NHAI Toll Collection: FASTag से बना टोल संग्रह का रिकॉर्ड, 1 दिन में सरकारी खजाने में आए 193 करोड़ रुपए

NHAI Toll Collection: भारत में फ्री-फ्लो टोलिंग सिस्टम की अनुमति देने के लिए ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित टोलिंग सिस्टम के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक आवश्यकताओं को अंतिम रूप देने की दिशा में सक्रिय रूप से काम चल रहा है।

Update:2023-05-03 19:55 IST
NHAI Toll Collection (सोशल मीडिया)

NHAI Toll Collection: केंद्र सरकार ने जब से वाहनों पर फास्टटैग की पॉलिसी लागू की, तब से सरकारी खजाने में बढ़ोतरी होने लगी है। ताजा आंकड़ें इस इस बात का गवाह हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने बीते अप्रैल महीने के टोल संग्रह के आंकड़ें जारी किये। NHAI को 29 अप्रैल को FASTag के माध्यम से 190 करोड़ रुपए से अधिक का दैनिक टोल संग्रह मिला है। इस दौरान एक दिन में FASTag के जरिए 100 करोड़ से रुपए से अधिक का लेन-देन किया गया है, जो कि अब तक इसका सबसे उच्चतम स्तर है। इससे पहले बीते 24 दिसंबर को फास्टटैग के जरिए 144.19 करोड़ रुपए का टोल संग्रह मिला था।

1 दिन में 1.16 करोड़ रुपये का लेन-देन

एनएचआईए के आंकड़ों के मुताबिक, FASTag के माध्यम से उसका दैनिक टोल संग्रह 29 अप्रैल, 2023 को लगभग 193.15 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो एक दिन में 1.16 करोड़ लेनदेन के साथ अब तक का सबसे अधिक है। फरवरी 2021 में सरकार द्वारा FASTag को अनिवार्य किए जाने के बाद से FASTag कार्यक्रम के तहत टोल प्लाजा की संख्या में भी इजाफा हुआ है। पहले यहां यह संख्या 770 थीं, वह अब बढ़कर 1,228 हो गई है, जिसमें 339 राज्य टोल प्लाजा शामिल हैं।

6 करोड़ से अधिक हैं फास्टटैक यूजर्स

NHAI ने कहा कि उपयोगकर्ताओं को लगभग 97 प्रतिशत और 6.9 करोड़ से अधिक FASTag की प्रवेश दर के साथ सिस्टम ने NH शुल्क प्लाजा पर प्रतीक्षा समय को कम करके उपयोगकर्ता अनुभव में काफी सुधार किया है। इसके अलावा FASTag ने पूरे भारत के 50 से अधिक शहरों में 140 से अधिक पार्किंग स्थल पर पार्किंग शुल्क के लिए निर्बाध और सुरक्षित संपर्क रहित भुगतान की सुविधा भी दी है।

जल्द शुरू होगा फ्री-फ्लो टोलिंग सिस्टम

NHAI ने कहा कि वह भारत में फ्री-फ्लो टोलिंग सिस्टम की अनुमति देने के लिए ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित टोलिंग सिस्टम के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक आवश्यकताओं को अंतिम रूप देने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

ऐसे करता है FASTag काम

दरअसल, वाहनों में लगा FASTag कार्ड रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का उपयोग करता है। इससे वाहन चालक बिना रुके टोल प्लाजा पर सहज क्रॉसओवर करता है। इसका भुगतान बैंक वॉलेट से जुड़े FASTag के माध्यम से डिजिटल रूप अपने कर लेता है।

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