RBI Monetary Policy: फिर बढ़ा सस्ते लोन का इंतजार, नहीं कम होगी EMI, RBI ने नौवीं बार नहीं बदला रेपो रेट

RBI Monetary Policy: रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति दर-निर्धारण पैनल ने वित्त वर्ष 2025 के लिए अपनी तीसरी द्विमासिक नीति बैठक आयोजित की थी, जिसमें यह फैसला लिया गया। रिज़र्व बैंक ने पिछले 18 महीनों से दरों को अपरिवर्तित रखा है।

Newstrack :  Network
Update:2024-08-08 11:08 IST

RBI Monetary Policy (सोशल मीडिया) 

RBI Monetary Policy:  भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने तीन दिन की बैठक गुरुवार को सुबह खत्म हो गई। बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए अध्यक्षता कर रहे आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा, इस बार भी सदस्यों में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। मौजूदा रेपो रेट दर 6.2 फीसदी पर बरकरार रहेगा। वैश्विक स्तर पर अस्थिरता दिख रही है। आरबीआई के लिए महंगाई अभी भी सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। इस वजह है कि समिति ने एक बार फिर से रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला किया है। केंद्रीय बैंक के इस फैसले से एक बात साफ हो गई है, जो ग्राहक सस्ते कर्ज लेने की इंतजार में बैठे थ, उन्हें अभी और इंतजार करना पड़ेगा। 

18 महीनों से नहीं बदला रेपो रेट

रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति दर-निर्धारण पैनल ने वित्त वर्ष 2025 के लिए अपनी तीसरी द्विमासिक नीति बैठक आयोजित की थी,  जिसमें यह फैसला लिया गया। रिज़र्व बैंक ने पिछले 18 महीनों से दरों को अपरिवर्तित रखा है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अस्थिरता दिख रही है। हालांकि दुनियाभर में महंगाई में कमी आ रही है। दुनिया के सेंट्रल बैंक अर्थव्यवस्था की स्थिति के आधार पर ब्याज दरों पर फैसला ले रहे हैं। घरेलू अर्थव्यवस्था में मजबूती कायम है। सर्विस सेक्टर का प्रदर्शन काफी बेहतर हुआ है। सेवा क्षेत्र और निर्माण क्षेत्र में मजबूती जारी है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में जीडीपी 7.2 फीसदी बरकरार रहने का अनुमान है।

डिजिटल लोन एप्स

रिज़र्व बैंक ने डिजिटल लेंडिंग ऐप्स के लिए एक सार्वजनिक रिपॉजिटरी बनाने का प्रस्ताव दिया है। बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए विनियमित संस्थाएँ अपने डिजिटल लेंडिंग ऐप्स की रिपोर्ट रिज़र्व बैंक को देंगी। इससे लोगों को गैर-अधिकृत डिजिटल लेंडिंग ऐप्स के बारे में पता करने में आसानी होगी।

यूपीआई लेनदेन सीमा

गवर्नर दस ने को यूपीआई कर भुगतान सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति लेनदेन करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि टैक्स भुगतान के उद्देश्य से यूपीआई ट्रांजिशन मौजूदा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है।

चेक क्लियरेंस में तेजी

दास ने कहा कि चेक क्लियरिंग की अब क्लियरिंग साइकिल का समय घटकर 2 वर्किंग दिन तक है। अब एक ही दिन में कुछ ही घंटों के भीतर चेक क्लियरिंग कर दी जाएगी।

महंगाई का दबाव

रिज़र्व बैंक गवर्नर ने कहा कि खाद्य कीमतों के दबाव को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025 के लिए मुद्रास्फीति पूर्वानुमान 4.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। दास ने कहा कि महंगाई को लेकर केंद्रीय बैंक सतर्क है। उम्मीद है कि मुद्रास्फीति कम होगी। उन्होंने कहा कि महंगाई दर 4 फीसदी पर लाने की आरबीआई की कोशिश जारी है। दास ने कहा कि खाद्य महंगाई दर अब भी चिंताजनक स्थिति में है। फिर भी विकास दर में तेजी बरकरार रहेगी। गवर्नर ने कहा कि साउथ वेस्ट मानूसन अब तक बेहतर है। खरीफ की बुवाई भी अच्छी है।

विदेशी मुद्रा भण्डार

दास ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार 675 बिलियन डॉलर के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर है। उन्होंने बताया कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2 अगस्त, 2024 तक 675 बिलियन डॉलर के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर था।

बैंकिंग सेक्टर

शक्तिकांत दास ने कहा फंडिंग को लेकर बैंकों के सामने चुनौतियां हैं। बैंकों को घरेलू बचत को बढ़ावा देना चाहिए। डिपॉजिट बढ़ाने पर बैंकों के सामने चुनौतियां हैं। कई कंपनियां होम लोन नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। लोन पर टॉप अप के बारे में सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नियम उल्लंघन रोकने के लिए केंद्रीय बैंक ने जरूरी कदम उठाए हैं। बैंकों को मजबूती कायम रखने के लिए फ्रेमवर्क तैयार करना होगा। सुचारु ऑपरेशन व्यवस्था के लिए फ्रेमवर्क जरूरी है। 

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