Reliance Future Deal: रिलायंस और फ्यूचर समूह के बीच 24,713 करोड़ की डील कैंसिल, ये है बड़ी वजह

Reliance Future Deal : रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड में फ्यूचर समूह के विलय का 24,713 करोड रुपए वाला डील रद्द हो गया है। बता दें अमेजॉन ने पहले इस डील का विरोध किया था।

Report :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-04-24 08:05 IST

Reliance Future Deal (Image Credit : Social Media)

Reliance Future Deal Cancel : रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (Reliance Retail Ventures Limited) और फ्यूचर समूह के बीच विलय का समझौते रद्द हो सकता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) और फ्यूचर समूह (Future Group) के बीच साल 2020 में एक समझौता हुआ था जिसके तहत रिलायंस इंडस्ट्रीज फ्यूचर समूह के लॉजिस्टिक, थोक और खुदरा भंडार संपत्तियों का अधिग्रहण 24,713 करोड़ रुपए में करने वाला था।

मगर रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से 23 अप्रैल शनिवार को बताया गया कि करदाताओं ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर समूह के बीच होने वाले इस सौदों के खिलाफ वोट किया है।

डील पर रिलायंस की ओर से क्या कहा गया?

रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर समूह के बीच होने वाले करीब 3.4 अरब डॉलर की इस डील के बारे में बताते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से कहा गया कि लोन देने वाले लोगों ने इस डील के खिलाफ मतदान किया है।

बता दें इस डील को लेकर फ्यूचर समूह ने हाल ही में क्रेडिटर्स और अपने शेरहोल्डर्स के बीच एक वोटिंग करवाई थी। इस वोटिंग के जरिए फ्यूचर समूह अपने एसेस्ट्स को रिलायंस इंडस्ट्रीज को ट्रांसफर करने के फैसले पर शेयर होल्डर और क्रेडिटर्स के मत को जानना चाहती थी।

वोटिंग प्रक्रिया पूरा हो जाने के बाद फ्यूचर ग्रुप में रिलायंस इंडस्ट्रीज को वोटिंग का परिणाम बताया जिसमें कहा गया कि "वोटिंग के नतीजों के मुताबिक एफआरएल (FRL) के असुरक्षित क्रेडिटर्स तथा शेरहोल्डर्स ने इस डील के पक्ष में मतदान किया है। मगर सुरक्षित क्रेडिटर्स ने इस डील के खिलाफ वोट किया है। इसलिए यह डील अब नहीं की जा सकती।

रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच डील का अमेजॉन ने किया विरोध

रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर समूह के बीच इस डील को लेकर जब बैठक किया जा रहा था उसी वक्त दुनिया की बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजॉन ने इन बैठकों का पुरजोर विरोध किया था। जिसके तुरंत बाद ही इस दिल का मामला कोर्ट में पहुंच गया था।

बता दें अमेजॉन ने 2019 में फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की 49% हिस्सेदारी खरीदने के लिए निवेश किया था। मगर जब रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच डील की बात होने लगी तो अमेजॉन में फ्यूचर ग्रुप पर उसके साथ हुए कॉन्ट्रैक्ट को तोड़ने का आरोप लगाया।

अभी भी इस मामले की सुनवाई कोर्ट में लंबित है, हालांकि फ्यूचर ग्रुप की ओर से इन आरोपों को झूठा करार दिया गया है।

रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की डील

रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड तथा फ्यूचर समूह के बीच अगस्त 2020 में 24,713 करोड रुपए में विलय की घोषणा की गई थी। इस डील में रिलायंस इंडस्ट्रीज फ्यूचर समूह के भंडारण खंड, थोक, खुदरा और लॉजिस्टिक समेत करीब 19 कंपनियों का अधिग्रहण करने वाली थी।

इस डील का अमेजॉन कंपनी की ओर से भारी विरोध भी किया गया और कल फ्यूचर समूह के शेरहोल्डर्स ने इस डील के खिलाफ वोट भी कर दिया जिसके कारण यह डील रद्द होना लगभग तय माना जा रहा है।

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