LIC IPO: निवेशकों के लिए अच्छी खबर, मार्च में आ रहा है LIC का IPO

LIC IPO : सरकार अगले सप्ताह बाजार नियामक सेबी के सामने भारतीय जीवन बीमा निगम के आरंभिक सार्वजनिक निगम के लिए दस्तावेजों का ड्राफ्ट दाखिल कर सकती है।

Newstrack :  Network
Published By :  Ragini Sinha
Update:2022-02-03 10:57 IST

Life Insurance Corporation of India (Social Media)

LIC IPO : देश में बीमा क्षेत्र की सबसे बड़ी सार्वजनिक कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Life Insurance Corporation of India) के आईपीओ को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। लंबे समय से एलआईसी के आईपीओ का इंतजार कर रहे निवेशकों को अब और ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। एक बड़े अधिकारी के हवाले से बताया गया कि मार्च तक एलआईसी का मेगा आईपीओ (IPO) आ सकता है। देश की मार्केट रेगुलेटर संस्था सेबी की मंजूरी का इंतजार है। 

आईपीओ बाजार में आ जाएगा

बताया जा रहा है कि सरकार अगले सप्ताह बाजार नियामक सेबी के सामने भारतीय जीवन बीमा निगम के आरंभिक सार्वजनिक निगम के लिए दस्तावेजों का ड्राफ्ट दाखिल कर सकती है। सेबी की मंजूरी मिलने के साथ ही इसका आईपीओ में बाजार में आ जाएगा। सरकारी सूत्रों के अनुसार शेय़र आईपीओ का एक हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए रिजर्व रखा सकता है। 

दरअसल, मंगलावर को अपने बजट भाषण के दौरान ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि सरकार जल्द सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम का आरंभिक सार्वजनिक निगम (IPO) जारी करने वाली है। 

सेबी की मंजूरी का इंतजार

लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (Public Asset Management Department) यानि दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा बीमा नियामक की मंजूरी का इंतजार है। इसके बाद शेयर बिक्री के लिए के आकार का विवरण देने वाले डॉक्युमेंटस का ड्राफ्ट दाखिल किया जाएगा। सेबी की मंजूरी मिलने के बाद मार्च तक एलआईसी का आईपीओं बाजार में आ सकता है। वहीं दूसरी तरफ उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) एलआईसी के निवेश बनाने के लिए एपडीआई में बदलाव के लिए जल्द केंद्रीय कैबिनेट के पास जाएगा। 

विनिवेश का लक्ष्य पान के लिए अहम

डीपीआईआईटी के सचिव अनुराग जैन ने बताया कि सरकार द्वारा निर्धारित विनिवेश के लक्ष्य को पुरा करने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम की लिस्टिंग बेहद जरूरी है। सरकार ने एयर इंडिया का निजीकरण और अन्य सरकारी उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर अब तक 12 हजार करोड़ रूपए जुटाए हैं। बता दें कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनेवेश के लक्ष्य को घटाकर 78 हजार करोड़ रूपए कर लिया है।

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