RBI Takes Action On Mastercard: RBI ने मास्टरकार्ड पर कसा शिकंजा, बैंक नहीं जारी कर पाएंगे नए Debit और Credit कार्ड

RBI Takes Action On Mastercard: भारतीय रिजर्व बैंक ने मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक पर कड़ी कार्रवाई करते हुए नए डेबिट, क्रेडिट या प्रीपेड जारी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

Newstrack :  Network
Update:2021-07-15 07:07 IST

मास्टरकार्ड- आरबीआई (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

RBI Takes Action On Mastercard: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने मास्टरकार्ड (Mastercard) एशिया/पैसिफिक पर कड़ी कार्रवाई करते हुए नए डेबिट (Debit), क्रेडिट या प्रीपेड (Credit or Prepaid) जारी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध 22 जुलाई से लागू होगा। इस प्रतिबंध के बाद कोई बैंक मास्टरकार्ड के क्रेडिट या डेबिट कार्ड जारी नहीं सकेगा।

आरबीआई (RBI) के अनुसार, काफी समय गुजरने और पर्याप्त अवसर दिए जाने के बावजूद कंपनी स्टोरेज ऑफ पेमेंट सिस्टम डेटा पर निर्देशों का अनुपालन नहीं कर रही थी। जिसके बाद आरबीआई ने यह फैसला लिया है। इस दौरान आरबीआई ने ग्राहकों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि इस आदेश का मास्टरकार्ड के मौजूदा ग्राहकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मास्टरकार्ड सभी कार्ड जारी करने वाले बैंकों और गैर-बैंकों को इन निर्देशों का पालन करने की सलाह देगा। आरबीआई ने यह कार्रवाई भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (Payment and Settlement Systems Act, 2007 ,PSS Act) की धारा 17 के तहत की है।

आपको बता दें कि बैंकों द्वारा जारी किए जाने वाले डेबिट और क्रेडिट कार्ड को कंपनी एक विशेष कंपनी तैयार करती है, जिसमें से एक मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक पीटीई लिमिटेड (मास्टरकार्ड) भी है। मास्टरकार्ड एक भुगतान प्रणाली ऑपरेटर है जो पीएसएस अधिनियम के तहत देश में कार्ड नेटवर्क संचालित करने के लिए अधिकृत है।

बताते चलें कि 6 अप्रैल 2018 को आरबीआई (RBI) ने पेमेंट सर्विस देने वाली कंपनियों को फिनटेक के लिए डेटा एकत्रित से संबंधित कुछ नियम लागू किए थे। निमयानुसार, कंपनियों को भुगतान लेनदेन की एंड-2-एंड डिटेल (Payment Transaction End-2-end details), ग्राहकों का डेटा (customer data) आदि के आंकड़ों का स्टोरेज सिर्फ इंडिया में किया जाना था, जिसके लिए कंपनियों को 6 महीने का समय भी दिया गया था। इस नियम का पालन मास्टरकार्ड के अलावा गूगल पे, वीजा, एमेजॉन पे, फोन पे जैसी फिनटेक कंपनियों को भी करने को कहा गया था।

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