कैसी महंगाई? पेट्रोल-डीजल के साथ वाहनों की बम्पर बिक्री
इंडियन आयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम ने 8.88 मिलियन टन तेल मार्च 2021 में बेच डाला है।
लखनऊ: कोरोना काल के दौरान भारत में डीजल और पेट्रोल की खपत के अलावा कारों की बिक्री खूब बढ़ी है। 2020 में लॉक डाउन के दौरान तेल और वाहनों की बिक्री में भले ही ब्रेक लग गया था लेकिन अब नई तेजी आ गयी है। सभी वाहन निर्माता कंपनियों ने बढ़िया बिक्री दर्ज की है। इस साल मार्च के महीने में पेट्रोल-डीजल की खपत में 27 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। जबकि एक साल पहले लगे लॉकडाउन ने ईंधन की मांग को 70 फीसदी तक कम कर दिया था।
मार्च 2021 में 8.88 मिलियन टन तेल
वैसे, मार्च 2019 में भी डीजल की मांग में थोड़ी कमी देखने को मिली थी लेकिन उस दौरान भी पेट्रोल की बिक्री में 5 फीसदी का इजाफा हुआ। इसका कारण ये था कि लोग डीजल की गाड़ियों की अपेक्षा पेट्रोल की गाड़ियों को ज्यादा तरजीह दे रहे थे। चूँकि पेट्रोल और डीजल के दाम अब लगभग बराबरी पर आ गए हैं सो ये भी एक फैक्टर माना जा रहा था। इंडियन आयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम ने 8.88 मिलियन टन तेल मार्च 2021 में बेच डाला है।
गाड़ियों की बात करें तो देश में करीब साढ़े तीन करोड़ कारें हैं। नीति आयोग के अनुसार भारत में प्रति एक हजार लोगों पर 22 कारें हैं और वर्ष 2040 तक ये संख्या प्रति एक हजार पर 175 कारों की हो जायेगी। यानी अगले दो दशकों में 775 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
डीजल की बिक्री
मार्च तक के बाजार डेटा के मुताबिक डीजल की बिक्री में 90 फीसदी का इजाफा हुआ है इसलिए इसकी मांग बढ़कर 128 फीसदी हो गई है। वहीं पेट्रोल की मांग 127 फीसदी बढ़ी है। मार्च की शुरुआत में डीजल की खपत में साल दर साल 7 फीसदी और पेट्रोल में 5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा जेट ईंधन की बिक्री ने भी काफी अच्छा इजाफा दर्ज किया गया है। मार्च 2020 की तुलना में जेट फ्यूल की बिक्री 4 फीसदी ज्यादा दर्ज की गयी है। लेकिन मार्च 2019 की तुलना में इसकी बिक्री अब भी 35.6 फीसदी कम है। फिर भी इसे एक सकारात्मक संकेत इसलिए माना जा सकता है क्योंकि फरवरी 2020 में इसकी बिक्री 36 फीसदी से कम थी।
मारुती की बम्पर बिक्री
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने बम्पर बिक्री दर्ज की है। कंपनी के मुताबिक़ इस साल मार्च में उसकी कुल बिक्री 1,67,014 यूनिट्स की रही। यह आंकड़ा मार्च 2020 की तुलना में दोगुना है। यानी एक साल में दोगुने से ज्यादा की बिक्री हुई। इस आंकड़े को कम समय में बांटा जाए तो कंपनी ने हर दिन लगभग 5,387 मॉडल बेचे हैं यानी हर घंटे कंपनी की सेल करीब 225 यूनिट की रही है।
मारुती सुजुकी ने पिछले साल के लॉकडाउन के बीच मार्च में 83,792 गाड़ियां बेची थीं। मार्च 2021 में कंपनी की कुल घरेलू बिक्री 1,49,518 गाड़ियों की थी। एक साल पहले घरेलू बिक्री 76,976 गाड़ियों की रही थी। कोरोना और लॉकडाउन की वजह से मार्च 2020 में घरेलू बिक्री लगभग 48 प्रतिशत घट गई थी। अब हालात सुधरे हैं लेकिन अब भी घरेलू बिक्री मार्च 2019 के स्तर तक ही पहुंच पाई है। मारुति सुजुकी की आल्टो और एसप्रेसो वाले सेगमेंट में मार्च 2021 में बिक्री 24,653 गाड़ियों की रही। एक साल पहले यह बिक्री 15,988 यूनिट की थी।
इसी तरह कॉम्पैक्ट कार सेगमेट में स्विफ्ट, सेलेरिओ, इग्निस, बलेनो और डिजायर जैसी कारों की बिक्री 82,201 रही। मार्च 2020 में ये 40,519 यूनिट थी। सियाज की बिक्री 1,628 यूनिट की रही जबकि एक साल पहले 1,863 यूनिट की बिक्री हुई थी। कंपनी ने कहा है कि मार्च 2021 में उसने 11,597 गाड़ियों का निर्यात किया जबकि एक साल पहले इसी माह में निर्यात 4,712 गाड़ियों का रहा था। 2020-21 की बात करें तो मारुति ने कुल 14,57,861 वाहन बेचे, जो इससे पहले के वित्त वर्ष में हुई 15,63,297 यूनिट की बिक्री से 6.7 फीसदी कम है।
महिन्द्रा एंड महिन्द्रा
भारत के एक अन्य बड़े वाहन निर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा ने बताया है कि उसने मार्च 2021 में कुल 40,403 गाड़ियों को बेचा। इस कंपनी ने मार्च 2020 में 6,679 गाड़ियाँ बेची थीं। कंपनी ने पिछले महीने घरेलू बाजार में कुल 16,700 यात्री वाहन बेचे। मार्च 2020 में यह आंकड़ा 3,383 था। वहीं घरेलू बाजार में कमर्शियल वाहनों की बिक्री 21,577 यूनिट की रही।
हुंडई
मार्च 2021 में हुंडई मोटर इंडिया की बिक्री 64,621 गाड़ियों की रही। एक साल पहले इसी माह में कंपनी की कुल बिक्री 32,279 गाड़ियों की रही थी। मार्च 2021 में उसकी घरेलू बिक्री 52,600 गाड़ियों की रही जबकि मार्च 2020 में यह आंकड़ा 26,300 गाड़ियों का था। हुंडई का पिछले माह एक्सपोर्ट 12,021 यूनिट का रहा, जो एक साल पहले 5,979 यूनिट का था।
टोयोटा
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने तो बिक्री में सात साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। इस कंपनी की बिक्री मार्च 2021 में 15,001 गाड़ियों की रही। यह कंपनी की 2013 के बाद से सर्वाधिक घरेलू बिक्री है। पिछले साल मार्च में टोयोटा की बिक्री 7,023 गाड़ियों की रही थी। फरवरी 2021 में कंपनी ने 14,075 वाहन बेचे थे।
एमजी मोटर
एमजी मोटर भारत में अपेक्षाकृत नयी कंपनी है लेकिन इसका परफॉरमेंस बढ़िया रहा है। मार्च 2021 में इसकी बिक्री 5,528 गाड़ियों की रही। कंपनी ने पिछले साल मार्च में 1,518 वाहन बेचे थे।
रेनो इंडिया
रेनो इंडिया ने बताया है कि मार्च 2021 में उसके 12,356 यूनिट्स की घरेलू बाजार में बिक्री हुई। जबकि मार्च 2020 में कंपनी ने 3,269 यूनिट्स की भारतीय बाजार में बिक्री की थी। यानी मार्च 2020 की तुलना में मार्च 2021 में रेनो इंडिया की बिक्री में 278 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। फरवरी महीने से तुलना करें तो मार्च 2021 में कंपनी की बिक्री में 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बता दें फरवरी 2021 में रेनो ने 11,043 यूनिट्स की भारतीय बाजार में बिक्री की थी। मार्च 2020 में रेनो इंडिया का मार्केट शेयर 2.3 फीसदी था, जो इस साल मार्च 2021 में बढ़कर 3.9 फीसदी हो गया।
दुपहिया वाहन
सिर्फ चार पहिया ही नहीं बल्कि, मार्च 2021 में टू-व्हीलर की जबरदस्त बिक्री हुई है। रॉयल एनफील्ड, हीरो मोटोकॉर्प और टीवीएस मोटर की बिक्री में 72 से लेकर 206 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। देश की बड़ी ऑटो कंपनियों में से एक बजाज ऑटो ने मार्च में अपने वाहनों की जबरदस्त बिक्री की। कंपनी ने बताया कि मार्च में उसकी कुल बिक्री 3,69,448 यूनिट रही। पिछले साल इसी महीने कंपनी ने 2,42,575 यूनिट्स की बिक्री की थी।
बजाज की कुल घरेलू बिक्री पिछले महीने 1,98,551 यूनिट रही, जबकि साल 2020 में यह 1,16,541 यूनिट थी। बजाज ऑटो की कुल टू-व्हीलर्स बिक्री पिछले महीने 3,30,133 यूनिट थी। मार्च 2020 में कंपनी ने 2,10,976 टू-व्हीलर्स बेचे थे। मार्च में कुल मिलाकर कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री 39,315 यूनिट रही। बजाज ने पिछले साल मार्च में 31,599 कॉमर्शियल वाहन बेचे थे। मार्च 2021 में कंपनी का कुल निर्यात 1,70,897 गाड़ियों का रहा जबकि मार्च 2020 में 1,26,034 गाड़ियां निर्यात हुईं थीं।
टीवीएस
टीवीएस मोटर्स कंपनी ने मार्च 2021 में कुल 3,22,683 गाड़ियां बेचीं। पिछले साल कंपनी ने 1,44,739 वाहन बेचे थे। कंपनी ने कहा है कि मार्च 2021 में कुल दुपहिया की बिक्री 3,07,437 यूनिट थी। 2020 में इसी महीने में 1,33,988 यूनिट दुपहिया बिके थे।
अभी और बढ़ेगी तेल की डिमांड
पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के अनुमानों के अनुसार भारत में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का कुल उपभोग 9.8 फीसदी बढ़ कर 2021-22 में 214.24 मिलियम मीट्रिक टन हो जाएगा। वित्त वर्ष 2020 में ये 214.13 मिलियम मीट्रिक टन था और वित्त वर्ष 2021 मं 195.94 मिलियन टन रह गया था। पेट्रोल-डीजल की खपत और के इसकी दामों के साथ सरकार की कमाई भी जुड़ी हुई है और कोरोना काल ने जाहिर कर दिया है कि सरकार अपने राजस्व के लिए तेल पर कितनी निर्भर है। 2013 - 14 में भारत सरकार ने 12.35 ट्रिलियन रुपये पेट्रो-डीजल और नेचुरल गैस पर सेन्ट्रल एक्साइज ड्यूटी से कमाए थे। ये रकम उस वर्ष भारत के सकल राजस्व का 4.3 फीसदी थी। इसकी तुलना में अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 के बीच के 10 महीनों में सरकार ने 24.23 ट्रिलियन रुपये कमाए जो सकल राजस्व के बजटीय अनुमान का 12.2 फीसदी है।