Biofuel: केंद्र सरकार के इस फैसले से पेट्रोल के दाम होंगे कम, किसानों को भी होगा फायदा

Biofuel: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली कैबिनेट (Modi Cabinet) ने बायोफ्यूल पर राष्ट्रीय नीति- 2018 में संसोधन को मंजूरी दे दी है।

Published By :  Shreya
Update:2022-05-18 18:04 IST

पेट्रोल पंप (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Petrol-Diesel Prices: जीवाश्म ईंधन (Fossil fuel) पर अत्यधिक निर्भरता के कारण आर्थिक बोझ के साथ-साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। तेल की लगातार बढ़ती कीमतों से जनता हलकान है। ऐसे में सरकार सस्ता और स्वच्छ ईंधन के रूप में बायोफ्यूल (Biofuel) को बढ़ावा देने की कवायद शुरू कर चुकी है। बुधवार को इस संबंध में केंद्रीय कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली कैबिनेट (Modi Cabinet) ने बायोफ्यूल पर राष्ट्रीय नीति- 2018 में संसोधन को मंजूरी दे दी है।

इस फैसले के बाद देश में इस्तेमाल हो रहे पेट्रोल में एथेनॉल (Ethanol) की मात्रा बढ़ेगी। कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले के मुताबिक, अब एक अप्रैल 2023 से पेट्रोल में एथेनॉल की मात्रा 20 प्रतिशत बढ़ाई जा सकेगी। बता दें कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 4 जून 2018 को बायोफ्यूल पर राष्ट्रीय नीति को अधिसूचित किया था। यह नीति 2009 में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के जरिए लाई गई थी।

वर्तमान में 8 प्रतिशत मिलाया जा रहा ऐथनॉल

बायोफ्यूल पर राष्ट्रीय नीति- 2018 के तहत देशभर में बायोफ्यूल को बढ़ावा दिया जा रहा है। देश के कुछ शहरों में बायोफ्यूल पर सिटी बसें भी चल रही हैं। जानकारी के अनुसार, वर्तमान में पेट्रोल के अंदर कुल मात्रा का आठ प्रतिशत एथेनॉल मिलाया जा रहा है। जिसे अब बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। जानकारों की मानें तो इससे पेट्रोल की कीमतों पर भी असर पड़ेगा। क्योंकि जैसे-जैसे एथेनॉल की मात्रा पेट्रोल में बढती जाएगी, उसी अनुपात में पेट्रोल पर निर्भरता कम होती जाएगी। जिससे सरकार को पेट्रोल पदार्थ के आयात से छुटकारा मिलेगा। बता दें कि केंद्र सरकार 2047 तक देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की योजना पर काम कर रही है।

किसानों को होगा फायदा

एथेनॉल का मुख्य स्त्रोत गन्ना है। गन्ने के अलावा मक्का, गेंहूं और चुकंदर से भी एथेनॉल प्राप्त किया जा सकता है। भारत दुनिया में गन्ने के साथ – साथ गेहूं और मक्के का भी सबसे बड़ा उत्पादक देश है। यहां बड़े पैमाने पर किसान इसकी खेती करते हैं। ऐसे में एथेनॉल को ईंधन के रूप में बढावा मिलने से इसका सीधा फायदा किसानों को होगा। किसानों को इन फसलों की अच्छी कीमतें मिलने लगेंगी। केंद्र सरकार के ताजा फैसले के तहत, किसान अब बायोफ्यूल से जुड़ी अपनी फसल सीधे एथेनॉल उत्पदाकों को बेच सकेंगे।

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