Reserve Bank of India: 11वीं बार के बैठक में भी रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव

Monetary Policy : भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी के बैठक में यह फैसला लिया गया है कि रेपो रेट 4% पर ही बरकरार रहेगा।

Written By :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-04-08 11:32 IST

भारतीय रिजर्व बैंक (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

RBI Monetary Policy : भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) में आज रेपो रेट को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। रेपो रेट को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शशिकांत दास (Shashikant Das) ने आज ऐलान किया कि एक बार फिर रेपो रेट (Repo Rate) यानी की पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पूर्व की तरह ही रेपो रेट 4 प्रतिशत पर ही अभी रहेगा। शशिकांत दास ने बताया कि पहले की तरह ही रिवर्स रेपो रेट में 3.35% ही रहेगा।

मॉनिटरिंग पॉलिसी कमेटी की बैठक में हुआ फैसला

बता दें भारतीय रिजर्व बैंक का हमेशा पॉलिसी को लेकर मॉनिटरिंग पॉलिसी कमेटी (RBI Monitoring Policy Committee) के सदस्यों के साथ एक बैठक होता है। बैठक में पॉलिसी से जुड़े सभी फैसलों को लिया जाता है। यह लगातार 11वीं बैठक है जिसमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट को लेकर कोई बदलाव नहीं किया है। इसके पहले भी मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की 10 बैठकें हो चुकी हैं जिसमें रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था।

क्या कहा आरबीआई गवर्नर ने?

शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक के मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शशिकांत दास ने कहा कि इकॉनमी के लिए अकोमडेविक रुख बनाए रखने के लिए और सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए हमने रिवर्स रेपो रेट (reverse repo rate) में कोई बदलाव ना करने का फैसला किया है।

क्या होता है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट?

रेपो रेट भारतीय रिजर्व बैंक के कामकाज का वह दर है जिसके लिए कोई बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से शॉर्ट टर्म फंड उधार लेता है। इसी प्रकार रिवर्स रेपो रेट वह रेट होता है जिस पर कोई बैंक अपना कामकाज निपटाने के बाद बची हुई शेष राशि (Fund) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में जमा करता है।

बैठक में इस पर हुआ बदलाव

भारतीय रिजर्व बैंक के पॉलिसी मॉनिटरी कमेटी की बैठक में लिक्विडिटी एडजेस्टमेंट फैसिलिटी कॉरिडोर को बढ़ाने का फैसला किया गया। जिसे पहले से बढ़ाकर 50bps कर दिया गया है।

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