Retail Inflation Increase: 18 महीने के उच्चतम स्तर पहुंची खुदरा महंगाई दर, महंगी हो सकती है आपकी EMI

अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई दर 7 प्रतिशत के पार चला गया। भारत सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसद रहा।

Written By :  aman
Update:2022-05-12 18:39 IST

प्रतीकात्मक फोटो 

Retail Inflation Increases In India : देश में खुदरा महंगाई की दर आसमान पर पहुंच चुकी है। आंकड़े बता रहे हैं कि, खाने पीने की चीजों की बढ़ती दरों और लगातार ईंधन की बढ़ती कीमतों (High Fuel Prices ) की वजह से खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Data) बीते 18 महीने में उच्चतम स्तर पर जा पहुंची है।

अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Rate) 7 प्रतिशत के पार चला गया है। भारत सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Rate) 7.79 फीसद रहा। जबकि, मार्च 2022 में खुदरा महंगाई की दर 6.95 फीसदी रही थी।

RBI की तय लिमिट से बहुत अधिक दर

जानकारी के लिए बता दें कि, खुदरा महंगाई दर 7.50 प्रतिशत से से भी ऊपर करीब 7.79 फीसद पर जा पहुंचा है। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) द्वारा महंगाई दर के तय किए अपर लिमिट (upper limit) 6 प्रतिशत से बहुत अधिक है। अप्रैल में मॉनिटरी पॉलिसी (monetary policy) का ऐलान करते हुए RBI ने 2022-23 में महंगाई दर 5.7 फीसद रहने का अनुमान जताया था।

शहरी इलाकों में महंगाई दर ज्यादा 

एनएसओ के डाटा (NSO Data) के अनुसार देखें तो शहरी इलाकों में महंगाई की दरों में जबरदस्त इजाफा हुआ है। इसी साल मार्च महीने में शहरी इलाकों में खुदरा महंगाई दर 8.38 प्रतिशत रही। इसकी तुलना में ग्रामीण इलाकों में खुदरा महंगाई की दर 7.09 फीसदी रहा।

महंगे ईंधन से बढ़ी महंगाई

वैश्विक घटनाओं जैसे रूस- यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के चलते कच्चे तेल के दामों में उछाल (Crude Oil Price Hike) देखने को मिला। इसी साल 22 मार्च से सरकारी तेल कंपनियों (oil companies) ने ईंधन की कीमतें बढ़ानी शुरू की। जिसके बाद, पेट्रोल-डीजल 10 रुपए प्रति लीटर महंगा हो चुका है। महंगे डीजल का अर्थ है कि यातायात का महंगा होना।जिसके चलते वस्तुओं की कीमतों में उछाल देखने को मिला।

माल ढुलाई के चलते भी महंगाई बढ़ी

एक अप्रैल से घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमतों में दोगुनी वृद्धि हुई है। जिसके चलते पीएनजी (PNG) से लेकर एलपीजी तक महंगा हो चुका है। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते खाने के तेल से लेकर कई अन्य रोजमर्रा की वस्तुएं महंगी हुई हैं। महंगे डीजल के चलते ट्रांसपोर्टर्स ने भी 10 फीसदी तक माल भाड़ा बढ़ा दिया। माल ढुलाई के चलते भी महंगाई बढ़ी है।

खुदरा महंगाई दर में इजाफा, महंगा होगा कर्ज

गौरतलब है कि, इसी महीने 4 मई को रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी का ऐलान किया था। इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने कैश रिजर्व रेशियो यानी सीआरआर (CRR) में भी 50 बेसिस प्वाइंट (basis point) की बढ़ोतरी की थी। इसका असर ये हुआ, कि एक के बाद एक बैंक तथा हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने होम लोन से लेकर अन्य सभी तरह के लोन महंगे हो गए हैं। साथ ही, लोन ले चुके पुराने ग्राहकों की ईएमआई भी महंगी होती जा रही है।

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