EPFO: चुनाव से पहले मोदी सरकार का कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, PF की ब्याज दरें बढ़ाई, साढ़े 6 करोड़ लोगों को मिलेगा फायदा

EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते के लिए ब्याज दर 8.15 प्रतिशत कर दी है।

Update: 2023-07-24 09:03 GMT
EPFO (Social Media)

EPFO: केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को आज (24 जुलाई) बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने कर्मचारियों कोे पीएफ की ब्याज दरें बढ़ा दी है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते के लिए ब्याज दर 8.15 प्रतिशत कर दी है। इससे पहले ये ब्याज दरें 8.10 फीसदी थी। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में नोटिस जारी कर दिया है।

अगस्त 2023 तक खाते में पहुंचने लगेगा ब्याज का पैसा

ईपीएफओ खाते पर मिलने वाली ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी के ऐलान के बाद वित्त मंत्रालय की ओर से सर्कुलर जारी कर दिया गया। बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ईपीएफ खातों में 8.15 प्रतिशत की ब्याज दर तय की थी। प्रस्ताव को मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेजा था। जिस पर वित्त मंत्रालय ने मुहल लगा दी। जानकारी के मुताबिक खाते में ब्याज का पैसा अगस्त 2023 तक पहुंचने लगेगा।

पिछली बार मार्च में बढ़ी थी ईपीएफ ब्याज दर

ईपीएफओ के मुताबिक पिछली बार मार्च 2023 में ईपीएफ खातों की ब्याज दरों में 0.05 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई थी। जिसके बाद कुल ईपीएफ खाते की ब्याज दर बढ़कर 8.15 फीसदी हो गई थी। बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफओ ने ईपीएफ अकाउंट के लिए ब्याज दर 8.10 फीसदी निर्धारित की थी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारी भविष्य निधि वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य योगदान है। नियोक्ता भी ईपीएफ खाते में समान योगदान करने के लिए बाध्य है। मासिक आधार पर एक कर्मचारी अपनी कमाई का 12 प्रतिशत अपने ईपीएफ खाते में योगदान करता है। कर्मचारी का पूरा योगदान ईपीएफ खाते में डाला जाता है। जबकि, नियोक्ता के मामले में ईपीएफ खाते में केवल 3.67 प्रतिशत जमा किया जाता है, शेष 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है।

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