Year Ender 2022: पूरे साल मचा रहा आईटी क्षेत्र में कोहराम, जमकर हुई लोगों की छंटनी

Year Ender 2022: अमेरिका में टेक कंपनियों में हुई छंटनी पर बाजार विशेष कहना था कि कोरोना आने के बाद कंपनियों के कामकाज में बदलाव आया है,जिसके चलते लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा।

Written By :  Viren Singh
Update:2022-12-19 20:24 IST

Year Ender 2022 (न्यूजट्रैक) 

Year Ender 2022: साल 2022 देश और विदेश में सबसे अधिक अगर कोई प्रभावित हुआ है तो वह आईटी (इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) क्षेत्र रहा। पूरे साल इस क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों के शेयरों में अधिकांश समय गिरावट रही। सबसे अधिक प्रभावित आईटी सेक्टर में अगर कोई देश हुआ तो वह दुनिया का सबसे पॉवरफुल देश में शुमार अमेरिका हुआ। नौबत ऐसी आ गई कि अमेरिकी की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को छंटनी तक करनी पड़ी। और यह छंटनी कोई छोटी नहीं बल्कि बड़ी संख्या में हुई। इस छंटनी से पहले लोगों को लगता था कि कंपनियां रोजगार के लिहाज से काफी सुरक्षित हैं, लेकिन रूस और यूक्रेन के युद्ध ने दिग्गज आईटी कंपनी ट्विटर, मेटा संचालित फेसबुक और अमेजन ने लोगों को ऐसा प्रभावित किया कि लोगों का इन कंपनियों को लेकर जो विचार था वह पूरी तरह बदल गया। इतना ही नहीं, इस युद्ध ने कई कंपनियों को प्रभावित किया और इन कंपनियों ने अपनी आर्थिक स्थिति को देखते हुए नई नियुक्त पर प्रतिबंध लगा दिया।

अमेरिका में बढ़ती महंगाई रोकने के लिए लगातार अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक अपने नीतिगत दरों में बदलावा कर रहा है। लेकिन देश में महंगाई अभी भी रुकने का नाम तक नहीं ले रही। हाल ही में फेड ने रेपो रेट में फिर से इजाफा किया, जिसकी वजह से ग्लोबल शेयर बाजार प्रभावित हुआ। इसके प्रभावित होते ही निवेशकों को तगड़ा नुकसान उठाना पड़ा और सबसे अधिक नुकसान आईटी सेक्टर में आया। पहले ही एक साल से आईटी सेक्टर लगातार प्रभावित हुआ। ऊपर से फेड द्वारा नीतिगत दरों में हाल में बढ़ोतरी ने तो आईटी कंपनियों की कमर तोड़ दी।

अमेरिका मे छंटनी तो भारत में रोजगार

वैसे तो अमेरिका और भारत के आईटी सेक्टर इस साल पूरी तरह उथल पुथल देखने को मिली, लेकिन छंटनी के मामले में भारत की स्थिति अमेरिकी से काफी ठीक रही। भले ही यहां आईटी कंपनियों का कारोबार प्रभावित हुआ हो, लेकिन पूरे साल छंटनी की कोई सूचना नहीं सुनने को मिली। या फिर छंटनी को लेकर घोषणा हुईं तो अमेरिका की तुलना में काफी कम रही। वहीं, भारत में रोजगार देने के लिए कुछ कंपनियों ने घोषणा की।

क्यों गिरा रहा आईटी सेक्टर?

आईटी कंपनियों पर क्रेडिट सुईस की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस और यूक्रेन के युद्ध ने अमेरिका और भारत के आईटी सेक्टर को सबसे अधिक प्रभावित किया। आईटी कंपनियों की वैल्यूएशन के चलते इस क्षेत्र में गिरावट आई। ग्लोबल कमजोरी के चलते वित्त वर्ष 24 में आईटी कंपनियों के आय को दो फीसदी घटने का अनुमान लगया गया है। वहीं, कंपनियों ने ईपीएस में 2-4 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया कि अगर अमेरिकी मैट्रिक इकॉनमी की स्थिति बिगड़ती है तो सभी आईटी कंपनियों के कारोबार प्रभावित होंगे, क्योंकि आईटी कंपनियों में अमेरिका की तरफ से अधिक कंट्रीब्यूशन रहता है। 1 साल के प्री-कोविड औसत के मुकाबले मौजूदा समय देश की टॉप आईटी कंपनियां अभी भी 34 फीसदी प्रीमियम पर ट्रेड कर रही हैं, जबकि 1 साल के प्री-कोविड औसत के मुकाबले निफ्टी पर यह कंपनियां 11 फीसदी प्रीमियम पर ट्रेड कर रही हैं। यह संकेत आईटी कंपनियों ने बड़ी गिरावट के हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की टेक कंपनी एचसीएल में 20 फीसदी की गिरावट की आशंका लगाई गई है,जबकि इंफोसिस में 15 फीसदी की गिरावट की आंशका लगाई गई है। वहीं, विप्रो और टीसीएस में क्रमश: 15 फीसदी और 8 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया गया है।

क्रेडिट सुईस की रिपोर्ट के मुताबित, वैल्यूवेशन के आधार पर देश की आईटी कंपनियों में गिरावट हो रही है और यह आगे भी देखने को मिल सकती है। वहीं अगर आज आईटी इंडेक्स की बात करें तो यह सबसे अधिक टूटे हैं और इसमें 1.33 फीसदी की गिरावट रही है।

छंटनी की वजह से खड़ा हुआ रोजगार संकट

अमेरिका में आईटी सेक्टर में हुए छंटनी से कईयों के सामने रोजगार का बड़ा संकट खड़ा हो गया। कारोबार में हो रही हानि के चलते इन कंपनियों ने हजारों की संख्या में लोगों को नौकरी से निकाल दिया। इसमें प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर, माइक्रोसॉफ्ट और ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के अलावा वॉल्ट डिज़्नी, Morgan Stanley, सिटी ग्रुप, Intel Corp फार्मा कंपनी Johnson & Johnson, Beyond Meat Inc, Chime, Phillips 66, Arrival SA जैसी कई कंपनियों ने अपने यहां कर्मचारियों को कम करने का फैसला किया। इन कंपनियों ने यह फैसला कॉस्ट कंटिंग को कम करने के लिए किया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन कंपनियों ने फरवरी 2021 बाद नवंबर 2022 में अब तक की सबसे बड़ी छंटनी की और यह 13 फीसदी तक बढ़ गई। सबसे अधिक संख्या में फेसबुक ने लोगों को नौकरी से निकाला। फेसबुक ने इस साल के नवंबर महीने में कुछ 11 हजार कर्मचारियों को निकालने का फरमान सुनाया। ट्विटर ने बड़े कर्मचारियों को मिलाकर 3700 कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया। इसमें सबसे अधिक लोग भारत से निकाले गए और यह छंटनी तब हुई जब एलन मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण किया। अमेजन ने 250 कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया। माइक्रोसॉफ्ट ने 1000 कर्मियों को निकालने की घोषणा की। इतनी बड़ी संख्या में हुई साल के आखिरी दो महीनों में छंटनी से लोगों के सामने अब रोजगार का सबसे बड़ा सकंट खड़ा हो गया।

लोगों को नौकरी से निकालने पर मस्क का था यह बयान

तब एलन मस्क ने कहा था कि ट्विटर को रोजाना 40 लाख डॉलर का नुकसान हो रहा है। इसलिए हमारे पास कर्मचारियों को हटाने के अलावा दूसरा कोई अन्य विकल्प नहीं है।

इन वजहों से हुई टेक कंपनियों ने छंटनी

अमेरिका में टेक कंपनियों में हुई छंटनी पर बाजार विशेष कहना था कि कोरोना आने के बाद कंपनियों के कामकाज में बदलाव आया है। ग्लोबल मंदी आने की वजह से इन बड़ी कंपनियों के मुनाफे में तगड़ी गिरावट आई है। इसके अलावा कंपनियों ने ग्रोथ की उम्मीद के चलते ओवर हायरिंग कर ली थी, जिसके चलते कंपनियों पर आर्थिक भार बढ़ता जा रहा था। वहीं, टेक कंपनियों के डिजिटल विज्ञापन में भारी गिरावट आई।

छंटनी के बीच भारत में हुई भर्ती

टेक कंपनियों ने छंटनी के बीच सैंमसंग ने इसी साल भारत में 1000 लोगों को नौकरी देने की घोषणा की। कंपनी ने तब कहा था कि वह अपने आरएंडडी संस्थानों में अत्याधुनिक तकनीकों पर काम करने के लिए एक हजार इंजीनियरों की नियुक्ति करेगा। कंपनी यह नियुक्ति देश के प्रमुख इंजीनिरिंग संस्थानों से करेगी, जिसमें आईआईटी भी शामिल है। कंपनी के यह नए इंजीनियर 2023 में कंपनी के साथ शामिल होंगे। इसके अलावा देश में काम करने वाली अन्य कंपनियों ने भी लोगों की भर्ती करने की घोषणा की थी।

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