाग लेने के लिए उद्योग के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है। इसके अलावा, प्लेक्सकॉन्सिल भारतीय निर्यातकों को विग जैसे महंगे प्रोडक्ट का उत्पादन शुरू करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सरकार के साथ भी काम कर रहा है।

भारत का "हेयर कैपिटल"

कर्नाटक के कोप्पल जिले के भाग्यनगर को भारत का हेयर कैपिटल कहा जाता है। बीते 7 सात दशकों से भाग्यनगर बाल प्रोसेसिंग का गढ़ बना हुआ है। एक छोटा शहर होने के बावजूद भाग्यनगर में 40 प्रतिशत बालों की प्रोसेसिंग की जाती है। आज यह शहर 200 से अधिक बाल प्रोसेसिंग इकाइयों का घर है, जिनमें 6,000 से 8,000 लोग कार्यरत हैं।

प्रोसेस्ड बालों को भाग्यनगर से बालों को चीन, अफ्रीका और म्यांमार जैसे गंतव्यों में भेजा जाता है जहां यूरोप और अमेरिका पहुंचने से पहले इसे विभिन्न प्रकार के विग और हेयर एक्सटेंशन में बदल दिया जाता है। युवा दिखने वाले बालों पर प्रीमियम कीमतें रखी जाती हैं, सफेद बालों की कीमत लगभग 2,000 रुपये से 2,500 रुपये प्रति किलोग्राम और काले बालों की कीमत 5,000 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक होती है।

सो, अपने बालों की कद्र कीजिये, उनको बढ़िया और स्वस्थ बनाए रखिये और देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान करिये।

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