Missing 500 Rupees Notes: 88 हजार करोड़ के 500 के नोट लापता! आइये जाने क्यों और कैसे ?
Missing 500 Rupees Notes: एक आरटीआई सूचना ने भारतीय टकसालों में छपे 500 रुपये के नोटों की संख्या और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राप्त किए गए नोटों के बीच एक भारी भरकम बेमेल का खुलासा किया है।
Missing 500 Rupees Notes: नोट छापे गए ज्यादा लेकिन रिज़र्व बैंक को मिले काफी कम। बाकी नोट गए कहां? किसी को नही पता। एक आरटीआई सूचना ने भारतीय टकसालों में छपे 500 रुपये के नोटों की संख्या और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राप्त किए गए नोटों के बीच एक भारी भरकम बेमेल का खुलासा किया है। फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, बेहिसाब नोटों का मूल्य 88,032.5 करोड़ रुपये है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तीन भारतीय टकसालों ने 500 रुपये के नए डिजाइन के 8,810.65 मिलियन नोट जारी किए, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक को केवल 7260 मिलियन मिले। वेबसाइट ने कहा कि शेष नोट कथित तौर पर गायब हैं।
चार जगह होती है प्रिंटिंग
नोटों की छपाई देश में सिर्फ चार जगहों पर होती है। देवास, नासिक, मैसूर और सालबोनी में ही रिज़र्व बैंक नोटों की छपाई का काम करता है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नासिक टकसाल ने नए डिज़ाइन किए गए 500 रुपये के नोट के 375.450 मिलियन नोट छापे, लेकिन आरबीआई के रिकॉर्ड बताते हैं कि अप्रैल 2015 और दिसंबर 2016 के बीच उसे केवल 345 मिलियन नोट मिले। एक अन्य आरटीआई जवाब में, करेंसी नोट प्रेस नासिक ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-2016 (अप्रैल 2015-मार्च 2016) में 500 रुपये के 210.000 मिलियन पीस की आपूर्ति आरबीआई को की गई थी।
भारतीय रिज़र्व बैंक नोट मुद्रण (पी) लिमिटेड, बेंगलुरु ने आरबीआई को 500 रुपये के 5,195.65 मिलियन नोटों की आपूर्ति की और बैंक नोट प्रेस, देवास ने 2016-2017 में आरबीआई को 1,953.000 मिलियन नोटों की आपूर्ति की, लेकिन आरबीआई को केवल 7,260 नोट मिले। रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों प्रिंटिंग प्रेसों से 500 रुपये के नए डिजाइन के नोट आरबीआई को मिले हैं। यानी आरबीआई को तीन टकसालों द्वारा मुद्रित 8810.65 मिलियन नोटों के मुकाबले केवल 7260 मिलियन बैंक नोट प्राप्त हुए।
आरटीआई एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय ने आरटीआई के जरिये इन नोटों की जानकारी हासिल की है। मनोरंजन ने 1760.65 मिलियन मिसिंग नोट पर सिक्योरिटी को लेकर सवाल उठाये हैं। मनोरंजन रॉय ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में नोट गायब होना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो और ईडी को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की है। रिपोर्ट के अनुसार, इन नोटों का जिक्र रिज़र्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में कुछ भी नहीं है।