ग्राहकों को झटका! एसी-फ्रीज जैसे सामान होंगे महंगे, जल्द कर लें खरीदारी

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते हुए लॉकडाउन से सभी तरह की कंज्यूमर ड्यूरेबल्स समेत गैर जरूरी आइटम्स की बिक्री बंद है ।

Newstrack :  Network
Published By :  Monika
Update: 2021-05-26 13:51 GMT

कंज्यूमर अप्लायंस (सांकेतिक फोटो : सौ. से सोशल मीडिया )

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी (coronavirus) के चलते आर्थिक चुनौतियाँ धीरे धीरे सामने आने लगी है । जिसके चलते लोगों को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं । वहीं अब ग्राहकों को एक और बड़ा झटका लगने वाला है जिसके चलते जुलाई 2021 सेकंज्यूमर एप्लायंसेज (Consumer appliances) 10 से 15 फीसदी तक महंगे हो सकते हैं । कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते हुए लॉकडाउन (lockdown) से सभी तरह की कंज्यूमर ड्यूरेबल्स समेत गैर-जरूरी आइटम्स की बिक्री बंद है।

एप्लायंसेज बनाने वाली कंपनियों ने कुछ कंपोनेंट्स की कमी के चलते और मेटल के ग्लोबल प्राइसेज बढ़ने के चलते फ़रवरी 2021 में प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ाई थी। लॉकडाउन के चलते इनकी खरीद ना के बराबर हो गई है । जिसके चलते उन्हें काफी नुकसान हो रहा है । खबरों की माने तो इस साल ग्लोबल कमोडिटी में बढ़ोतरी हई है ।

कोर कमोडिटी सीआरबी इंडेक्स (CRB Index) अप्रैल 2021 में 70 फीसदी बढ़ा है । जिसका असर कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडस्ट्री पर पड़ा । बता दें, इससे पहले इसी साल मार्च 2021 में भी खबर आई थी कि कई ज़रूरी चीजों की कीमत बढ़ने वाली है । जिसका असर टीवी से लेकर AC , फ्रिज जैसी वस्तुवों पर दिखा । जिसमें कहां गया था कि एक अप्रैल से ये सभी चीज़ें महंगी हो सकती हैं क्योंकि उस वक़्त भी ओपन-सेल पैनल ग्लोबल मार्केट में 35 प्रतिशत तक महंगे हो गए थे । जिसमें बताया गया था कि टीवी की कीमत 3 हजार रुपये तक बढ़ सकती हैं । जबकि AC पर 4-6 फीसदी बढ़ोतरी की योजना बनाई गई थी । वहीं अन्य सामानों पर भी इसी तरह की बढ़ोतरी हुई थी ।

पिछले साल भी ठप था बाजार 

पिछले साल का मौसम इस बार के मुकाबले ठंडा रहा था । साथ ही लॉकडाउन होने के चलते मार्केट बंद थे । लोगों के सामने आर्थिक परेशानियाँ भी आने लगी थी । जिसके चलते कारोबारियों को बहुत ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा था और इस लॉकडाउन में भी झेल ही रहे हैं ।

सीकेएस स्मार्ट इक्विटी के कंज्यूमर गुड्स एनालिस्ट वरुण खोसला का कहना है कि कंज्यूमर गुड्स की डिमांड बहुत कम हो गई है। कच्चे माल की मांग बढ़ने लगी है। कीमतें बढ़ने के लिए इंडस्ट्री एक महीने का इन्तजार कर सकती हैं। बढ़ी लागत का बोझ ग्राहकों को ही उठाना होगा।

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