क्रिप्टोकरेंसी पर आरबीआई गवर्नर शाक्तिकांत दास का बड़ा बयान, कहा: अगला वित्तीय संकट हो सकता क्रिप्टो से खड़ा
RBI Governor on Crypto: रिजर्व बैंक के गर्वनर ने कहा कि FTX घटना के बाद क्रिप्टो मुद्रा पर बोलने के लिए कुछ रह नहीं गया है।
RBI Governor on Crypto: भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं इन सब पर बीते कई दिनों से चली रही चर्चा के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शाक्तिकांत दास का एक बड़ा बयान आया है। क्रिप्टोकरेंसी पर आरबीआई गवर्नर शाक्तिकांत दास का कहना है कि अगर कोई अगला वित्तीय संकट खड़ा होता है तो वह निजी क्रिप्टोकरेंसी के कारण होगा। आगे उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर मेरा मत है कि इसको प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए। यह बातें आरबीआई गवर्नर शाक्तिकांत दास ने बुधवार को बिजनेस स्टैंडर्ड के आयोजित बीएफएसआई इनसाइट समिट-2022 में कही।
क्रिप्टो स्थिरता के लिए खतरा
दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने लंबे समय से यह माना है कि निजी डिजिटल मुद्रा क्रिप्टो वित्तीय स्थितरा के लिए खतरा है और इसके उपयोग को वैध बनाने के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए, भारत ने हाल ही में आरबीआई द्वारा समर्थित अपनी खुद की क्रिप्टोकरंसी जैस सी एक डिजिटल मुद्रा लॉन्च की है, जोकि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) है। डिजिटल करेंसी देशों की भविष्य की मुद्रा है। इस भविष्य की मुद्रा को विश्व के केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देंगे।
FTX घटना का दिया गर्वनर ने उदाहरण
FTX घटना का उदाहरण देते हुए रिजर्व बैंक के गर्वनर ने कहा कि इस घटना के बाद क्रिप्टो मुद्रा पर बोलने के लिए कुछ रह नहीं गया है। क्रिप्टोकरेंसी को बैकअप देने के लिए कोई संपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा यह करेंसी माइक्रोइकनॉमिक और वित्तीय स्थिरतता के लिए खरता बन सकती है।
क्रिप्टो के उपलब्ध डेटा हैं भ्रामक
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा द्वारा आयोजित एक आभासी सम्मेलन में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी के जो भी डेटा उपलब्ध है। वह भ्रामक हैं। उन्होंने सभी संबंधित नियमों को स्पष्ट रूप से समझने के लिए कहा कि डिजिटल मुद्राएं क्या हैं और उन्हें क्या करना चाहिए? उन्होंने क्रिप्टो के प्रभावी नियमन के लिए बोर्ड में एक संचार का आह्वान किया।
निवेशक उठा चुके इतना घाटा
शाक्तिकांत दास ने कहा कि मौजूदा समय अगर क्रिप्टो करेंसी की कुल बाजार के पूंजीकरण की बात करें तो यह गिरकर 140 बिलियन डॉलर तक आ गई है। इसमें पैसा लगाए निवेशकों को 40 बिलियन डॉलर खत्म हो चुके हैं।