UP News : पान मसाले के बाद आयरन-स्टील फैक्ट्रियां जांच के दायरे में, व्यापारियों में बेचैनी!

UP News : टैक्स चोरी को लेकर अब उत्तर प्रदेश सरकार सख्त नजर आ रही है। पान मसाले में सख्ती के साथ-साथ आयरन स्टील इकाइयों के बाहर स्टेट जीएसटी की टीम की चौबीस घंटे की रोस्टर ड्यूटी लगा दी गई है।

Update:2024-11-28 11:16 IST

UP News : टैक्स चोरी को लेकर अब उत्तर प्रदेश सरकार सख्त नजर आ रही है। पान मसाले में सख्ती के साथ-साथ आयरन स्टील इकाइयों के बाहर स्टेट जीएसटी की टीम की चौबीस घंटे की रोस्टर ड्यूटी लगा दी गई है।

एक जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश में नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, आगरा, कानपुर, वाराणसी, मथुरा इत्यादि शहरों में सबसे ज्यादा स्टील और आयरन की फैक्ट्रियां हैं। अब राज्य सरकार ने यहां से ई वे बिल की स्कैनिंग के बिना एक भी गाड़ी निकलने की सूचना पर कठोर कार्यवाही की चेतावनी दी है।

ई वे बिल की सौ फीसदी स्कैनिंग के निर्देश

उत्तर प्रदेश सरकार ने ई वे बिल की सौ फीसदी स्कैनिंग के निर्देश दिए हैं। बड़ी और मध्यम आयरन व स्टील इकाइयों के बाहर चौबीस घंटे टीमों को तैनात करने का आदेश दिया गया है। इस खबर ये भी आई कि सूत्रों के मुताबिक तीन राज्यों से बिना टैक्स चुकाए पान मसाला के 20 से ज्यादा ट्रक प्रतिदिन यूपी पहुंच रहे हैं। अब इस पर सरकार की सख्ती स्पष्ट रूप से नज़र आ रही है। ई वे बिल की स्कैनिंग के बिना एक भी गाड़ी निकलने की सूचना पर कठोर कार्यवाही की चेतावनी दी गई है। अब इस फैसले के बाद जहां पान मसाला इकाइयों में उत्पादन लगभग बंद हो गया है तो वहीं स्टील इकाइयों से भी निकलने वाले उत्पाद एकाएक घट गए हैं।

हाइवे पर घटी निगरानी

खबर है कि फैक्ट्री पर शक्ति बढ़ाने के कारण जांच करने वाली टीम की हाईवे और प्रमुख मार्गों से निगरानी घट गई है, जिसका फायदा टैक्स चोरी करने वाले आसानी से उठा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान से आने वाले टैक्स चोरी वाले उत्पादों की रफ्तार बढ़ गई है। खास तौर पर पान मसाला की खेप में तीन गुना वृद्धि आई है। बात यदि राजधानी लखनऊ की करें तो कहा जा रहा है कि पहले करीब 40 वहां अंदर के रास्ते से आते थे लेकिन अब वह भी मुख्य रास्तों से आ रहे हैं।

नवंबर से हो रही सौ फीसदी स्कैनिंग

वर्ष 2018 में तीन महीने का ई वे बिल ट्रायल सफल होने के बाद जून 2018 में केंद्रीय स्तर पर इसे लागू किया गया। इसके पहले मार्च 2018 तक राज्य अपना अलग- अलग टैक्स लिया करते थे, लेकिन वर्ष 2024 में 21 नवंबर को राज्य सरकार ने ई वे बिल की सौ फीसदी स्कैनिंग के आदेश दिये।

टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए अब लोहा और पान मसाला कारोबारियों की हर इकाई के बाहर स्टेट जीसीटी की टीम को तैनात कर दी गई है। जब भी गोदाम या फैक्ट्री से माल निकलेगा तो उसे अपने दस्तावेज पूरे करने होंगे और बाहर खड़े अधिकारियों की टीम ई वे बिल का निरीक्षण करेगी। अब बड़ा सवाल ये है कि इस आदेश को लेकर कोई भी स्टेट जीएसटी के अधिकारी और व्यापारी कैमरे के सामने कुछ बोलने को तैयार क्यों नहीं हैं।

कारोबारियों का नहीं होगा अहित

सूत्रों के मुताबिक, जांच टीम के अधिकारियों का कहना है कि शासन के निर्देश को पूरी तरह से पालन किया जाएगा। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि शासन के इस निर्देश से व्यापारियों के हितों का नुकसान नहीं होगा।

व्यापारियों ने जताई आशंका

बताया जा रहा है कि कुछ व्यापारियों ने दावा किया है कि कोई भी गलत काम व्यापारी वर्ग नहीं कर रहा है, इस आदेश के जरिये उत्पीड़न किया जा रहा है। इससे व्यापारियों में भय का माहौल व्याप्त है। व्यापारियों को डर है कि अधिकारी अपने ऊपर के अधिकारियों को खुश करने के लिए कुछ न कुछ कमी जरूर निकालेंगे और फिर व्यापारियों पर पेनल्टी लगाएंगे। ये गलत है।

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