RBI Monetary Policy: RIB ने रेपो रेट रखा ‘स्थिर’, लोन नहीं महंगे होंगे, EMI से भी राहत; भारत बनेगा विश्व का ग्रोथ इंजन

RBI Monetary Policy: गवर्नर दास ने कहा, "यह देखकर खुशी हो रही है कि भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार उचित गति से बढ़ रही है। भारत के मजबूत बुनियादी सिद्धांतों ने सतत विकास की नींव रखी है। भारत दुनिया के लिए नया विकास इंजन बन सकता है।

Update:2023-08-10 10:29 IST
RBI Monetary Policy (सोशल मीडिया)

RBI Monetary Policy: ब्याज दरें, ईएमआई वगैरह में अभी कोई बदलाव नहीं आने वाला है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने प्रमुख रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है। रिज़र्व बैंक का कहना है कि घरेलू आर्थिक गतिविधि अच्छी चल रही है और इसकी गति बरकरार रहने की संभावना है। रिज़र्व बैंक का फोकस मुद्रास्फीति को 4 फीसदी पर लाने का है। कुल मिला कर रिज़र्व बैंक ने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत, सतत और आगे बढ़ने वाली बताया है।

यह तीसरी बार है जब 6 सदस्यीय एमपीसी ने प्रमुख दरों को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। हालाँकि रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले कुछ महीनों में मुद्रास्फीति में तेज वृद्धि पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि इसने केंद्रीय बैंक को आक्रामक रुख बनाए रखने के लिए प्रेरित किया है। केंद्रीय बैंक के इस कदम से उन लोगों को बड़ी राहत मिली है, जो ऋण लेना का प्लान बना रहे हैं। बैंक अब अपने कर्ज ब्याज दरों में वृद्धि नहीं करेगी। साथ ही, उन ग्राहकों को भी राहत मिली है,जो पहले से लोन लिये हुए हैं। रेपो रेट स्थिर से EMI में भी वृद्धि नहीं होगी।

इन दरों को भी रखा अपरिवर्तित

रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि पहले दरों में बढ़ोतरी ने अर्थव्यवस्था पर असर डाला था। इस बार एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित छोड़ने के लिए मतदान किया जिसमें 5:1 के बहुमत से समिति ने दर बरकरार रखने पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया। इसके अलावा, सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर रहेगी। एसडीएफ दर को 6.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया है।

रिज़र्व बैंक गवर्नर ने कहा कि एमपीसी द्वारा अब तक की गई 250 आधार अंकों की संचयी दर वृद्धि, अर्थव्यवस्था में अपना काम कर रही है। घरेलू आर्थिक गतिविधि अच्छी चल रही है और कमजोर बाहरी मांग के बावजूद इसकी गति बरकरार रहने की संभावना है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि एमपीसी मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत के लक्ष्य पर लाने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है। उन्होंने कहा कि इसीलिए एमपीसी ने स्थिति के अनुकूल कार्रवाई करने की तैयारी के साथ नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया।

भारत बना सकता है दुनिया का नया विकास इंजन

गवर्नर दास ने कहा, "यह देखकर खुशी हो रही है कि भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार उचित गति से बढ़ रही है। भारत के मजबूत बुनियादी सिद्धांतों ने सतत विकास की नींव रखी है। भारत दुनिया के लिए नया विकास इंजन बन सकता है। हमारी अर्थव्यवस्था उचित गति से बढ़ती रही है और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है और वैश्विक विकास में लगभग 15 प्रतिशत का योगदान दे रही है।"

उन्होंने कहा कि 12 अगस्त से शुरू होने वाले पखवाड़े में, बैंकों को 19 मई से 28 जुलाई के बीच अपनी शुद्ध मांग और समय देनदारियों (एनडीटीएल) में वृद्धि पर 10 प्रतिशत की वृद्धिशील सीआरआर बनाए रखनी होगी। नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) एक मौद्रिक है मुद्रा आपूर्ति और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय बैंकों द्वारा उपयोग किया जाने वाला नीति उपकरण है। फिलवक्त सीआरआर को 4.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया है।

महंगाई को काबू करने का आरबीआई का प्रयास जारी

वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अशनवी राणा ने कहा कि रिजर्व बैंक ने गुरुवार को रेपो रेट में कोई वृद्धि नहीं की है। 2023 में तीसरी बार लगातार रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया है। महंगाई दर को काबू में रखने के लिए रिजर्व बैंक के प्रयास जारी हैं। राणा ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को न बढ़ाने के पीछे देश में आर्थिक प्रगति को जारी रखने और फेडरल रिजर्व द्वारा बढ़ाये गये इंटरेस्ट रेट को भी ध्यान में रखा है, क्योंकि कर्ज़ मंहगे होने से बैंकों सहित कई सेक्टरों पर नेगेटिव असर पड़ता है। रेपो रेट में वृद्धि से बैंकों से कर्ज लेने वाले बैंक के ग्राहकों के लिए मुश्किल बढ़ सकती थी। रिजर्व बैंक ने कर्ज लेने वालों के साथ-साथ कर्ज देने वाले बैंकों को भी बड़ी राहत दी है। उन्होंने आगे कहा कि रिजर्व बैंक गवर्नर ने बैंकों की अच्छी स्थिति की भी जानकारी दी और कहा कि इंडिया वर्ल्ड ग्रोथ का इंजन भी बन सकता है।

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